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पोस्टिंग संशोधन घोटाला : टीचर्स डे से पहले बड़े भ्रष्टाचार पर शासन ने सर्जिकल स्ट्राइक कर 2723 पोस्टिंग संशोधन किया निरस्त संशोधन गैर कानूनी माना गया क्योंकि जेडी ने काउंसिलिंग में रिक्त स्कूलों की जानकारी छिपाई थी

पेण्ड्रा/दिनांक 05 सितम्बर 2023

टीचर्स डे से पहले बड़े भ्रष्टाचार पर शासन ने सर्जिकल स्ट्राइक कर 2723 पोस्टिंग संशोधन किया निरस्त

संशोधन गैर कानूनी माना गया क्योंकि जेडी ने काउंसिलिंग में रिक्त स्कूलों की जानकारी छिपाई थी

पीड़ित शिक्षक न्याय की गुहार लगाने हाईकोर्ट की शरण में जाकर पारदर्शी काउंसिलिंग की मांग कर सकते हैं

जेडी पर कूट रचना करने का अपराध दर्ज करने की मांग

पेण्ड्रा/बिलासपुर/
पोस्टिंग संशोधन घोटाले में शासन ने बड़ी कार्यवाही करते हुए राज्य में हुए 2723 संशोधन को निरस्त कर काउंसिलिंग में चयनित किए स्कूल में 10 दिन के भीतर पदभार ग्रहण करने का आदेश दिया है। बिलासपुर संभाग में भी 799 संशोधन निरस्त किया गया है। हालांकि इस पूरे मामले में संशोधन कराने वाले शिक्षकों की गलती नहीं है, क्योंकि उनके साथ संयुक्त संचालकों ने भ्रष्टाचार की नीयत से काउंसिलिंग में कूट रचना कर रिक्त स्कूलों की जानकारी छिपाई। जिससे उन्हें दूरस्थ इलाकों के स्कूल चुनने पड़े। फिर दलालों के माध्यम से उनपर मानसिक दबाव बनाते हुए रुपयों की उगाही करके उनके पोस्टिंग आदेश को संशोधित कर उन स्कूलों में पोस्टिंग दिया गया, जिन स्कूलों को काउंसिलिंग में छिपाया गया था। प्रभावित शिक्षकों की मांग है कि सभी रिक्त स्कूलों की सूची सार्वजनिक कर उनका फिर से पारदर्शी तरीके से काउंसिलिंग कराया जाना चाहिए जिससे उनके साथ न्याय हो और लोगों में संदेश जाए कि शासन पारदर्शी प्रक्रिया अपनाकर पोस्टिंग कर रही है।

बता दें कि सहायक शिक्षक से शिक्षक और शिक्षक से मिडिल स्कूल के प्रधान पाठक पद पर पदोन्नति के बाद काउंसिलिंग से पोस्टिंग करने का आदेश शासन ने दिया था। इसके बाद भ्रष्टाचार की नीयत से संयुक्त संचालकों ने काउंसिलिंग में आधे रिक्त पदों को छिपा लिया और उसके बाद बड़े पैमाने पर संशोधन कर भ्रष्टाचार का खेल खेला।

इस भ्रष्टाचार का शिकायत मरवाही के कांग्रेस नेता डॉ नरेन्द्र राय ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से किया था। जिसके बाद कमिश्नर की जांच में पूरे भ्रष्टाचार का खुलासा हुआ। इसलिए सरकार ने बड़ी कार्यवाही करते हुए शासन में 2000 से ज्यादा संशोधन निरस्त करने का आदेश मंगलवार को जारी किया है। इससे शिक्षा विभाग में हड़कंप मचा हुआ है।

अब रुपया वापस करने का दबाव पड़ेगा दलालों पर

बता दें कि इस पूरे भ्रष्टाचार को सुनियोजित तरीके से रैकेट बनाकर संयुक्त संचालकों में अंजाम दिया। इसलिए अब रुपया वापस करने के लिए दलालों पर दबाव पड़ेगा। रुपया वापस नहीं लौटाने की स्थिति में उगाही करने वाले रैकेट का भी खुलासा होगा। यदि शासन पीड़ित शिक्षकों को संरक्षण देने का आश्वासन देगी तो बड़ी संख्या में शिकायतकर्ता के रूप में पीड़ित शिक्षक सामने आएंगे और करोड़ों रुपए के भ्रष्टाचार का खुलासा करेंगे।

पीड़ित शिक्षकों की पुनः काउंसलिंग होनी चाहिए

पारदर्शिता बनाने के लिए शासन को पीड़ित शिक्षकों का पुनः काउंसलिंग कराना चाहिए और काउंसलिंग में समस्त रिक्त पदों को सार्वजनिक भी करना चाहिए जिससे कि शिक्षक मनचाहे स्थल पर अपनी पोस्टिंग करा सके और किसी भी तरह के मानसिक दबाव एवं आर्थिक शोषण से बच सके।

शासन ने दायर किया कैविएट, फिर भी पीड़ितों न्याय की गुहार लगाएंगे

पोस्टिंग संशोधन निरस्त करने से पहले शासन ने 29 अगस्त को हाईकोर्ट में कैविएट दायर कर दिया है। उसके बावजूद पीड़ित शिक्षक न्याय की गुहार लगाने हाईकोर्ट की शरण में जाएंगे क्योंकि उनके साथ काउंसलिंग में बहुत बड़ा अन्याय हुआ था। यदि सभी रिक्त पदों को सार्वजनिक करके काउंसलिंग किया जाता तो निश्चित तौर पर संशोधन की स्थिति निर्मित ही नहीं होती और पीड़ित शिक्षकों का आर्थिक एवं मानसिक शोषण भी नहीं होता।

संयुक्त संचालकों पर कूट रचना करने का अपराध दर्ज करने की मांग

इस मामले में शिकायतकर्ता डॉ नरेंद्र राय ने सभी संयुक्त संचालकों के खिलाफ कूट रचना करने का थाने में अपराध दर्ज कराने की मांग शासन से की है। उनका कहना है कि यदि संयुक्त संचालकों के द्वारा कूट रचना करके रिक्त पदों को नहीं छुपाया जाता तो इस तरह के भ्रष्टाचार की नौबत ही नहीं आती। उन्होंने कहा कि इससे शासन की छवि पर विपरीत प्रभाव पड़ा है, इसलिए संयुक्त संचालकों के विरुद्ध अपराध दर्ज कराकर उन्हें जेल भेजा जाना जरूरी है।

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