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ब्रेक इन सर्विस : कर्मचारियों के आंदोलन के दमन का प्रयास संयुक्त मोर्चा ने की भर्त्सना

रायपुर। ब्रेक इन सर्विस _कर्मचारियों के आंदोलन के दमन का प्रयास संयुक्त मोर्चा ने की भर्त्सना , छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी संयुक्त मोर्चा ने बयान जारी कर 7 जुलाई देर रात राज्य सरकार के ब्रेक इन सर्विस संबंधित आदेश को कर्मचारियों के स्वफूर्त आंदोलन को दबाने का प्रयास बताया है , अनिल शुक्ला ने कहा है कि प्रदेश के इतिहास में पहली बार मंत्रालय से ले कर ग्राम सचिवालय तक पूरी तरह बंद रहे ,न्यायालय हो या विद्यालय सब पर ताले लटके रहे ,कमल वर्मा ने इसे बौखलाहट में जल्दबाजी में उठाया गया आत्मघाती कदम बताया , मंत्रालयीन कर्मचारी संघ के अध्यक्ष महेंद्र सिंह राजपूत ने एक हाथ में गाजर दूसरे हाथ में डंडा जैसा प्रशासनिक आतंकवाद बताया ,आलोक मिश्र ओ पी शर्मा ने स्वास्थ कर्मचारी संघ के चार दिनों से चल रहे बेमियादी हड़ताल के साथ सभी कर्मचारी संघों के हड़ताल से उपजे नैराश्य भाव से उपजी कुंठा का परिणाम बताया है, फेडरेशन के राजेश चटर्जी ने प्रशानिक अराजकता बताया है शिक्षक संघों के प्रांताध्यक्ष संजय शर्मा ,केदार जैन , वीरेंद्र दुबे ,विकास राजपूत , विवेक दुबे,मनीष मिश्र ,भूपेंद्र बनाफर ने ब्रेक इन सर्विस संबंधित आदेश की प्रतियां जलाए जाने की बात कही है ,वही तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ के श्री चंद्रा व अजय तिवारी ने शासन की त्वरित कुंठा से उपजा कुंठित कदम बताया है,न्यायायिक कर्मचारी संघ ने अन्याय की पराकाष्ठा निरूपित करते हुए विरोध की बात कही है ,कर्मचारी अधिकारी संयुक्त मोर्चा के प्रवक्ता संजय तिवारी, चंद्रशेखर तिवारी ने कहा है कि सरकार को चाहिए कि मोर्चा के प्रतिनिधि मण्डल को बुला कर सौहाद्र पूर्ण माहौल बना उनसे बात चीत करती बिना किसी वार्ता ,बातचीत के इस तरह के आदेश से कर्मचारियों के संबंध में आपात काल का ही बोध कराता है, श्री तिवारी ने बताया के मोर्चे से जुड़े सभी 157 संगठनों के प्रांताध्यक्ष तथा पदाधिकारियों ने एक दो दिनों में बैठक बुला कर तत्काल सात जुलाई के आंदोलन की समीक्षा कर एक अगस्त से अनिश्चित कालीन हड़ताल पर आवश्यक कदम उठाए जाने की मांग की है ,संयुक्त मोर्चा ने साफ कर दिया है कर्मचारियों को बांट बांट कर सरकार ने साढ़े चार वर्षो तक जम कर शोषण किया किंतु अब प्रदेश के पौने पांच लाख कर्मचारी , सवा लाख पेंशनर संगठित हो गए है ,अब याचना नही संघर्ष होगा ,संघर्ष महा भीषण होगा ,शासन पहले 9% डी ए देय तिथि से तथा गृह भाड़ा भत्ते का पुनरीक्षण करे फिर जिससे बातचीत का माहौल बन संयुक्त मोर्चा इसके बाद बातचीत के सहर्ष तैयार है , लिपिक वर्गीय कर्मचारी संघ के रोहित तिवारी ,संजय सिंह ,राजस्व पटवारी संघ ने भी सरकार के कदम की निंदा करते हुए लिपिको की वेतन विसंगति ,पिंगुआ कमेटी की रिपोर्ट सार्वजनिक की बजाय ब्रेक इन सर्विस की धौंस की कड़ी निन्दा की है , उक्त जानकारी संजय तिवारी ने दी है।

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