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संलग्नीकरण समाप्त : चरमराई शैक्षणिक व्यवस्था जीपीएम जिले में 10 स्कूल शिक्षक विहीन, 169 एकल शिक्षकीय, संलग्नीकरण समाप्त होने से चरमरा जाएगी शिक्षा व्यवस्था

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जीपीएम जिले में 10 स्कूल शिक्षक विहीन, 169 एकल शिक्षकीय, संलग्नीकरण समाप्त होने से चरमरा जाएगी शिक्षा व्यवस्था

पूर्व कलेक्टर की अनुशंसा से शिक्षा व्यवस्था बनाने के लिए किया गया था संलग्नीकरण

प्रायमरी स्कूल के शिक्षकों का एचएम और यूडीटी में प्रमोशन होने से हुई है शिक्षकों की कमी

डीईओ बोले शिक्षक विहीन और एकल शिक्षकीय स्कूल में संलग्नीकरण को यथावत रखेंगे

कई शिक्षकों को हास्टल में बरसों से संलग्न रखने पर उठ रहे सवाल

 

पेण्ड्रा / स्कूलों में शिक्षा व्यवस्था बनाने के लिए किए गए संलग्नीकरण समाप्त करने से जिले के 10 स्कूल शिक्षक विहीन 169 स्कूल एकल शिक्षकीय हो गए हैं। शासन का निर्देश था कि शिक्षक विहीन और एकल शिक्षकीय स्कूल में संलग्नीकरण यथावत रखते हुए अन्य संलग्नीकरण निरस्त कर दिए जाएं एवं शिक्षक विहीन और स्कूल एकल शिक्षकीय स्कूल में संलग्न शिक्षकों को उसी स्कूल में पदस्थापना देने का प्रस्ताव भेजा जाए। लेकिन उसके उलट इन स्कूलों से संलग्नीकरण ही समाप्त कर दिया गया जिससे शिक्षा व्यवस्था पर विपरीत प्रभाव पड़ने की संभावना है। हालांकि अब इस मामले में जीपीएम जिले के डीईओ एनके चंद्रा कहना है कि उन्होंने सभी बीईओ को निर्देशित किया है कि शिक्षक विहीन और एकल शिक्षकीय स्कूल में संलग्नीकरण को यथावत रहने दिया जाए। वहीं सबसे बड़ा सवाल यह भी उठ रहा है कि बरसों से हास्टल में संलग्न होकर मलाई खा रहे शिक्षकों का संलग्नीकरण जस का तस क्यों बना हुआ है ?

बता दें कि नवंबर 2022 में 447 सहायक शिक्षकों के प्रधान पाठक पद पर पदोन्नति होने से बहुत से प्राथमिक स्कूल एकल शिक्षकीय या शिक्षक विहीन हो गए थे। जिसके बाद स्कूलों में शिक्षा व्यवस्था सुचारू रूप से संचालित रखने के लिए तत्कालीन कलेक्टर ऋचा प्रकाश चौधरी की अनुशंसा से इन स्कूलों में सहायक शिक्षकों का संलग्नीकरण किया गया था। अप्रैल मई 2023 में सहायक शिक्षकों के शिक्षक पद पर पदोन्नति होने के कारण पुनः जिले के बहुत से स्कूल एकल शिक्षकीय हो गए। वहीं कुछ एकल शिक्षकीय स्कूल ऐसे भी हैं जहां पदस्थ शिक्षक बीएलओ हैं। विधानसभा चुनाव होने वाले हैं इसलिए बीएलओ का कार्य भी अति महत्वपूर्ण है। इसलिए उस स्कूल में भी संलग्नीकरण जरूरी है।

ऐसी स्थिति में एकल शिक्षकीय एवं शिक्षक विहीन प्राथमिक स्कूलों में शिक्षा व्यवस्था सुचारु रूप से संचालित रखने के लिए संलग्नीकरण के अलावा दूसरा कोई उपाय फिलहाल संभव नहीं है, क्योंकि शासन ने नई भर्ती नहीं की है। इसलिए एकल शिक्षकीय एवं शिक्षक विहीन प्राथमिक स्कूलों में संलग्नीकरण यथावत रखा जाना समय की आवश्यकता है।

अब देखना होगा कि शिक्षक विहीन और एकल शिक्षकीय स्कूलों में शिक्षा व्यवस्था बनाने के लिए इन स्कूलों में शिक्षकों को कब भेजा जाएगा।

जिले के 10 स्कूल शिक्षक विहीन 169 स्कूल एकल शिक्षकीय

जीपीएम जिले के 10 स्कूल शिक्षक विहीन 169 स्कूल एकल शिक्षकीय हैं। इसमें मरवाही ब्लाक में स्कूल 5 शिक्षक विहीन, 88 एकल शिक्षकीय हैं। पेण्ड्रा ब्लाक में 2 स्कूल शिक्षक विहीन 22 एकल शिक्षकीय तथा गौरेला ब्लाक में 3 स्कूल शिक्षक विहीन 59 एकल शिक्षकीय हैं।

कई शिक्षकों को हास्टल में बरसों से संलग्न रखने पर उठ रहे सवाल

जिले में बहुत से शिक्षक ऐसे हैं जो कि बरसों से हास्टल में अधीक्षक के पद पर संलग्न रहकर मलाई खा रहे हैं। इनके संलग्नीकरण पर जब सवाल उठता है तो प्रशासन दिखावे के लिए आदेश जारी कर देती है कि ये स्कूल में पढ़ाने का काम भी करेंगे। अब सवाल यह उठता है कि जब एकल शिक्षकीय और शिक्षक विहीन स्कूलों का संलग्नीकरण समाप्त किया गया है तो फिर हास्टल में संलग्न शिक्षकों का संलग्नीकरण जस का तस क्यों बना हुआ है ?

 

जोगी कांग्रेस ने किया नए शिक्षकों की भर्ती की मांग

जोगी कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष रामनिवास तिवारी और विधायक प्रतिनिधि गणेश जायसवाल ने शासन से मांग किया है कि शिक्षकों की कमी दूर करने के लिए नई भर्ती की जाए। उन्होंने कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर प्राथमिक स्कूलों में सहायक शिक्षकों की नई भर्ती होने तक आदिवासी बाहुल्य जीपीएम जिले में शिक्षा व्यवस्था सुचारू रूप से संचालित रखने हेतु एकल शिक्षकीय एवं शिक्षक विहीन प्राथमिक स्कूलों में सहायक शिक्षकों का संलग्नीकरण यथावत रखने का मांग किया है।

 

शिक्षक विहीन और एकल शिक्षकीय स्कूल में संलग्नीकरण को यथावत रखेंगे – डीईओ

जीपीएम जिले के डीईओ एनके चंद्रा ने कहा कि उन्होंने सभी बीईओ को निर्देशित किया है कि शिक्षक विहीन और एकल शिक्षकीय स्कूल में संलग्नीकरण को यथावत रहने दिया जाए, क्योंकि इन स्कूलों का सुचारू रूप से संचालन के लिए यहां शिक्षकों की आवश्यकता है।

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