छत्तीसगढ़ समाचार

जाकेश साहु एक अकेला प्रदेश अध्यक्ष अपने साथियो की पदोन्नति के लिए पहुचा मंत्रालय

प्रांताध्यक्ष जाकेश साहू एक बार फिर पहुंचे मंत्रालय/संचालनालय ……
शिक्षक एलबी संवर्ग के विभिन्न समस्याओं के संबंध में सौंपा ज्ञापन……
स्थानांतरित शिक्षक, पूरक ट्रांसफर सूची निकालने, एरियार्श राशि निकालने, तकनीकी त्यागपत्र मुद्दा, संस्कृत एवं अंग्रेजी स्नातकोत्तर को पदोन्नति में पात्रता देने, यूडीटी में प्रधान पाठकों को भी प्रमोट करने, आदि के संबंध में ज्ञापन सौंपा……

रायपुर //-
“छत्तीसगढ़ प्राथमिक प्रधान पाठक/यूडीटी मंच” के प्रदेश अध्यक्ष एवं प्रदेश के तेजतर्रार शिक्षक नेता जाकेश साहू कल चार नवंबर को एक बार फिर मंत्रालय पहुंचकर शिक्षक एलबी संवर्ग के विभिन्न समस्याओं के संबंध में प्रदेश के महामहिम राज्यपाल, मुख्यमंत्री, शिक्षामंत्री, मुख्य सचिव, शिक्षा सचिव, पंचायत सचिव, संचालक – लोकशिक्षण संचालनालय एवं अन्य उच्चाधिकारियों के नाम उक्त सारी समस्याओं के निराकरण के संबंध में ज्ञापन सौंपा।
*स्थानांतरित शिक्षको की वरिष्ठता बहाल की जाए :-*
स्थानांतरित शिक्षकों की वरिष्ठता बहाल करते हुए प्रदेश के समस्त स्थानांतरित शिक्षकों को उनकी प्रथम नियुक्ति तिथि से वरिष्ठता की गणना कर अविलंब पदोन्नति दी जाए।
यह बात उल्लेखनीय है कि उक्त मुद्दे को लेकर पूर्व में भी प्रदेश के शिक्षक एलबी संवर्ग ने लगातार प्रदेश के मुख्यमंत्री, मंत्री, विधायकों, कलेक्टरों तथा समस्त जनप्रतिनिधियों व अफसरों को ज्ञापन देकर स्थानांतरित शिक्षकों के वरिष्ठता बहाल करने की मांग की गई थी।
पूर्व में विधायक चंद्रदेव राय के नेतृत्व में भी मुख्यमंत्री से मिलकर वरिष्ठता बहाली के मुद्दे पर लगातार प्रयास किया गया था, लेकिन इसमें सफलता नहीं मिली थी, प्रांताध्यक्ष जाकेश साहू ने बताया कि इस संबंध में मंत्रालय में ज्ञापन दिया गया है तथा हम सरकार से मांग करते हैं कि स्थानांतरित शिक्षकों के मुद्दे को प्राथमिकता के साथ हल किया जाए। क्योंकि 1998, 2005, 2006 एवं 2007 आदि में नियुक्त ऐसे अनेक शिक्षक एलबी संवर्ग जो विवाह उपरांत, बीमारी के कारण या किसी अन्य वजहों से स्थानांतरण जिनका हुआ था उनकी वरिष्ठता शून्य कर दी गई है। जिससे उनका पदोन्नति नहीं हो रहा है। यह काफी तकलीफ देह विषय है।
*तकनीति त्यागपत्र वालो को प्रथम नियुक्ति से मिले वरिष्ठता :-*
ऐसे शिक्षक एलबी संवर्ग जिनका पदोन्नति हुआ था अर्थात ट्रांसफर या अन्य सुविधा नहीं मिलने के कारण अपने मूल पदों से इस्तीफे देकर कुछ शिक्षक साथी पुनः आवेदन देकर अथवा चयन प्रक्रिया का पालन करते हुए पुराने पदों से इस्तीफा देकर नए पदों पर शिक्षक नियुक्त हुए थे इस मामले में राज्य शासन से मांग की गई है कि उक्त मामले को तकनीकी त्रुटि मानते हुए प्रथम नियुक्ति पदों पर प्रथम नियुक्ति तिथि से वरिष्ठता बहाल करते हुए समस्त लाभ उक्त सभी शिक्षकों को दिया जाए।
क्योंकि पहले पदों पर प्रथम नियुक्ति तिथि से वरिष्ठता ना मानते हुए उन्हें दोबारा नियुक्ति तिथि से प्रथम नियुक्ति माना जा रहा है जिसके कारण ऐसे शिक्षकों की पुरानी सेवाएं शून्य हो चुकी है क्योंकि ऐसे शिक्षक पुराने पदों पर 2 साल 4 साल 5 साल 7 साल आदि विभाग में सेवा दिए हैं अतः शासन से मांग की जाती है कि उक्त सेवाओं की गणना प्रथम नियुक्ति तिथि से करते हुए प्रथम और द्वितीय दोनों नियुक्तियों को माना जाए।
*पूरक ट्रांसफर सूची, संस्कृत एवं अंग्रेजी स्नातकोत्तर मामला, एरियर्श राशि :-*
प्रांताध्यक्ष जाकेश साहू ने बताया कि शिक्षकों के ट्रांसफर के संबंध में जो आवेदन मंगाए गए थे उनकी एक सूची जारी हो चुकी है। जिसमें कई शिक्षकों को इसका लाभ नहीं मिला है। प्रदेश के शिक्षक एलबी संवर्ग लगातार कई दिनों से दूसरी ट्रांसफर सूची अर्थात पूरक सूची का इंतजार कर रहे हैं परंतु अब तक द्वितीय सूची अर्थात पूरक सूची जारी नहीं हुई है, जिससे शिक्षकों का इंतजार काफी लंबा हो रहा है।
अतः शासन से मांग की जाती है कि शिक्षक स्थानांतरण का पूरक अर्थात द्वितीय सूची अविलंब जारी किया जाए।
ऐसे शिक्षक साथी जिन्होंने संस्कृत एवं अंग्रेजी में स्नातकोत्तर की उपाधि हासिल किए हैं, उनको सहायक शिक्षक एलबी संवर्ग से यूडीटी के पदों पर संबंधित विषय में पदोन्नति दी जाए, क्योंकि संबंधित शिक्षक संस्कृत और अंग्रेजी में स्नातकोत्तर किए हुए हैं।
जो स्नातक के विषय अर्थात ग्रेजुएट से ऊपर लेबल के हैं ऐसे शिक्षको के पदोन्नति होने से वह मिडिल स्कूल में संबंधित विषय को पढ़ाने में सक्षम है। क्योंकि अंग्रेजी एवं संस्कृत के विषय प्रदेशभर में यूडीटी के विषय पर्याप्त मात्रा में है और जितनी मात्रा में इन विषयों के रिक्त पद हैं उतने मात्रा में स्नातक संस्कृत और अंग्रेजी डिप्लोमा धारी पात्र शिक्षक नहीं है। अतः स्नातक स्नातकोत्तर में संस्कृत और अंग्रेजी में स्नातकोत्तर शिक्षकों को यूडीटी के पदों पर संबंधित विषय में प्रमोशन दिया जाए।
इसी प्रकार संविलियन होने से पहले पंचायत विभाग में कार्यरत शिक्षक एलबी संवर्ग का अनेक प्रकार का एरिया लंबित है। राशि को तत्काल स्वीकृत कर संबंधित शिक्षकों के खातों में जमा किया जाए।
*यूडीटी के पदो में पदोन्नति हेतु प्राथमिक प्रधान पाठको को पहली प्राथमिकता मिले :-*
यूडीटी अर्थात उच्च वर्ग शिक्षकों के पदों पर पदोन्नति के लिए सहायक शिक्षकों को पहली प्राथमिकता दी जाए क्योंकि शिक्षा विभाग में बहुत पहले से ही यह नियम रहा है कि सहायक शिक्षकों के पद पर सहायक शिक्षकों की पदोन्नति पहले प्राथमिक प्रधान पाठक पर होती है।
फिर प्राथमिक प्रधान पाठकों की पदोन्नति उच्च वर्ग शिक्षक अर्थात यूडीटी में होती है तत्पश्चात यूडीटी की पदोन्नति मिडिल प्रधान पाठकों के पद पर होती है फिर मिडिल प्रधान पाठकों की पदोन्नति व्याख्याता के पद पर होती है तत्पश्चात व्याख्याता की पदोन्नति प्राचार्य के पद पर होती है।
इस प्रकार यह क्रम बना हुआ है परंतु अभी जो पदोन्नति हो रही है उसमें प्रधान पाठकों के पदों पर सहायक शिक्षकों की पदोन्नति एवं सहायक शिक्षक जो प्रधान पाठक बनने से वंचित रह गए हैं उनको सीधा यूडीटी बनाए जाने संबंधी चर्चा चल रही है। लेकिन इससे वरिष्ठ सहायक शिक्षकों का अपमान होगा क्योंकि वरिष्ठ सहायक शिक्षकों की पदोन्नति 15 साल, 20 साल और 25 वर्षों में हो रही है।
अब तक हमें दो से तीन पदोन्नति मिल जानी चाहिए थी परंतु नहीं हो पाई अतः प्राथमिक प्रधान पाठकों की पदोन्नति यूडीटी के पदों पर होनी चाहिए अथवा प्राथमिक प्रधान पाठक और वर्तमान सहायक शिक्षक एलबी संवर्ग दोनों में से संयुक्त रूप से प्रथम नियुक्ति तिथि से वरिष्ठता की गणना होने चाहिए उसमें से जो वरिष्ठ हैं अर्थात सहायक शिक्षक की प्रथम नियुक्ति तिथि पर प्रधान पाठक प्राथमिक अथवा सहायक शिक्षक जो भी वरिष्ठ हैं उनका पदोन्नति यूनिटी के पदों पर किया जाना चाहिए। यही उचित होगा।

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