सोना साहू क्रमोन्नति मामले मे 17 मार्च को सुप्रीम कोर्ट करेगी शासन के याचिका पर सुनवाई ,कोर्ट मे केस जीतने प्रदेश के शिक्षकों ने 15 लाख लगभग की राशि दी चंदे मे ,समिति बना कर मामले को लड़ रहे शिक्षक।
रायपुर। छत्तीसगढ़ के लाखों शिक्षकों को प्रथम नियुक्ति तिथि से सेवा गणना करते हुये क्रमोन्नत वेतनमान देने के सोना साहू बनाम छत्तीसगढ़ शासन का मामला अब सुप्रीम कोर्ट मे पहुंच गया है। छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस रमेश सिन्हा की युगल पीठ ने सूरजपुर जिले की सहायक शिक्षिका सोना साहू की याचिका पर फैसला देते हुये पंचायत सेवा से लेकर शिक्षा विभाग की सेवा की गणना करते हुये एक ही पद मे बिना पदोन्नति के सेवा देने वाली शिक्षिका को क्रमोन्नत वेतनमान देने के आदेश राज्य शासन को दिये थे जिस पर लगभग 12लाख एरियर्स राशि शासन को देने पड़ते इसी प्रकार लगभग 50हजार से भी अधिक शिक्षक इस आदेश के दायरे मे आ रहे थे सरकार ने वित्तीय भार को देखते हुये इस आदेश के विरुद्ध सुप्रीम कोर्ट का रुख किया सरकार ने इस निर्णय के विरुद्ध एस एल पी सुप्रीम कोर्ट मे दायर कर रोक लगाने की माँग की है मामले मे गत 5मार्च को सुनवाई हुई सुनवाई अधूरी रह जाने के कारण 17 मार्च को अगली सुनवाई होगी अगर सरकार की याचिका सुप्रीम कोर्ट स्वीकार कर लेती है तो शिक्षकों को झटका लगेगा।
एस एल पी को लेकर शिक्षकों ने की 15लाख चंदा।
सोना साहू बनाम राज्य शासन के याचिका को सुप्रीम कोर्ट मे लड़ने के लियॆ एल बी संवर्ग के शिक्षकों ने एक समिति का गठन किया है इस समिति का बैंक अकॉउंट खोल कर QR कोड के माध्यम से शिक्षकों से अपील कर लगभग 15 लाख चंदा वसूल कर लिये वहीं संचालन समिति बना कर आये दिन बैंक स्टेटमेंट को सोशल मीडिया के माध्यम से वायरल किया जा रहा वहीं समिति मे ज्यादातर समग्र शिक्षक फेडरेशन के ईमानदार नेता शामिल है कुछ तो सहायक शिक्षकों के देवतुल्य नेता भी शामिल है।
वहीं केस लड़ने बनाई गयी संचालन समिति ने केस मे सरकार से लड़ने भारी भरकम फीस से किसी अच्छे वकील को केस मे लगाने की बात बोल कर प्रदेश मे चंदा उगाही की गई परंतु आज़ शाम तक कौन वकील पैरवीकार होगा पता नहीं वहीं क्रमोन्नतपीड़ित शिक्षको ने इतनी बड़ी धन राशि सहयोग समिति को मिलने के बाद भी आयव्यय का ब्यौरा चार दिन से अपडेट नहीं मिलने पर समिति के कामकाज पर उँगली उठाई है।
वहीं अब तक अपडेट नहीं मिला किया शिक्षकों के तरफ से कौन वकील पैरवी करेगा तय नहीं हों पाया है जो सस्पेंस का विषय है।


