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प्राथमिक शाला सिर्रीखुर्द मे सुरक्षित शनिवार पर राऊत नाचा एवं सुवा नृत्य आयोजित

प्राथमिक शाला सिर्रीखुर्द मे सुरक्षित शनिवार पर राऊत नाचा एवं सुवा नृत्य आयोजित
शासन के निर्देशानुसार बस्ता मुक्त शनिवार अर्थात सुरक्षित शनिवार पर बच्चों में छुपी प्रतिभा को निखारने के उद्देश्य से रचनात्मक गतिविधियां करना सुनिश्चित किया गया है जिसके तारतम्य में प्रति शनिवार प्राथमिक शाला सिर्रीखुर्द मे विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं जिसमें इस सप्ताह प्रमुख रूप से सुवा नृत्य ,राऊत नाचा, दिया निर्माण एवं शैक्षणिक कैलेंडर के अनुसार अंधविश्वास के प्रति जागरूकता के संबंध में सभी बच्चों एवं पालक गण को जानकारियां बताया गया कार्यक्रम में उपस्थित पालक रामेश्वर साहू ने कहा कि हमारे प्राथमिक शाला में इस प्रकार के आयोजन होने से बच्चों में नए-नए गतिविधि करने के प्रति लगाव होते जा रहा है जिसके कारण से बच्चों का पाठशाला के प्रति जुड़ाव मन से हो रहा है पहले स्कूल में केवल पढ़ाई ही कराया जाता था जिसके कारण से बच्चे उबाऊ महसूस करते थे लेकिन आज विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम में बच्चों को जोड़कर गतिविधियां कराई जाती है जिसके कारण से बच्चों के मन प्रसन्न होते हैं और स्कूल के प्रति उनका लगाओ बढ़ता जा रहा है इस प्रकार के आयोजन कराने में हमारे शिक्षक खोमन सिन्हा का विशेष योगदान रहता है हम लोग जब पढ़ाई करते थे तो कक्षा छठवीं में जाकर ही अंग्रेजी वर्णमाला को जान पाते थे लेकिन आज की स्थिति यह है कि हमारे कक्षा पहली के बच्चे अंग्रेजी में अपना नाम और माता पिता के नाम को आसानी से बताते हैं जो बहुत ही प्रशंसनीय है सांस्कृतिक कार्यक्रम के साथ-साथ प्रति शनिवार हमको एक नया नया जानकारी भी बताया जाता है जिसमें हमारे दैनिक जीवन में घटने वाले घटनाओं का समावेश किया गया है जो आज के आधुनिक दौर पर हमें क्या करना चाहिए इन सभी बातों पर विस्तृत जानकारी प्राप्त होती है शिक्षक खोमन सिन्हा ने कहा कि नवंबर माह के शैक्षणिक कैलेंडर में अंधविश्वास पर जागरूकता कैसे लाया जाए इन बातों पर भी प्रकाश डाला गया है जिसमें लिखा है कि हमें विज्ञान पर ही विश्वास करना चाहिए अभी का दौर विज्ञान का दौर है जैसे पहले के समय में कोई व्यक्ति जंगल या खेत खलिहान गया है और उसे कोई जहरीले जीव जंतु काट लेता था तो वह पूरा समय को बैगा की झाड़ फूंक में ही खत्म कर देते थे और अंततः पीड़ित व्यक्ति को जान गवाना पड़ जाता था लेकिन आज हमारे समाज समुदाय में धीरे-धीरे जागरूकता आ रहा है और इस प्रकार की घटना घटित होने पर तत्काल उन्हें अस्पताल ले जाया जाता है जिससे पीड़ित व्यक्ति पूर्ण रूप से स्वस्थ हो जाता है साथ ही पहले नकारात्मक सोच ज्यादा प्रभावि था किसी व्यक्ति के पेट में दर्द है तो सोचते थे कि मुझे बुरा नजर लगा होगा लेकिन उनका दर्द अपच के कारण सही हाजमा ना होने कारण हो रहा रहता था आज के वर्तमान समय में हम इस प्रकार के समस्या आने पर पहले डॉक्टर के पास जाकर चेकअप कराते है जिससे अनहोनी घटना घटित होने से रुक जाता है तो आज हम लोग वैज्ञानिकों के माध्यम से एक स्वस्थ और सुखी जिंदगी जी रहे हैं कार्यक्रम में प्रमुख रूप से शाला के प्रधान पाठक जगन्नाथ ध्रुव घनश्याम कंवर रामेश्वर साहू दुर्गेश विश्वकर्मा मंदाकिनी साहू निरूपा निषाद शिक्षक खोमन सिन्हा उपस्थित रहे

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