युक्तियुक्तकरण गड़बड़ी : बीईओ छुरा कब होगा निलंबित दो अन्य बीईओ के ऊपर कार्यवाही कहा अटकी हाईप्रोफाइल सेटिंग के आगे……. कलेक्टर का प्रस्ताव भी बेअसर
(दखल छत्तीसगढ़ न्यूज़ )
गरियाबंद गरियाबंद जिले मे गत दिनों हूए अतिशेष शिक्षकों का युक्तियुक्त करण के तहत काउंसिलिंग उपरांत पदस्थापना मे बड़े पैमाने पर हुये गड़बड़ी का मामला सामने आया था जिसमें जिले के छुरा विकासखंड शिक्षा अधिकारी किशुन राम मतावाले क़ो गड़बड़ी करने का दोषी मानते हुये कलेक्टर गरियाबंद नें निलंबित करने प्रस्ताव शासन यानी शिक्षा सचिव क़ो भेजा गया था। गड़बड़ी क़ी खबर मीडिया मे आने उपरांत उक्त कार्यवाही का प्रस्ताव बना कर भेजा गया नियमतः प्रदेश मे यह अपने तरह का हट कर प्रस्ताव था सामान्यतः प्रदेश मे सात से आठ बीईओ निलंबित किये गये जिन्हें निलंबित करने का प्रस्ताव संभागायुक्त क़ो भेजा गया जहा निलंबन क़ी कार्यवाही त्वरित हुई परंतु विभाग प्रमुख क़ो भेजे गये प्रस्ताव पर अब तक कोई कार्यवाही ना होना विभाग के कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान उठा रहा लोगो क़ो आशंका है क़ी हाईप्रोफाइल सेटिंग के तहत निलंबन प्रस्ताव क़ो सचिवालय या संचनालय मे ही दबा तो नहीं दिया कहीं बचाने के चक्कर मे सचिव तक नहीं पहुंचाया गया हों सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार निलंबन कार्यवाही से बचने नीचे से ऊपर मैनेज किया गया है मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के ही विभाग मे अंदर खाने चल् रहे इस मैनेजमेंट का खेल कही ना कही दोषियों क़ो बचाने सरकार क़ो बदनाम करने क़ी साजिश तो नहीं।
वहीं युक्तियुक्तकरण समिति मे शामिल दो और बीईओ जिनकी गड़बड़ी उजागर हुई उनपर किसी प्रकार क़ी कार्यवाही नहीं हुई यह भी विभागीय कार्यवाहियों पर प्रश्न चिन्ह लगा रहा।
वहीं जिले के दो अन्य बीईओ जिनमें मैनपुर बीईओ महेश राम पटेल और फिंगेश्वर बीईओ रामेंद्र जोशी के विरुद्ध भी युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया मे गड़बड़ी का आरोप शिक्षकों ने लगाया था छुरा बीईओ के आरोप के समान ही आरोप हैं दूसरी ओर जिला कलेक्टर का प्रस्ताव लगभग 15-20 रोज हो गये परंतु निलंबन प्रस्ताव पर कोई कार्यवाही नहीं हो रहा। जिससे शिक्षा विभाग के उच्च कार्यालय की छवि धूमिल हो रही।


