विधानसभा में गूंजेगा मेडिकल कैशलेस की मांग का मुद्दा
*छत्तीसगढ़ मेडिकल कैशलेस कर्मचारी कल्याण संघ की मेहनत लाई रंग,,विधायकों ने लगाए प्रश्न
छत्तीसगढ़ में कुछ ही दिनों में विधानसभा सत्र की शुरुआत होने जा रही है आपको बता दें की 14 जुलाई से छत्तीसगढ़ में विधानसभा सत्र की शुरुआत होने जा रही है जिसमें प्रदेश के बहुत से मुद्दे उठाए जाएंगे और उन पर चर्चा और बहस होगी। इसी प्रयास में अपनी मांगों को पूर्ण करवाने के लिए छत्तीसगढ़ मेडिकल कैशलेस कर्मचारी कल्याण संघ के पदाधिकारी ने पूरे प्रदेश में एक मुहिम चला कर छत्तीसगढ़ के प्रत्येक विधायकों को मेडिकल कैशलेस लागू करने हेतु ज्ञापन सौंपा था,जिसमें संगठन को बड़ी कामयाबी प्राप्त हुई है कि छत्तीसगढ़ के 5 लाख कर्मचारी एवं उनके परिवारों की मांग मेडिकल कैशलेस सदन में गूंजेगी वैशाली नगर विधायक रिकेश सेन के द्वारा तारांकित प्रश्न लगाया है दूसरी ओर प्रदेश के एक ओर विधायक श्रीमती उत्तरी गणपत जांगड़े के द्वारा आ तारांकित एवं द्वारकाधीश यादव विधायक खललारी के द्वारा भी विधानसभा में शासकीय कर्मचारी के लिए मेडिकल कैशलेस सुविधा का प्रावधान लागू करने का समय आदि पर चर्चा होगी। प्रदेश अध्यक्ष उषा चंद्राकर ने यह भी बताया कि संगठन के सदस्यों के द्वारा भाजपा प्रदेश अध्यक्ष किरण देव सिंह एवं नेता प्रतिपक्ष चरण दास महंत से भी संगठन के सदस्यों की मुलाकात हुई और उन्होंने भी आश्वत किया है कि कर्मचारियों और उनके सदस्यों से जुड़ी इस मांग को सदन में जरूर उठाया जाएगा आप सबको बता दे की मेडिकल कैशलेस की मांग क्या है पिछले कुछ वर्षों से छत्तीसगढ़ के कर्मचारी अपने-अपने परिवार के सदस्यों के इलाज के लिए मेडिकल कैशलेस सुविधा की मांग कर रहे हैं प्रदेश संरक्षक राकेश सिंह का कहना है कि कर्मचारियों को मेडिकल प्रतिपूर्ति की सुविधा तो प्राप्त है मगर प्रतिपूर्ति को प्राप्त करना बड़ा ही कठिन और मुश्किल कार्य कर्मचारियों को अपना इलाज करवाने हेतु सर्वप्रथम हॉस्पिटल का खर्च स्वयं वहन करना होता है कभी-कभी बीमारी गंभीर होने पर पैसा भी बहुत ज्यादा लगता है जिसमें कर्मचारियों के द्वारा अपनी संपूर्ण जमा पूंजी या बच्चों की पढ़ाई के लिए जोड़े गए पैसे एवं जमीन तक को खत्म करना पड़ता है वहीं देखने में यह भी आता है कि कर्मचारी अपने एवं अपने सदस्य के इलाज के लिए साहूकारों से ब्याज में भी पैसा प्राप्त करते हैं अपने रिश्तेदारों के सामने या अपने सहपाठियों के सामने उन्हें हाथ फैलाना पड़ता है और जब मेडिकल रीइंबर्समेंट की बारी आती है तो उनके पूरे इलाज के खर्च का उन्हें मात्र 60% ही राशि प्राप्त होती है जिसमें ऑफिस खर्च काट के कर्मचारियों को 40 से 50% राशि ही प्राप्त होती है और यह राशि को मिलने का समय कम से कम 6 मा का होता है कभी-कभी ज्यादा राशि होने पर यह फाइल राज्य से पास की जाती है ऐसी स्थिति में कर्मचारियों को यह राशि प्राप्त ही नहीं होती और कर्मचारी दर-दर भटकता रहता है इस समस्या को देखते हुए कुछ कर्मचारियों ने मिलकर छत्तीसगढ़ मेडिकल कैशलेस कर्मचारी कल्याण संघ का निर्माण किया जिसमें उन्होंने छत्तीसगढ़ के प्रत्येक शासकीय कर्मचारी एवं उनके सदस्यों के इलाज के लिए मेडिकल कैशलेस की मांग शासन से की, संगठन का स्पष्ट कहना है की कर्मचारी और उसके सदस्य का जितना भी इलाज हो उसका सीधा-सीधा खर्च शासन वहां करने अस्पताल में कर्मचारी और उसके सदस्यों को पैसे के लिए किसी भी प्रकार का सहयोग न लेना पड़े जिस प्रकार भिलाई स्टील प्लांट एस ई सीसीएल के कर्मचारियों को कार्ड के माध्यम से जो सुविधा दी जाती है इस प्रकार अपने राज्य और देश में इलाज के लिए हमारे छत्तीसगढ़ प्रदेश के समस्त कर्मचारियों को यह सुविधा प्रदान की जाए यह कार्ड किसी भी प्रकार से आयुष्मान सुविधा से ना जुड़ा हो, बल्कि कर्मचारियों को इसका लाभ सीधा-सीधा प्राप्त हो पिछले ही माह डबल इंजन की सरकार मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री ने वहां के कर्मचारियों को 20 लाख रुपए का मेडिकल कैशलेस की घोषणा की दूसरी ओर गुजरात में भी डबल इंजन की सरकार ने वहां के कर्मचारियों को मेडिकल कैशलेस की घोषणा की आपको बता दें कि देश के कई राज्य केरल उत्तर प्रदेश में भी मेडिकल कैशलेस की सुविधा वहां के कर्मचारियों को प्राप्त होती है तो फिर हम छत्तीसगढ़ के कर्मचारियों को इस प्रकार की सुविधा प्राप्त क्यों नहीं हो रही इन सब बातों को संगठन के द्वारा प्रत्येक विधायक पक्ष के नेता एवं विपक्ष के नेताओं से भी चर्चा की गई जिसमें सभी के द्वारा यह अस्वस्थ किया गया कि आपकी यह मांग जायज है और जल्द से जल्द हम आपकी मांग को पूरा करेंगे वहीं छत्तीसगढ़ भाजपा प्रदेश अध्यक्ष किरण सिंह देव ने भी यह आश्वस्त किया की आने वाले कुछ ही दिनों में छत्तीसगढ़ के कर्मचारियों को बहुत बड़ा तोहफा प्राप्त होने वाला है अब संगठन के द्वारा अटकल यह लगाई जा रही है कि शायद विधानसभा सत्र समाप्ति के बाद कर्मचारियों को उनकी लंबित मांग मेडिकल कैशलेस जीवन रेखा कहीं जाने वाली यह मांग की घोषणा जल्द से जल्द मुख्यमंत्री द्वारा की जा सकती है वही प्रदेश के कुछ कर्मचारियों से भी चर्चा की गई, जिसमें कर्मचारियों के द्वारा इस मांग को जल्द से जल्द पूरी करने के लिए शासन से मांग की गई और उन कर्मचारियों ने बताया कि आज के महंगाई के जमाने में प्रत्येक घर में एक बीमार व्यक्ति है इसके इलाज का खर्च उसे घर की मानसिक एवं आर्थिक परिस्थितियों को तोड़ देता है यदि शासन कर्मचारी और उनके परिवार के सदस्यों के लिए इस मांग को पूरी करती है तो कर्मचारी और उसका परिवार हमेशा शासन का ऋणी एवं आभारी रहेगा।। समस्त जानकारी प्रदेश संयोजक पियूष गुप्ता के द्वारा दी गई।