
रायपुर। राष्ट्रीय राज्य कर्मचारी महासंघ संघ से संबद्ध व भारतीय मजदूर संघ का सहयोगी संगठन राज्य कर्मचारी संघ छत्तीसगढ़ के प्रदेश अध्यक्ष अरुण कुमार तिवारी ने प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए कहा है कि प्रदेश के टी व ई संवर्ग के व्याख्याता वर्षों से प्राचार्य के पद पर पदोन्नति की राह देख रहे हैं की वर्ग में वर्ष 2013 से व्याख्याता से प्राचार्य के पद पर पदोन्नति नहीं हुई है एवं इसी प्रकार इस संवर्ग में वर्ष 2016 से शिक्षा विभाग के व्याख्याता पदोन्नति की राह देख रहे हैं। तब से लेकर आज तक ऐसी बात नहीं है की पदोन्नति की राह पर कोर्ट ने रोक लगाया हो कोर्ट के द्वारा तो अभी हाल ही में रोक लगा था आज भी यदि छत्तीसगढ़ शिक्षा विभाग चाहे तो वरिष्ठठों को पदोन्नति का लाभ दे सकती है 2013 से आज तक सैकड़ों व्याख्याता राह देखते देखते सेवानिवृत्त हो गए इसी प्रकार शिक्षा विभाग में भी यही हालत है कुछ व्याख्याता गण पात्र होते हुए भी यह लाभ प्राप्त नहीं कर पाए इस पदोन्नति से शासन पर कोई आर्थिक भार नहीं आना है जहां तक मुझे ज्ञात है की अधिकांश वरिष्ठ व्याख्याता प्राचार्य के ग्रेड पे के अनुसार वेतन प्राप्त कर रहें हैं ।किसी भी विभाग में पदोन्नति के अवसर प्राप्त होने पर अधिकारी /कर्मचारी को एक ओर कार्य क्षमता बढ़ती है वहीं दूसरी ओर विभाग को भी इसका लाभ होता है ।आज प्रदेश में लगभग 3200हाई एवं हायर सेकेण्डरी स्कूल प्राचार्य विहीन है । रिक्त विद्यालयों को प्राचार्य की प्रतीक्षा है भविष्य को वर्तमान की वरिष्ठता का लाभ लेकर गढ़ने की दरकार है । शहरों में तो अधिकांशतः प्राचार्य के पद भरें हुए हैं गांव के स्कूलों को भी यह अधिकार प्रदान किया जावे । छत्तीसगढ़ सरकार स्कूल शिक्षा विभाग के द्वारा स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम विद्यालय खोले जाने पर छत्तीसगढ़ ही नहीं अपितु समूचे भारत में इस योजना की सर्वत्र तारीफ हो रही है । माननीय मुख्यमंत्री जी की इस पवित्र और महत्वकांक्षी योजना को बुरी नजर से बचाये जाने की आवश्यकता है उन विद्यालयों को भी योग्य और अनुभवी प्राचार्यो के सुपुर्द किया जाना चाहिए । प्रकाश पर्व के पूर्व प्राचार्य विहीन संस्थाओं आलोकित करने की दिशा सरकार का यह कार्य दिपावली पर एक साथ कई क्षेत्रों में दिया जाने वाला महान उपहार होगा । विद्यार्थी खुश , वरिष्ठ व्याख्याता गण प्रसन्न ग्रामीण जन प्रसन्न।शिक्षा के गुणवत्ता में वृद्धि। सरकार के खजाने से कोई अतिरिक्त व्यय भी नहीं। जहां तक न्यायालय की बात है । प्रसारित आदेश न्यायाधीन होगा । न्याय पालिका भी इससे दुखी नहीं होगी । जहां तक आरक्षण का सवाल है उस पर सरकार अपने स्तर पर फैसला ले। सरकार भी अपने आप में एक न्यायलय है ।अब यह सरकार और विभागीय अधिकारियों पर निर्भर है ।
हम तो सरकार की रीढ़ की हड्डी है।वैसे भी आन्दोलन में बहुत समय जाया हो गया है ।यह राज्य कर्मचारी संघ अकेले का ही निवेदन नहीं व्याख्याता संगठनों का भी यही आम राय है ।हम प्रदेश में होने वाले सभी पदोन्नति के पक्षधर हैं। बस्तर के हमारे प्रभारी रमाई लाल सार्वा बिलासपुर के हमारे साथी राजेन्द्र श्रीवास्तव विकास नायक दुर्ग के हमारे साथी नंलेश्वर साहू चिन्मय अग्रवाल जांजगीर से अनिल सराफ संजय अग्रवाल जश्पुर से राजेश अम्बष्ट अम्बिकापुर से संजीव तिवारी अविनाश तिवारी रामशंकर राठौर महासमुंद से रिखिराम साहू धमतरी से खुमान सिंह ने माँग की है।


