रायपुर। छत्तीसगढ़ शासन सामान्य प्रशासन विभाग सचिव मुकेश कुमार बंसल ने सभी विभाग प्रमुखों को पत्र भेज कर शासकीय कर्मचारियों के विभागीय जाँच का निपटारा एक साल के भीतर करने के निर्देश जारी किये है पत्र में उन्होंने लंबे समय से निलंबित रखने से कर्मचारी को बहाली उपरांत राशि दी जाती है जिससे शासन को नुकसान पहुंचता है।
विहित निर्देशों का पालन समुचित रूप से नहीं किया जा रहा है। विभागीय जांच के प्रकरणों को एक वर्ष के अन्दर पूरा करना आवश्यक है, लेकिन कई विभागों द्वारा विभागीय जांच की कार्यवाही एक वर्ष की समयावधि में पूरी नहीं की जाती है एवं आरोपी शासकीय सेवक कई वर्षों तक निलम्बन में रहते हैं तथा विभागीय जांच समाप्ति उपरांत उन्हें निलम्बन से बहाल किया जाता है । यदि आरोपी विभागीय जांच में निर्दोष घोषित होता है तो शासन को उसके निलम्बन काल का पूरा वेतन एवं भत्ता भी देना पड़ता है। इस प्रकार शासन द्वारा जारी निर्देशों / आदेशों के अनुरूप विभागीय जांच की कार्यवाही पूर्ण करने में बरती जाने वाली ढिलाई के कारण शासन को अनावश्यक रूप से भारी राशि का भुगतान करना पड़ता है, जबकि वास्तव में निलम्बन होने से उक्त शासकीय सेवक निलम्बन अवधि में कोई कार्य सम्पादित नहीं करता ।
यह भी देखा गया है कि अनेक विभागों में विभागीय जांच के प्रकरण बिना यथोचित कारणों से अनावश्यक रूप से दीर्घ समय तक लम्बित रहते हैं जिसके फलस्वरूप शासन और शासकीय सेवक दोनों पक्षों को अनावश्यक कठिनाई का सामना करना पड़ता है। अतएव यदि किसी प्रकरण में निर्धारित समय-सीमा से अधिक विलम्ब किसी स्तर पर होता है तो यथोचित कारणों के न पाए जाने पर विलम्ब के संबंध में उत्तरदायित्व निर्धारित करते हुए संबंधित उत्तरदायी अधिकारियों / कर्मचारियों के विरूद्ध सक्षम अधिकारी द्वारा अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाना चाहिए ।
क्रमशःः.
विभागीय जांच प्रकरणों में विलम्ब की स्थिति को समाप्त करने के उद्देश्य से शासन ने विभाग के परिपत्र क्रमांक सी-6-2/97/3/1, दिनांक 10.03.1997 द्वारा निर्देश जारी किए हैं कि जांचकर्ता अधिकारी एवं प्रस्तुतकर्ता अधिकारियों की संविदा नियुक्ति सेवानिवृत्त अधिकारियों के पैनल में से की जावे ।
5/ अतः पुनः आग्रह है कि विभागीय जांच की कार्यवाही एक वर्ष की समयावधि में पूर्ण की जाए तथा विभागीय जांच के प्रकरणों को समय-सीमा में तत्परतापूर्वक निपटाया जाना सुनिश्चित कर, समय-समय पर विभागीय जांच प्रकरणों की भारसाधक सचिव द्वारा समीक्षा की जाए तथा विभागीय जांच प्रकरणों का यथाशीघ्र निराकरण कराया जाए ।
कृपया उपरोक्त के पालन हेतु आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित करें एवं विभाग में अनुशासनात्मक कार्यवाही संबंधी एक वर्ष से अधिक लम्बित प्रकरणों की जानकारी भी उपलब्ध कराने का कष्ट करें।


