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शिक्षक नेता की पत्नी की नियुक्ति फर्जी : जाँच पूर्ण कार्यवाही शून्य विभाग का संरक्षण फर्जी शिक्षिका लगा रही शासन को चूना आखिर क्यों बचा रहा शिक्षा विभाग ???

बिलासपुर। संजय शर्मा प्रदेश अध्यक्ष छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन की धर्मपत्नी श्रीमती चंद्ररेखा शर्मा की स्कूल शिक्षा विभाग में नियुक्ति पूरी तरह फर्जी है इसे ऐसे समझे ।

जांच प्रतिवेदन

1. फर्जी तरीके से नियुक्ति हासिल करने के लिए कक्षा 12वीं में केवल 43% अंक लाने वाली श्रीमती चंद्ररेखा शर्मा का फर्जी नियुक्ति आदेश और फर्जी स्थानांतरण आदेश तैयार किया गया और उसके बाद जनपद पंचायत बिल्हा में खुद को नगर पंचायत पत्थलगांव से ट्रांसफर होना दिखाते हुए सीधे कार्यभार ग्रहण किया गया ।

2. जनपद पंचायत बिल्हा में कार्यभार ग्रहण करते समय श्रीमती चंद्ररेखा शर्मा ने खुद की पोस्टिंग शासकीय प्राथमिक शाला दर्रापारा (उरांवपारा), विकासखंड पत्थलगांव, जिला जशपुर में होना दर्शाया और जो दस्तावेज जमा किए उसके अनुसार उसका आदेश क्रमांक 229 , दिनांक 11 जनवरी 2007 नगर पंचायत पत्थलगांव से जारी होना है जबकि मूल रूप से आदेश क्रमांक 229 नीलम टोप्पो जो की एक आदिवासी महिला है और जिसका 12 वी में प्रतिशत 65% है का है । उसके आदेश की कॉपी कर श्रीमती चंद्ररेखा शर्मा ने अपना आदेश फर्जी तरीके से तैयार किया है यानी उनकी नियुक्ति कभी नगर पंचायत पत्थलगांव ने की ही नहीं है ।

3. श्रीमती चंद्र रेखा शर्मा ने जो फर्जी आदेश तैयार करके विभाग में जमा किया है उसके अनुसार उनकी नियुक्ति 11 जनवरी 2007 को शासकीय प्राथमिक शाला दर्रापारा उरांवपारा में होना बताया गया है और 6 महीने बाद ट्रांसफर जनपद पंचायत बिल्हा के लिए होना दिखाया है । इस मामले की शिकायत होने पर जब विभाग ने जांच की तो शासकीय प्राथमिक शाला दर्रापारा (उरांवपारा) की प्रधान पाठक ने शपथ पूर्वक लिख कर दिया है की श्रीमती चंद्ररेखा शर्मा ने उनके स्कूल में कभी कार्यभार ग्रहण किया ही नहीं है और उन्होंने शिक्षक उपस्थिति पंजी की फोटोकॉपी भी जमा किया है ।

4. जनवरी 2007 में नगर पंचायत में जो नियुक्ति हुई थी वह प्रतिशत आधारित थी उस समय चंद्ररेखा शर्मा की योग्यता केवल 12वीं पास थी , उन्होंने डीएड इत्यादि कुछ भी नहीं किया था और उनका 12वीं में प्रतिशत केवल 43 था , जिस नीलम टोप्पो के आदेश की उन्होंने कॉपी की है उसका 12वीं में प्रतिशत 65 है । जब एसटी कैटेगरी की महिला का चयन नगर पंचायत द्वारा 11 जनवरी को 65% होने पर किया गया है तो सामान्य केटेगरी की महिला का चयन 43% पर होना संभव ही नहीं था ।

5. चंद्ररेखा शर्मा के पास अपनी नियुक्ति से संबंधित कोई भी ऐसा साफ दस्तावेज नहीं है जिसमें उनका नियुक्ति क्रमांक दिखे जांच में जब उनका सर्विस बुक देखा गया तो उसमें स्पष्ट रूप से आदेश क्रमांक 229 लिखा हुआ है जो कि नीलम टोप्पो का आदेश क्रमांक है जिससे यह प्रमाणित हुआ कि नीलम टोप्पो के ही आदेश की कॉपी करके उन्होंने अपना आदेश तैयार किया है ।

6. जांच में नगर पंचायत पत्थलगांव ने भी लिख कर दिया है कि श्रीमती चंद्ररेखा शर्मा की नियुक्ति से जुड़ा कोई भी दस्तावेज उनके कार्यालय में उपलब्ध नहीं है ।
8. विभागीय अधिकारियों ने श्रीमती चंद्ररेखा शर्मा को मौका देते हुए उन्हें जिस खाते में उन्हें नौकरी के एवज में 6 माह का वेतन मिला है उसे प्रस्तुत करने को कहा तो वह न तो यह बता पा रही है कि 6 महीने उन्होंने कहां सेवा दी है और न ही वेतन किस बैंक के किस खाते में मिला है की जानकारी दे पा रही है ।

9. चंद्ररेखा शर्मा ने जो फर्जी दस्तावेज तैयार किए थे और जिसके आधार पर नौकरी पाई है उसमें पहले सर्विस बुक और अंतिम वेतन प्रमाण पत्र विकासखंड शिक्षा अधिकारी पत्थलगांव द्वारा जनपद पंचायत बिल्हा को प्रेषित किया जाने वाला पत्र जमा किया था बाद में जब मीडिया में यह खबर आई की विकासखंड शिक्षा अधिकारी पत्थलगांव नियोक्ता नहीं थे तो नगर पंचायत पत्थलगांव द्वारा दस्तावेज भेजा जाना था तो बाद में beo बिल्हा के माध्यम से एक और नया फर्जी दस्तावेज जमा कर दिया गया जिसके अनुसार अब नगर पंचायत पत्थलगांव द्वारा सर्विस बुक और अंतिम वेतन प्रमाण पत्र जनपद पंचायत बिल्हा को भेजा गया है । इसका मतलब यह है कि अब एक ही कर्मचारियों का दो-दो जगह से सर्विस बुक और अंतिम वेतन प्रमाण पत्र आना दिखाया जा रहा है जो पुष्टि करता है कि जबरदस्त तरीके से फर्जीवाड़ा किया गया है ।

10. सूचना के अधिकार से सभी प्रमाणित दस्तावेज यह साफ बतला रहे हैं की नियुक्ति फर्जी है और जेडी सरगुजा और जेडी बिलासपुर द्वारा तैयार की गई जांच कमेटी ने भी अपने रिपोर्ट में नियुक्ति को गलत बताया है । केवल विकासखंड शिक्षा अधिकारी पत्थलगांव गोलमोल तरीके से जवाब देकर बचाने की कोशिश कर रहे हैं जो सर्विस बुक और अंतिम वेतन प्रमाण पत्र संबंधी डबल पत्र सामने आने के बाद फंसते जा रहे हैं ।

11. श्रीमती चंद्ररेखा शर्मा के सर्विस बुक का अवलोकन करने से पता चलता है कि उनके प्रथम कुछ पृष्ठ में जिसमें उनकी फोटो भी है का सत्यापन विकासखंड शिक्षा अधिकारी बिल्हा द्वारा किया गया है और गवाह भी बिल्हा के ही शिक्षक हैं जिन्होंने शपथ पूर्वक जानकारी दी है कि यह काम उन्होंने 2018 में किया है जबकि अंदर के एक दो पृष्ठ में नगर पंचायत पत्थलगांव के अधिकारी का हस्ताक्षर है यानी जो फर्जी सर्विस बुक तैयार किया गया था उसमें एक दो अंदर के पेज में फर्जी एंट्री करते हुए फर्जी सील साइन किया गया था बाद में शुरुआती पृष्ठ में बिल्हा के अधिकारी से साइन करवा लिया गया जो की फर्जीवाड़ा को प्रमाणित करता है कोई भी सर्विस बुक जब तैयार होता है तो सबसे पहले शुरुआत के पेज में ही जानकारी भरी जाती है और फोटो को प्रमाणित किया जाता है कि यही कर्मचारी नौकरी कर रहा है । तत्कालीन विकासखंड शिक्षा अधिकारी और गवाह जो कि संजय शर्मा के संगठन के ही हैं उन्होंने खुद इस बात को कबूला है कि उन्होंने 2018 में हस्ताक्षर करके प्रमाणित किया है ।

इतना कुछ होने के बाद भी जेडी बिलासपुर द्वारा जांच रिपोर्ट राज्य कार्यालय को नहीं भेजा जा रहा है और संजय शर्मा की धर्मपत्नी को बचाने की कोशिश की जा रही है ।


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