समर कैम्प लगाने जबर्दस्ती दबाव, शिक्षकों में आक्रोश
प्रोत्साहन के नाम पर स्वैच्छिक को बनाया जा रहा जबर्दस्ती
छुरिया //-
“शिक्षक एलबी संवर्ग छत्तीसगढ़” एवं “छग.प्रधान पाठक मंच” ने समर कैम्प के बहिष्कार की घोषणा की है।
समस्त प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में विज्ञप्ति जारी करते हुए संगठन के प्रांताध्यक्ष जाकेश साहू, कार्यकारी प्रांताध्यक्ष परस राम निषाद, प्रांतीय पदाधिकारीगण रमेश मंडावी, महेंद्र भगत, हितेश कश्यप, देवेश सिन्हा, मिना गजभिए, त्रिवेणी साहू, सरोज नेताम, जानकी सिन्हा, जिलाध्यक्षद्वय परमेश्वर साहू, पुरुषोत्तम शर्मा, महेंद्र टंडन, बरत राम रत्नाकर, महेश्वर कोटपरहिया, उत्तम कुमार जोशी, भानु साहू, आसिफ खान आदि ने संयुक्त बयान जारी करते हुए बताया कि राज्य के विभिन्न विकासखण्डों में समर कैंप लगाने के नाम पर शिक्षको को ग्रीष्मावकाश में बेवजह जबर्दस्ती प्रताड़ित व परेशान किया जा रहा है।
एक ओर जहां राज्य सरकार द्वारा एक मई से 15 जून तक शिक्षकों एवं बच्चों का ग्रीष्मकालीन अवकास घोषित किया जा चुका है वहीं दूसरी ओर स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा शिक्षकों पर ग्रीष्मावकाश में भी समर कैंप लगाने हेतु जबरदस्ती विभागीय दबाव बनाया जा रहा है।
संगठन के प्रांताध्यक्ष जाकेश साहू, कार्यकारी प्रांताध्यक्ष परसराम निषाद एवं आसिफ खान ने बताया कि राज्य शासन द्वारा एक ओर जहां विभागीय अधिकारियों के माध्यम से समर कैंप को स्वैच्छिक बताकर यह आदेश निकाला गया है कि समर कैंप के लिए शिक्षकों एवं स्कूली बच्चों पर जबर्दस्ती दबाव नहीं डाला जाएगा। वहीं दूसरी विभिन्न जिलों एवं ब्लाकों में सम्बन्धित संकुलों के विभागीय व्हाट्सएप ग्रुपों के माध्यम से शिक्षकों पर समर कैम्प लगाने हेतु जबर्दस्ती दबाव बनाया जा रहा है जिससे विभाग के प्रति राज्य के एक लाख से अधिक शिक्षकों में जबर्दस्त आक्रोश एवं गुस्सा है।
समर कैंप को विभागीय अधिकारियों द्वारा ऊपरी तौर पर स्वैच्छिक कहा जा रहा है। जबकि उन्ही अधिकारियों द्वारा संकुल समन्वयको के माध्यम से विकासखण्ड स्तर पर विभिन्न व्हाट्सएप ग्रुप बनाकर शिक्षकों पर अंदरूनी तौर पर विभागीय डर दिखाकर जबर्दस्ती दबाव बनाया जा रहा है।
अधिकारियों द्वारा यह कार्य सिर्फ और सिर्फ राज्य सरकार और शासन प्रशासन से वाहवाही लूटने के लिए किया जा रहा है। जिनका शिक्षको ने खुलकर विरोध किया है।


