
गरियाबंद 23 मई 2023/ जिला कार्यालय गरियाबंद में प्रत्येक मंगलवार को आयोजित होने वाले जनचौपाल में कलेक्टर श्री प्रभात मलिक ने आम नागरिकों की समस्याएं गंभीरता से सुनी और मौके पर उपस्थित अधिकारियों को नियमानुसार निराकरण करने के निर्देश दिये। जनचौपाल में मांग एवं शिकायतों से संबंधित 87 आवेदन प्राप्त हुए।
जनचौपाल में ग्राम अतरमरा के लेखराम निषाद ने मुख्यमंत्री सहायता कोष से आर्थिक सहायता प्रदान करने, ग्राम तौरंगा के आसाराम साहू ने वर्षाे से काबिज घास जमीन का हक दिलाने, ग्राम सुरसाबांधा के मन्नूराम निर्मलकर ने मनरेगा रोजगार गारंटी के पैसा दिलाने, ग्राम लफंदी के अन्नूराम साहू ने आर्थिक सहायता प्रदान करने, ग्राम पोंड की अनुसुइया बाई साहू ने मनरेगा योजना के तहत भूमि समतलीकरण व मेड़बंधी स्वीकृत करने, ग्राम नहरगांव के लोमसिंह ध्रुव ने भूमि सीमांकन कराने, ग्राम खैरझिटी के संतराम दीवान ने मनरेगा के तहत कुआं निर्माण कराने, ग्राम गाड़ाघाट के समस्त ग्रामवासी ने प्राथमिक शाला गाड़ाघाट में अतिरिक्त कमरा निर्माण हेतु राशि स्वीकृत करने, ग्राम गुंडरदेही के ढेलूराम यादव ने घर व खेत बटवारा के संबंध में फर्जी स्टांप पेपर का जांच करने, ग्राम गनियारी के झंगलू राम ने अपने कृषि भूमि की बंदोबस्त त्रुटि सुधार हेतु, ग्राम सेंदर के समस्त ग्रामवासी ने पूर्व सरपंच से बकाया राशि वसूली करने हेतु, ग्राम पारागांव के समस्त ग्रामवासी ने पानी टंकी का निर्माण कार्य जल्द प्रारंभ कराने, ग्राम देवगांव के समस्त ग्रामवासी ने पेयजल निस्तारित हेतु पानी टंकी की मांग। जनचौपाल में जिला पंचायत सीईओ श्रीमती रीता यादव, अपर कलेक्टर श्री अविनाश भोई, संयुक्त कलेक्टर श्री नवीन भगत सहित समस्त विभाग के जिला प्रमुख अधिकारी उपस्थित थे।
वहीं जिले भर के आम जनता इस उम्मीद से जन चौपाल में पहुंचते हैं पर निराकरण के नाम पर आवेदन संबंधित विभाग को भेज कर प्रक्रिया में डाल दी जाती हैं लोगो की त्वरित न्याय की उम्मीद जस की तस बनी रहती हैं।
वहीं जनचौपाल के आवेदनो की समीक्षा होनी चाहियॆ की लोगो की समस्या शिकायतों का निदान हुआ या नहीं खानापूर्ति से आगे बढ़ना होगा तभी लोगो की समस्य हल हों सकेगी अन्यथा ढाक के तीन पात साबित हों रहा निराकरण के नाम पर कागज सिर्फ इस टेबल से उस टेबल में बस घूम रहीं वहीं जन चौपाल में आम जनता बढ़े उत्साह के साथ आती हैं आवेदन निराकरण विभागीय खानापूर्ति तक सीमित हों गया हैं जबकि आम जनता त्वरित निराकरण चाहता हैं।


