
फर्जी नियुक्ति मामले में अपना पक्ष रखने नहीं पहुंची महिला शिक्षिका… अब डीपीआई ने दिया 6 तारीख को पक्ष रखने का अंतिम मौका
रायपुर। फर्जी नियुक्ति मामले में घिरी महिला शिक्षिका चंद्ररेखा शर्मा डीपीआई के बुलावे पर 25 तारीख को डीपीआई यानी लोक शिक्षण संचालनालय कार्यालय नहीं पहुंची , उनके स्थान पर उनके पत्र वाहक पहुंचे थे और उन्होंने डीपीआई से जेडी कार्यालय बिलासपुर द्वारा प्रेषित जांच प्रतिवेदन और सहपत्र दस्तावेज की मांग की जिसके बाद उन्हें 6 पन्नों का जांच प्रतिवेदन और 124 पन्नों का सहपत्र दस्तावेज उपलब्ध करा दिया गया ।
विभागीय नियमों का पालन करते हुए अब डीपीआई ने एक बार उन्हें फिर उनका पक्ष रखने के लिए अंतिम अवसर प्रदान किया है । इसके लिए 6 नवंबर को दोपहर 12 बजे का समय तय किया गया है । ऐसा माना जा रहा है कि इस उपस्थिति के बाद बर्खास्तगी की कार्रवाई तय है । सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार चंद्ररेखा शर्मा द्वारा विकासखंड शिक्षा अधिकारी बिल्हा के माध्यम से जो दस्तावेज जेडी कार्यालय में प्रस्तुत किए गए हैं उसमें नगर पंचायत पत्थलगांव से जारी अंतिम वेतन प्रमाण पत्र और सर्विस बुक संबंधी जो फर्जी पत्र जमा किया गया है वह मुख्य रूप से गले की फांस बन सकती है क्योंकि इससे पहले इस पत्र का कहीं कोई अस्तित्व ही नहीं था न तो कार्मिक संपदा में वह पत्र था और नहीं जेडी सरगुजा की जांच में, ऐसे में यह माना जा रहा है कि पूर्व के फर्जी पत्रों के साथ-साथ वर्तमान में जांच से बचने के लिए एक बार फिर से फर्जी पत्र जमा कर दिया गया है जिसका जवाब देना महिला शिक्षिका के लिए काफी मुसीबत भरा रहेगा क्योंकि यह पत्र उन के द्वारा विकासखंड शिक्षा अधिकारी को दिया गया है। बताते चले कि श्रीमती चंद्र रेखा शर्मा छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष संजय शर्मा की पत्नी है और इस पूरे मामले में 13 महीने से उनकी चुप्पी उन्हें और उनके संगठन को कटघरे में खड़ा कर रही है और इसे लेकर सोशल मीडिया में लगातार सवाल उठ रहे हैं की सुप्रीम कोर्ट तक के मुद्दे में बोलने वाले नेता आखिर इस मुद्दे पर क्यों चुप्पी साधे बैठे हैं।


