भूपेश है तो भरोसा है, तो कर्मचारियों का DA/DR और एरियर्स कौन खा गया
कर्मचारी/पेंशनरों को लगाया लगभग 12897 करोड़ का चूना
रायपुर। छत्तीसगढ़ के शासकीय कर्मचारियों एवं पेंशनरों की स्थिति मजदूरों से भी बदतर हो चुकी है| पूरे भारत देश में सबसे कम डीए छत्तीसगढ़ राज्य के कर्मचारियों को मिल रहा है| लगातार 3 वर्षों से राज्य के कर्मचारियों एवं पेंशनरों को सही ढंग से DA/DR का भुगतान नहीं किया गया है, जिससे पेंशनर, तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों को काफी आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है| सही समय पर डीए नहीं मिलने से राज्य के प्रत्येक शासकीय सेवक को ₹ 70 हजार से 5 लाख तक का नुक़सान हो चुका है, जिसका जिसकी गणना करने पर अनुमानित राशि 12897 करोड़ के आसपास होती है|
छत्तीसगढ़ में महंगाई भत्ता 3 वर्ष से लंबित–
छत्तीसगढ़ में जनवरी 2020 से लंबित 4% मंहगाई भत्ता, जुलाई 2020 से लंबित 3%, जनवरी 2021 से लंबित 4%, जुलाई 2021 से 3% मंहगाई भत्ता एवं जनवरी 2022 से 3% मंहगाई भत्ता को मिलाकर 01मई 2023 तक कुल 36 माह का महंगाई भत्ता एरियर्स लंबित है|
और वर्तमान में छत्तीसगढ़ जनवरी 2023 से 9% महंगाई भत्ता लंबित है|
कर्मचारी, अधिकारियों एवं पेंशनर्स के लिए विचारणीय बिन्दु ——–
छ.ग. के विधायक – मंत्रियों के वेतन में की गई ताबड़तोड़ बढ़ोतरी परंतु कर्मचारियों को थमाया झुनझुना
(छत्तीसगढ़ सरकार के अनुसार छत्तीसगढ़ में महंगाई केवल नेताओं के लिए बढ़ती है, कर्मचारियों के लिए नहीं)
जो सरकार पेंशनर्स – कर्मचारियों को वर्तमान में DA/DR नहीं दे पा रही है, भविष्य में कर्मचारियों को पेंशन कैसे देगी ?
कहीं ओल्ड पेंशन कर्मचारियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ तो नहीं ?
(कर्मचारी अपने भविष्य पर चिंतन मनन जरूर करें)
वर्तमान सरकार के 5 वर्षों से छत्तीसगढ़ के पेंशनर्स – कर्मचारियों को DA/DR के लिए तरसाया जा रहा


