
नई दिल्ली। केंद्र सरकार अब महिला जनप्रतिनिधि यों के कार्यक्षेत्र मे पतियों के दखल अंदाजी रोकने सख्त कदम उठाने जा रही है अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस (8 मार्च) से पहले केंद्र सरकार ने पंचायती राज संस्थानों में निर्वाचित महिला प्रतिनिधियों की नेतृत्व क्षमता को मजबूत करने और उनके निर्णय लेने के कौशल को बढ़ाने के लिए एक विशेष अभियान शुरू किया है। ‘सशक्त पंचायत-नेत्री अभियान’ के तहत मंगलवार को आयोजित एक कार्यक्रम में 1,200 से अधिक महिला पंचायत नेताओं की उपस्थिति में इस पहल की शुरुआत की गई। इस अवसर पर पंचायती राज मंत्रालय द्वारा एक महत्वपूर्ण प्राइमर भी जारी किया गया, जिसमें महिलाओं और लड़कियों की सुरक्षा व सशक्तिकरण के लिए कानूनों की विस्तृत जानकारी दी गई है।
इस अभियान का उद्देश्य ‘सरपंच पति’ जैसी प्रथा पर अंकुश लगाना है, जिसमें निर्वाचित महिलाओं की जगह उनके पति या अन्य पुरुष रिश्तेदार पंचायत की बागडोर संभालते हैं। पंचायती राज मंत्रालय की एक सलाहकार समिति ने हाल ही में अपनी रिपोर्ट में ‘प्रॉक्सी नेतृत्व’ के मामलों में कठोर दंड लगाने की सिफारिश की थी। समिति ने महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए क्षमता निर्माण, परामर्श और जमीनी स्तर से लेकर उच्च स्तर तक निगरानी की एक ठोस रूपरेखा तैयार करने का भी सुझाव दिया था।


