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राज्य के कर्मचारियों को मेडिकल कैशलेस कार्ड उपलब्ध कराने की मांग शासन से की गई मेडिकल रीइंबर्समेंट (चिकित्साव्यय प्रतिपूर्ति) के लिए वर्षों भटकना पड़ता है कर्मचारियों को मेडिकल में खर्च राशि का कुछ प्रतिशत ही मिलता है कर्मचारियों को

पेण्ड्रा/दिनांक 02 सितम्बर 2023

राज्य के कर्मचारियों को मेडिकल कैशलेस कार्ड उपलब्ध कराने की मांग शासन से की गई

मेडिकल रीइंबर्समेंट (चिकित्साव्यय प्रतिपूर्ति) के लिए वर्षों भटकना पड़ता है कर्मचारियों को

मेडिकल में खर्च राशि का कुछ प्रतिशत ही मिलता है कर्मचारियों को

पेण्ड्रा / छत्तीसगढ़ कैशलेस चिकित्सा सेवा कर्मचारी कल्याण संघ ने राज्य के लगभग 5 लाख कर्मचारियों के लिए कैशलेश चिकित्सा की मांग शासन से की है। इस मांग को सभी विभागों के कर्मचारियों का समर्थन है क्योंकि चिकित्सा संबंधी समस्या का सामना सभी कर्मचारी परिवारों को करना पड़ता है।

कैशलेस चिकित्सा सेवा कर्मचारी कल्याण संघ के प्रदेश अध्यक्ष राकेश कुमार सिंह एवं वरिष्ठ उपाध्यक्ष पीयूष गुप्ता ने शासन से मांग किया है कि इस महंगाई के समय में सबसे बड़ी समस्या स्वास्थ्य की होती है जिसके चलते प्रदेश के कर्मचारियों एवं उनके परिवारों को अतिरिक्त आर्थिक भार उठाना पड़ता है एवं मेडिकल रीइंबर्समेंट (चिकित्साव्यय प्रतिपूर्ति) के लिए सालों इंतजार करना पड़ता है और उस इंतजार के बाद जितनी भी राशि मेडिकल में खर्च होती है उसका कुछ प्रतिशत ही कर्मचारी साथियों को प्राप्त होता है।

इस मांग को रखते हुए प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह के द्वारा शासन का ध्यानाकर्षण करते हुए मांग किया गया है कि प्रदेश के लगभग 5 लाख कर्मचारियों को एक मेडिकल कैशलेस कार्ड उपलब्ध कराई जाए जिसके माध्यम से वह किसी भी प्राइवेट एवं शासकीय चिकित्सालय में अपना एवं अपने परिवार का इलाज उस कार्ड के माध्यम से कराकर स्वास्थ्य लाभ ले सकें।

उन्होंने अपनी मांग में कहा कि जितनी महिला कर्मचारी हैं उन्हें दो बार प्रसूति में आने वाले खर्च को भी मेडिकल कैशलेस से लाभ दिया जाना चाहिए। इस सम्बंध में छत्तीसगढ़ कैशलेस चिकित्सा सेवा कर्मचारी कल्याण संघ के द्वारा राज्य के सभी मंत्री एवं विधायकों को भी ज्ञापन सौंपा गया है जिसमें विधायकों का समर्थन भी मिल रहा है। राकेश सिंह ने यह भी बताया कि यदि छत्तीसगढ़ शासन मेडिकल कैशलेस सुविधा अपने कर्मचारियों को प्रदान करती है तो किसी भी प्रकार का शासन को अतिरिक्त आर्थिक भार का सामना नहीं करना पड़ेगा बल्कि छत्तीसगढ़ शासन के पास मेडिकल के नाम पर कुछ पैसा बच जाएगा जिसका उपयोग वह अपने अन्य योजनाओं में भी कर सकते हैं। साथ ही प्रदेश अध्यक्ष ने प्रदेश के सभी कर्मचारी साथियों से अपील भी किया कि वे इस मुहिम के साथ ज्यादा से ज्यादा संख्या में जुड़ें क्योंकि यह मुहिम हर एक उस कर्मचारी से जुड़ी हुई है जो छत्तीसगढ़ में कार्यरत है। इस सम्बंध में संगठन ने 3 सितम्बर को बलौदा बाजार में राज्य स्तरीय कैशलेश मेडिकल संगोष्ठी आयोजित किया गया है, जिसमें जीपीएम जिले के कर्मचारी भी शामिल होंगे।

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