प्राथमिक प्रधानपाठक संघ करेगी युक्तियुक्तकरण का विरोध
रायपुर। छत्तीसगढ़ प्राथमिक प्रधानपाठक संघ के प्रांत अध्यक्ष त्रिभुवन वैष्णव एवं प्रांत सचिव कमलेश सिंह बिसेन ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर राज्य सरकार द्वारा जारी युक्तियुक्तकरण आदेश का विरोध करने का आह्वान किया है।शिक्षा सचिव द्वारा युक्तियुक्तकरण हेतु जारी आदेश में भारी विसंगति व्याप्त है जिसको लागू करने से भविष्य में शिक्षा व्यवस्था ध्वस्त हो जायेगी। प्राथमिक शालाओं में 60 तक की दर्ज संख्या में केवल 2 शिक्षक प्रधानपाठक सहित पदस्थ होंगे।इस स्थिति में 2से 3कक्षाओं का अध्यापन कार्य और शाला का समस्त विभागीय कार्य प्रधानपाठक को करना पड़ेगा।ऑनलाइन कार्य,ऑफलाइन डाक,मध्यान्ह भोजन संचालन,एसएमसी बैठक,प्रशिक्षण,जैसी जवाबदारी के साथ अध्यापन का कार्य कैसे हो पाएगा समझ से परे है।प्राथमिक शालाओं में 60तक की दर्ज में न्यूनतम 2सहायक और1 प्रधानपाठक की नियुक्ति होनी चाहिए।इसीप्रकार माध्यमिक शाला में भी 105तक दर्ज में प्रधानपाठक और 3सहायक का प्रावधान किया गया है।जबकि 6विषय को पढ़ाने के लिए अलग अलग विषय शिक्षक होने चाहिए।जारी आदेश में शालाओं को मर्ज करने की नीति में भारी विसंगति व्याप्त है।एक ही परिसर में संचालित प्राथमिक शाला और माध्यमिक शाला को मर्ज करके इनका संचालन माध्यमिक शाला के प्रधान पाठक द्वारा करने की व्यवस्था की गई है।ऐसे में प्राथमिक प्रधानपाठक का क्या औचित्य रह जायेगा।प्राथमिक प्रधानपाठक पद की गरिमा और महत्ता पर कुठाराघात बर्दाश्त नहीं किया जायेगा।इसी प्रकार एक ही परिसर में संचालित प्राथमिक शाला,माध्यमिक शाला और उच्च माध्यमिक शाला को मर्ज करके इनका संचालन हाई स्कूल के प्राचार्य को देना प्राथमिक और माध्यमिक प्रधानपाठक के अधिकारी पर अतिक्रमण है।भविष्य में इसके कारण विवाद और वर्चस्व की लड़ाई को बल मिलेगा। जारी आदेश में नगरीय निकाय क्षेत्र में 500मीटर की दूरी में संचालित शालाओं को मर्ज करके वरिष्ठ प्रधानपाठक को संचालन देने और कनिष्ठ को अन्यत्र पदस्थ करने की बात की गई है जो सरासर अव्यावहारिक है।क्योंकि कनिष्ठ प्रधानपाठक को अनावश्यक इधर उधर जाना पड़ेगा।संगठन मांग करता है की पहले वर्तमान की आवश्यकता अनुसार नया सेटअप बनाया जाए तत्पश्चात केवल अतिशेष शिक्षको को चिन्हांकित कर आवश्यकता वाले शालाओं में पदस्थ किया जाय।शासन द्वारा तानाशाही और मनमाने तरीके से युक्तियुक्तकरण को लागू किया जाता है तो अन्य सहयोगी संगठनो के साथ पुरजोर विरोध प्रदर्शन किया जाएगा।साथ ही सड़क से लेकर न्यायालय तक लड़ाई लड़ी जाएगी।


