युक्तियुक्तकरण में व्यापक भ्रष्टाचार, अनियमितता एवं विसंगतियों की शिकायत को लेकर शिक्षक साझा मंच मिला शिक्षा सचिव व डीपीआई से…
भ्रष्ट अधिकारियों पर कठोर कार्यवाही की मांग की…. मांग पत्र व ज्ञापन भी सौंपा….
रायपुर //-
आज शिक्षक साझा मंच के संचालक मंडल की मंत्रालय व संचनालय दौरा हुआ तथा शिक्षा सचिव व डीपीआई से मुलाकात हुई। प्रदेश संचालक मनीष मिश्रा, वीरेंद्र दुबे, केदार जैन, संजय शर्मा, विकास राजपूत, जाकेश साहू, शंकर साहू, धरम दास बंजारे, विष्णु प्रसाद साहू, अनिल टोप्पो एवं सहसंचालक बसंत चतुर्वेदी व वेदकुमारी यादव ने बताया कि युक्तियुक्तकरण के तहत जिलों व संभाग में काउंसलिंग किया गया, पूरे प्रदेश में अधिकांश जगह नियमों के विपरीत प्रक्रिया अपनाया गया, शिक्षक साझा मंच ने गड़बड़ी करने वाले अधिकारियों पर कड़ी कार्यवाही करने की मांग की है, 30 जुलाई तक दोषी अधिकारियों को चिन्हांकित कर कार्यवाही नहीं होने एवं त्रुटि में सुधार नहीं होने पर 1 जुलाई को सभी ब्लॉक मुख्यालय में धरना प्रदर्शन किया जाएगा।
शिक्षक साझा मंच ने शिक्षा सचिव सिद्धार्थ कोमल परदेशी एवं संचालक ऋतुराज रघुवंशी से मुलाकात करके ज्ञापन सौंपा। जिन प्रमुख आपत्तियो पर ज्ञापन सौंपा गया वह निम्नानुसार हैं:-
01. रायपुर जिले के किसी भी वि ख व जिले में शिक्षकों के किसी भी पद की अतिशेष सूची का प्रकाशन ही नहीं किया गया जिसके कारण अतिशेष चिन्हांकित शिक्षकों के विषय में विभाग द्वारा की गई कार्यवाही की शुद्धता का परीक्षण नहीं किया जा सका। ऐसी स्थिति राज्य के अन्य जिलों में भी है।
2. अतिशेष चिन्हांकित शिक्षकों को काउंसलिंग के पहले दिन रात को व्यक्तिगत रूप से अचानक सूचना दी गई।
3. अतिशेष चिन्हांकित शिक्षकों को दावा-आपत्ति का कोई अवसर नहीं दिया गया।
4. काउंसलिंग स्थलों पर भी शिक्षकों की आपत्तियों को स्वीकार नहीं किया गया।
5. काउंसलिंग स्थलों में आपत्तियों के निराकरण हेतु कोई भी सक्षम अधिकारी उपस्थित नहीं रहे।
6. रायपुर जिले में प्राथमिक शालाओं में उस संस्था के वरिष्ठ सहायक शिक्षकों को अतिशेष चिन्हांकित कर काउंसलिंग में बुलाया गया। कनिष्ठ सहायक शिक्षकों को उन्हीं शालाओं में यथावत रखा गया है।
7. पूर्व माध्यमिक शालाओं में शिक्षकों को मनचाहे तरीके से किसी भी विषय का शिक्षक मान लिया गया। विषय के चिन्हांकन के लिए कोई ठोस और तर्कसंगत आधार नहीं रखा गया।
8. जिन शालाओं से अतिशेष शिक्षक चिन्हांकित किए गए उन्हीं शालाओं में रिक्त पद दिखाते हुए शिक्षकों को पद भी आबंटित किए गए।
9. हाईस्कूल और हायर सेकंडरी स्कूलों में किसी विषय के पदस्थ एक मात्र व्याख्याता को भी अतिशेष चिन्हांकित कर दिया गया। जबकि अनेक शालाओं में सेट अप से अधिक कार्यरत व्याख्याताओं को भी अतिशेष चिन्हांकित नहीं किया गया।
10. कुछ हायर सेकंडरी स्कूलों में व्याख्याता के पद रिक्त नहीं होने के बाद अतिशेष व्याख्याताओं को पद आबंटित किया गया।
11. आत्मानंद विद्यालयों में प्रतिनियुक्ति के लिए असहमति देने वाले अनेक शिक्षकों अतिशेष चिन्हांकित नहीं किया गया। अनेक पी एम श्री विद्यालयों को भी अतिशेष की गणना से मुक्त रखा गया है जो कि उचित नहीं है।
12. अनेक शालाओं में पद रिक्त होने के बावजूद भी काउंसलिंग में उन पदों को रिक्त नहीं दिखाया गया। अनेक एकल शिक्षकीय शाला अभी भी एकल शिक्षकीय रहेंगे।
13. काउंसलिंग में शिक्षकों की वरिष्ठता को लेकर भारी आपत्तियां रही किन्तु इनका समुचित समाधान नहीं किया गया।
14. पूरी प्रक्रिया में अधिकांश जिलों में भाई-भतीजावाद व निरंकुशता की शिकायतें मिल रही है। अधिकांश जिलों में विभागीय अधिकारियों की संलिप्तता भी उजागर हो रही है।
15. कुछ संभाग में 07/06/2025 को संभागस्तरीय काउंसलिंग का आयोजन किया जा रहा है लेकिन 06/06/2025 को रात तक भी शिक्षकों को सूचना नहीं दी गई है। ऐसी स्थिति में उपयुक्त स्थान चयन तो दूर उनका काउंसलिंग में संभाग मुख्यालय में पंहुचना संभव नहीं हो पा रहा है। उन्हें अनुपस्थित मानते हुए एकतरफा शाला आबंटित करना उनके साथ अन्याय होगा।
16. बिलासपुर संभाग स्तर पर हुए काउंसलिंग में शिक्षक कला संकाय के रिक्त पद नहीं होने के उपरांत भी आवश्यकता के आधार पर रिक्त पद सृजित कर पदस्थापना दिया गया है जिसमें जांजगीर चांपा जिले में एक भी रिक्त पद नहीं दिखाया गया, जिसके कारण जिले के बाहर अन्य जिलों में पदांकन किया गया।
17. पूरे प्रदेश में जिले के बाहर किए गए पदांकन को निरस्त कर जिलों में आवश्यकता के आधार पर जिले अन्तर्गत अन्य रिक्त विषयों में पदांकन कर समायोजन किया जाये ताकि जिले में पढ़ाई का स्तर बाधित न हो एवं रिक्त पदों की पूर्ति हो सके।
18. जांजगीर चांपा जिले में सहायक शिक्षक व शिक्षक के काउंसलिंग में अलग अलग मापदंड अपनाया गया, सहायक शिक्षक के काउंसलिंग में असहमति लिखकर देने वालों को पदांकन किया गया और वहीं शिक्षक के काउंसलिंग में असहमति लिखकर देने वालों के नीचे क्रम से नाम को काउंसलिंग में शामिल कर पदांकन किया गया तथा असहमति लिखकर देने वालों का नाम संभाग स्तर के काउंसलिंग के लिए भेज दिया गया, इस तरह एक ही जिले में अलग अलग मापदंड अपनाया गया।
19. काउंसलिंग के पश्चात कुछ अधिकारी संलग्निकरण कर रहे है, उन अधिकारियों के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही किया जावे।
शिक्षक साझा मंच छत्तीसगढ़ द्वारा चार सूत्रीय मांग का भी ज्ञापन सौंपा गया जो निम्नानुसार है :-
1. – 2/8/2024 को जारी नियम के तहत हुए विद्यालय एवं शिक्षकों का युक्तियुक्तकरण तत्काल स्थगित किया जाए। यह सेटअप 2008 के विपरीत है। विद्यालय में सेटअप 31/03/ 2008 में वित्त विभाग द्वारा स्वीकृत पद के अनुरूप प्राथमिक विद्यालयों में 60 विद्यार्थियों पर एक प्रधान पाठक एवं दो सहायक शिक्षक तथा पूर्व माध्यमिक शाला में एक प्रधान पाठक व चार शिक्षक का पद यथावत रखा जावे। वाणिज्य संकाय के पद को कम न किया जावे
2. क्रमोन्नत वेतनमान – माननीय उच्च न्यायालय बिलासपुर WA 261/2023 डबल बैंच के दिनांक 28/02/2024 को पारित निर्णय अनुसार श्रीमती सोना साहू शिक्षक पंचायत/शिक्षक एल बी को पंचायत व शिक्षा विभाग का पूर्व सेवा अवधि की गणना कर एरियर्स सहित क्रमोन्नत वेतनमान भुगतान किया गया है। श्रीमती सोना साहू की तरह प्रदेश के सभी पात्र शिक्षक एल.बी. संवर्ग के लिए एरियर्स सहित क्रमोन्नत वेतनमान भुगतान के लिए जनरल आदेश जारी किया जाए।
3. बीएड प्रशिक्षण अनिवार्यता शिथिल किया जाय -पूर्व की भांति शिक्षक से व्याख्याता एवं व्याख्याता से प्राचार्य पदोन्नति के लिए बी.एड. प्रशिक्षण अनिवार्यता शिथिल कर डी.एड. प्रशक्षित शिक्षक संवर्ग को पदोन्नति हेतु अवसर प्रदान किया जाए। प्राचार्य के 10% पदों पर विभागीय परीक्षा के माध्यम से तत्काल किया जाए।
4. शिक्षक एल.बी. संवर्ग को प्रथम नियुक्ति तिथि से सेवा गणना कर पेंशन सहित समस्त लाभ प्रदान किया जाए।
आज के प्रतिनिधिमंडल में शिक्षक साझा मंच छत्तीसगढ के प्रदेश संचालक मनीष मिश्रा, वीरेन्द्र दुबे, केदार, संजय शर्मा, विकास राजपूत, जाकेश साहू, शंकर साहू, धरमदास बंजारे, विष्णु प्रसाद साहू, अनिल कुमार टोप्पो, सह संचालक बसंत चतुर्वेदी, वेदकुमारी यादव आदि शामिल थे।


