पेण्ड्रा/दिनांक 07 सितम्बर 2023
दूषित प्रक्रिया से चुने हुए स्कूल में पदभार ग्रहण करने के शासन के आदेश पर उठ रहे सवाल
काउंसिलिंग में पूरे रिक्त स्कूलों को नहीं दिखाने से हुआ शासन के नियम का उल्लंघन
जेडी की लापरवाही से पीड़ित शिक्षकों को पड़ी दोहरी मार
दोषी अधिकारी, कर्मचारी, दलालों की गिरफ्तारी की मांग
पेण्ड्रा/ शिक्षक पोस्टिंग संशोधन शासन द्वारा निरस्त करने के आदेश से प्रभावित शिक्षकों में असंतोष बढ़ गया है, क्योंकि काउंसलिंग में जेडी द्वारा रिक्त स्कूलों को छिपाने से पूरी की पूरी काउंसिलिंग प्रक्रिया ही जब दूषित हो गई थी तो फिर उन्हें उस दूषित प्रक्रिया से चुने हुए स्कूल में पदभार ग्रहण करने के शासन के आदेश पर सवाल उठाए जा रहे हैं। क्योंकि काउंसिलिंग में रिक्त स्कूलों को छिपाकर शासन के बनाए नियमों का खुला उल्लंघन जेडी के द्वारा किया गया था। इसलिए असंतुष्ट शिक्षकों का पारदर्शी तरीके से पुनः काउंसिलिंग कराकर पोस्टिंग करने की मांग ने जोर पकड़ लिया है।
इस मामले के मुख्य शिकायतकर्ता कांग्रेस नेता डॉ नरेन्द्र राय ने कहा कि जब शासन के नियमानुसार पारदर्शी तरीके से काउंसिलिंग ही नहीं हुआ था तो फिर उन्हीं स्कूलों में वापस पोस्टिंग का आदेश देना भी गलत है। उन्होंने मांग किया है कि काउंसिलिंग से असंतुष्ट शिक्षकों से अभ्यावेदन लेकर सभी रिक्त पदों को सार्वजनिक कर शासन फिर से काउंसिलिंग कराए जिससे कि कांग्रेस सरकार की नीति से सभी संतुष्ट हों।
उन्होंने मांग किया कि संशोधन प्रभावित सभी शिक्षकों को शासन आश्वासन दे कि उनसे अवैध रूप से वसूले गए रुपयों को शासन दलालों से वापस कराएगी और दलालों तथा संलिप्त सभी अधिकारियों कर्मचारियों के विरूद्ध कड़ी कानूनी कार्यवाही करेगी।
डॉ नरेंद्र राय ने कहा कि जेडी कार्यालय बिलासपुर में पदस्थ एक सहायक संचालक ने आदिवासी क्षेत्र के शिक्षकों से करोड़ों रुपयों का वसूली किया है उसके बाद वह अब भी अपने पद पर बना हुआ है। उन्होंने उक्त सहायक संचालक सहित सस्पेंड किए गए जेडी एसके प्रसाद और क्लर्क विकास तिवारी के विरूद्ध अपराध दर्ज कराने की मांग की है।
बता दें कि शिक्षक पोस्टिंग संशोधन घोटाले में शासन ने 4 सितम्बर को बड़ी कार्यवाही करते हुए राज्य में हुए 2723 संशोधन को निरस्त कर 10 दिन के भीतर पूर्व चयनित स्कूल में कार्यभार ग्रहण करने का आदेश दिया है।
चुनावी साल में संशोधन वाले शिक्षकों का असंतोष पुनः काउंसलिंग से दूर होगा
यह चुनावी वर्ष है। ऐसे में 2723 संशोधन प्रभावित शिक्षकों का असंतोष खत्म करने के लिए पुनः काउंसलिंग कराना होगा। क्योंकि ये शिक्षक दोहरे अन्याय के शिकार हो गए हैं। एक अन्याय उनके साथ काउंसलिंग में जेडी ने रिक्त स्कूलों को छिपाकर किया, जिससे वो मनचाहा स्कूल नहीं चुन पाए थे और फिर अब उनका संशोधन भी निरस्त कर दिया गया है। ऐसे में ये आर्थिक और मानसिक रूप से परेशान हो गए हैं।


