प्राथमिक शाला सिर्रीखुर्द के समर कैंप मे बच्चों ने जाना- हमर संस्कृति हमर पहचान
प्राथमिक शाला सिर्रीखुर्द के समर कैंप मे एक भारतीय भाषा सीखे- अंतर्गत पंचम दिवस संस्कृति की सराहना, श्रवण कौशल, सशस्त्र बलों/स्वतंत्रता संग्राम सेनानी कलाकारों/प्रतिष्ठित स्थानीय नागरिकों के बारे में जागरूकता पर प्रकाश डाला गया।
शिक्षक खोमन सिन्हा ने बताया कि संस्कृति हमारी पहचान है। हम कुछ परंपराओं को देखकर जानते हैं और कुछ रीति रिवाज को हमारे पूर्वजों द्वारा बताया जाता है। हमारी संस्कृति सिखाती है कि हमें हमेशा बड़ों का सम्मान करना चाहिए। हर सुबह का शुरुआत माता-पिता के प्रणाम से होना चाहिए साथ ही परिवार के सभी लोगों का अभिवादन करना हमारा कर्तव्य है। सशस्त्र बल हमारे भारत देश का रक्षक है। विगत दिनों अभी पहलगाम में आतंकवादियों के द्वारा भारतीयों का हत्या कर दिया गया था जिसके जवाब में हमारे देश के द्वारा ऑपरेशन सिंदूर चलाया गया जिसमें हमारे देश के सेनानियों का विशेष योगदान रहा और यह ऑपरेशन सफल रहा दुश्मनों को घुटना टेकने पर मजबूर कर दिया। यह कहना अतिशयोक्ति नहीं होगा कि हम चैन की नींद तभी सो पाते हैं जब हमारे देश के जवान रात रात भर जाग हमारे देश की सीमाओं की रक्षा करते हैं। हमारे छत्तीसगढ़ में विभिन्न क्षेत्रों में कलाकारों के द्वारा अपनी प्रतिभाओं को जनमानस के पटल पर रखा जा रहा है। हमारा छत्तीसगढ़ सरकार इनकी प्रतिभाओं को मंच प्रदान करने के उद्देश्य से प्रतिवर्ष राज्योत्सव, राजिम कुंभ मेला, गिरौदपुरी मेला, शिवरीनारायण मेला आदि का आयोजन कर रही है जिसमें इन कलाकारों को अपने कला को प्रदर्शित करने का अवसर दिया जा रहा है और सर्वश्रेष्ठ कलाकारों को पुरस्कृत भी किया जाता है। समर कैंप मे ग्राम के आमंत्रित प्रतिष्ठित स्थानीय नागरिक के रूप में उपस्थित बहुरराम साहू, सुकलाल साहू, देवलाल वर्मा का संस्था के प्रधान पाठक जगन्नाथ ध्रुव के द्वारा स्वागत सम्मान किया गया और उनके उपलब्धियां के बारे में बच्चों को बताया गया। बच्चों ने संस्कृति की सराहना सशस्त्र बलों का योगदान स्थानीय कलाकारों के बारे में जानकारी पाकर बहुत ही प्रसन्न हुए। पंचम दिवस पर संस्था के प्रधान पाठक जगन्नाथ ध्रुव शिक्षक घनश्याम कंवर दुर्गेश विश्वकर्मा लीलाराम मतावले झंकेस सिन्हा के साथ सभी छात्र-छात्राएं शिक्षक खोमन सिन्हा उपस्थित रहे।