
फर्जी नियुक्ति मामले में मुख्यमंत्री से हुई दोबारा शिकायत.. शिक्षक नेता की पत्नी को बचाने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई की हुई मांग !
यूं तो प्रदेश में किसी शिक्षक की छोटी सी गड़बड़ी में भी अधिकारी बड़ी कार्रवाई करने में नहीं झिझकते हैं वही पिछले 1 साल से चर्चित एक ऐसे मामले में जहां पर एक महिला शिक्षिका पर पिछले 17 वर्षों से फर्जी तरीके से नियुक्ति हासिल कर शासन को लाखों रुपए का चूना लगाने का गंभीर आरोप है और जिसमें दो अलग- अलग जेडी की जांच में गड़बड़ी और फर्जी वाला निकाल कर सामने आ चुका है विभाग के अधिकारियों द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है जबकि मामले की शिकायत बिलासपुर कलेक्टर, बिलासपुर जिला शिक्षा अधिकारी और बिलासपुर जेडी से कई बार की जा चुकी है । इसको देखते हुए शिकायतकर्ता हरेश बंजारे ने एक बार फिर मुख्यमंत्री से मुलाकात कर उन्हें पूरे मामले की जानकारी देते हुए कार्रवाई करने हेतु निवेदन किया है और मामले में जिस प्रकार जांच में दोषी जा पाए जाने के बाद भी महिला शिक्षिका को बचाने में अधिकारी लगे हुए हैं उसके भी सबूत उन्होंने मुख्यमंत्री को सौंपे हैं । हालांकि विभागीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जेडी बिलासपुर द्वारा गठित टीम ने अपनी जो रिपोर्ट जेडी को सौंपी थी उसकी पुन: जांच करा कर जेडी ने राज्य कार्यालय को रिपोर्ट प्रेषित कर दी है जिसमें 12 बिंदुओं में महिला शिक्षिका को दोषी मानते हुए कड़ी कार्रवाई करने के लिए लिखा गया है ।
शिक्षक नेता संजय शर्मा की पत्नी का है मामला !
यह पूरा मामला छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष संजय शर्मा की धर्मपत्नी चंद्ररेखा शर्मा से जुड़ा हुआ है जो वर्तमान में सहायक शिक्षक के पद पर शासकीय प्राथमिक शाला मोपका,विकासखंड बिल्हा, जिला बिलासपुर में कार्यरत है । महिला शिक्षिका पर आरोप है कि उन्होंने बिना नौकरी हासिल किए फर्जी नियुक्ति और फर्जी ट्रांसफर दस्तावेज के जरिए नौकरी हथिया ली है और पिछले 17 वर्षों से विभाग में जमी हुई है। विभागीय जांच के बाद सूचना के अधिकार से मिले दस्तावेजों से यह स्पष्ट हो चुका है की यह दस्तावेज आदिवासी महिला नीलम टोप्पो की नियुक्ति आदेश की कॉपी करके तैयार की गई है और उसी के आदेश का क्रमांक नियुक्ति हासिल करने के लिए प्रयोग में लाया गया है । इसके अतिरिक्त जांच के दौरान कुछ फर्जी दस्तावेज प्रस्तुत करने का मामला भी प्रमाणित हो चुका है जिसे लेकर भी शिकायतकर्ता ने कार्रवाई की मांग की है ।


