काउंसलिंग में 18 स्कूलों के नाम छिपाकर पोस्टिंग देने के मामले की कलेक्टर द्वारा कराई जा रही जांच के दौरान एक और गड़बड़ी उजागर, जिस स्कूल में उर्दू विषय का पद नहीं, वहां दे दी पोस्टिंग
चहेतों को लाभ पहुंचाने 18 सहायक शिक्षकों को प्रमोशन से वंचित रखा गया
पेण्ड्रा / एलबी संवर्ग सहायक शिक्षक से एचएम पद पर प्रमोशन के काउंसलिंग में जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय द्वारा की गई एक और मनमानी सामने आई है जिसमें उर्दू शिक्षिका को उस स्कूल में प्रमोशन दे दिया गया जिस स्कूल में उर्दू विषय का पद स्वीकृत ही नहीं है।
इसकी शिकायत छत्तीसगढ़ प्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ जिलाध्यक्ष कमाल खान ने करते हुए जिला शिक्षा अधिकारी से मांग किया गया है कि जिस स्कूल में उर्दू शिक्षक का पद स्वीकृत है उसी स्कूल में पोस्टिंग दिया जाए। दरअसल गर्ल्स प्राइमरी स्कूल मरवाही में उर्दू शिक्षका का पद शासन के द्वारा वर्ष 2005 में स्वीकृत करते हुए उर्दू शिक्षिका की पोस्टिंग की गई थी। लेकिन गलत तरीके से काउसिलिंग कर उक्त उर्दू शिक्षिका की पोस्टिंग गर्ल्स प्राइमरी स्कूल लोहारी में कर दिया गया है, जहां उर्दू शिक्षिका का पद स्वीकृत ही नहीं है। काउंसलिंग में की गई उपरोक्त गड़बड़ियों को सुधार करने की मांग कमाल खान ने जिला शिक्षा अधिकारी से किया है।
काउंसलिंग में 18 स्कूलों के नाम छिपाकर पोस्टिंग देने के मामले की जांच चल रही
जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय द्वारा आयोजित 15 तारीख की काउंसलिंग में 18 स्कूलों के नाम छिपाकर इनमें से कई स्कूलों में उसी तारीख को पोस्टिंग दे दिया गया था। इससे इस मामले ने जिले में खूब तूल पकड़ा हुआ है, क्योंकि इन 18 स्कूलों के नाम सार्वजनिक ही नहीं किए गए थे तो फिर इनमें से अधिकतर स्कूलों में सेटिंग करके पोस्टिंग दे दिया गया। यह मामला कलेक्टर ऋचा प्रकाश चौधरी के संज्ञान में आने के बाद उन्होंने जांच के आदेश देकर काउंसलिंग में 15 और 16 तारीख को चस्पा किए गए रिक्त स्कूलों की सूची मंगाई है। इन दोनों तारीखों को चस्पा किए गए रिक्त स्कूलों के नाम और 15 तारीख को पोस्टिंग पाने वाले शिक्षकों के नाम का मिलान किया जाएगा तो जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय द्वारा काउंसलिंग में की गई गड़बड़ी पकड़ में आ जाएगी।
चहेतों को लाभ पहुंचाने 18 सहायक शिक्षकों को प्रमोशन से वंचित रखा गया
एलबी संवर्ग के सहायक शिक्षकों को शासन के विशेष आदेश से वन टाइम रिलेक्सेशन नियम के तहत कई वर्षों बाद प्रमोशन मिल रहा है। इनमें से कई शिक्षकों को 24 तो कई को 17 वर्षों के बाद प्रमोशन मिल रहा है। लेकिन अपने चहेतों को उपकृत करने के कारण काउंसलिंग में की गई मनमानी और गड़बड़ी के कारण पूरी प्रक्रिया काउंसलिंग के नियमों के विपरीत एवं विवादित हो गई है, क्योंकि चहेतों को उपकृत करने के लिए नियम विरूद्ध तरीके से 18 सहायक शिक्षकों को प्रमोशन से वंचित रखा गया है, जिन्हें प्रमोशन देने की मांग विभिन्न कर्मचारी संगठनों के द्वारा की जा रही है।


