शिक्षक पोस्टिंग संशोधन घोटाला
जितने ट्रांसफर शिक्षा विभाग ने 5 साल में नहीं किए, उससे ज्यादा संशोधन 4 जेडी ने एक माह में कर दिए
सीएम भूपेश बघेल ने कहा सभी संशोधन निरस्त होंगे
शासन की समन्वय समिति ने 9 अगस्त को संशोधन निरस्त कर हाईकोर्ट में कैवीएट लगाया
संशोधन कराने वाले शिक्षकों को सरकारी गवाह बनाने से कई चेहरे होंगे बेनकाब
संशोधन के खेल में शामिल बिलासपुर जेडी ऑफिस के अधिकारी, कर्मी और शिक्षक नेताओं पर कार्यवाही का इंतजार
बिलासपुर/रायपुर/
बिलासपुर संभाग में 1063 सहित प्रदेश के 4 संभागों में किए गए 4200 पदोन्नत शिक्षकों के पोस्टिंग संशोधन आदेश निरस्त किए जाएंगे। बिलासपुर दौरे में आए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने यह बात कही। सीएम के बयान के बाद से शिक्षा विभाग और दलालों में हड़कंप मचा हुआ है। बता दें कि मुख्यमंत्री की अध्यक्षता वाले शासन की समन्वय समिति ने 9 अगस्त को संशोधन निरस्त कर दिया है और 29 अगस्त को बिलासपुर हाईकोर्ट में कैविएट भी दायर कर दिया है जिससे कि कोई भी संशोधन निरस्ती के खिलाफ स्टे न ले पाए।
गौरतलब है कि चारों संभाग के जेडी ने एक माह में जितने पोस्टिग संशोधन कर दिए उतने ट्रांसफर 5 साल में शिक्षा विभाग में नहीं हुए थे, इसलिए शासन ने पोस्टिंग संशोधन के खिलाफ कड़ा रुख अख्तियार किया है।
शासन ने प्रदेश के सभी संभागों में सहायक शिक्षकों का शिक्षक और शिक्षकों का मिडिल स्कूल के एचएम पद पर पारदर्शी तरीके से प्रमोशन और पोस्टिंग करने के लिए काउंसिलिंग प्रक्रिया अपनाई थी। लेकिन बिलासपुर सहित रायपुर, दुर्ग, सरगुजा संभाग के ज्वाइंट डायरेक्टर ने रुपया उगाही का तरीका इजाद करते हुए शहरी क्षेत्रों के आसपास के रिक्त पदों को काउंसिलिंग से छिपा दिया जिससे प्रमोशन पाने वाले शिक्षक को मजबूरन दूर दराज के स्कूल लेने पड़े।
फिर इसके बाद दलालों के माध्यम से डेढ़ लाख से साढ़े तीन लाख रूपये तक की उगाही करके पोस्टिंग आदेेश में संशोधन का खेल खेला गया जिसके कारण बिलासपुर संभाग में 1063 सहित लगभग 4200 संशोधन चारों संभाग में करके करोड़ों रुपयों की उगाही करके की गई।
इस मामले की शिकायत मुख्यमंत्री से होने के बाद उनके निर्देशन में जांच किया गया था जिसमें सबसे बड़ा खेल बिलासपुर में सामने आया, जहां तत्कालीन संभागीय कमिश्नर भीम सिंह के द्वारा कराई गई जांच में एजुकेशन के स्कूलों में 778 और ट्राइबल के स्कूलों में 285 सहित 1063 पोस्टिंग संशोधन करने का मामला सामने आया। इसके बाद कमिश्नर की जांच रिपोर्ट के आधार पर तत्कालीन बिलासपुर जेड एसके प्रसाद और क्लर्क विकास तिवारी को सस्पेंड कर दिया गया था।
संशोधन के खेल में शामिल बिलासपुर जेडी ऑफिस के अधिकारी, कर्मी और शिक्षक नेताओं पर कार्यवाही का इंतजार
रुपयों की उगाही कर संशोधन के इस पूरे खेल में शामिल बिलासपुर संभागीय कार्यालय में पदस्थ सहायक संचालक पर अब तक कार्यवाही नहीं हुई है, जबकि कई शिक्षकों से लेनदेन में उनका नाम भी सामने आ रहा है। वहीं इस घोटाले में शिक्षक नेता भी शामिल हैं। इन सभी पर कार्यवाही का लोगों को इंतजार है।
संशोधन कराने वाले शिक्षकों को सरकारी गवाह बनाया जाना चाहिए
दूरस्थ इलाकों में पोस्टिंग होने के बाद पोस्टिंग संशोधन कराना बहुत से शिक्षकों की मजबूरी थी। इसी मजबूरी का फायदा उठाकर इनसे लाखों रुपए की उगाही की गई। संशोधन निरस्ती के बाद इनका रूपया इन्हें वापस दिलाने के लिए शासन द्वारा इन्हें संरक्षण देना चाहिए और इन्हें सरकारी गवाह बनाया जाना चाहिए जिससे कि ये उन दलालों और अधिकारियों का नाम उजागर कर सकें जिनके कारण संशोधन घोटाले को अंजाम दिया गया है।


