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शिक्षा विभाग बना भ्रष्टाचार का अड्डा : शिक्षकों के पोस्टिंग संशोधन में 4 करोड़ रुपए वसूले जाने की शिकायत ,जाँच शुरू नपेगे कई जेडी

पेण्ड्रा/दिनांक 15 जुलाई 2023

शिक्षकों के पोस्टिंग संशोधन में 4 करोड़ रुपए वसूले जाने की शिकायत पर मुख्यमंत्री ने दिए जांच के आदेश

बिलासपुर के संयुक्त संचालक एसके प्रसाद के खिलाफ कमिश्नर करेंगे जांच

मरवाही के कांग्रेस नेता ने किया है शिकायत

पेण्ड्रा / सहायक शिक्षक से शिक्षक पद पर पदोन्नति के बाद संयुक्त संचालक बिलासपुर एसके प्रसाद ने 400 से अधिक शिक्षकों के पोस्टिंग स्थल को संशोधित कर दिया। संशोधन के इस खेल में शिक्षकों से अवैध रूप से 4 से 5 करोड़ रुपए वसूले जाने की शिकायत पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव आलोक शुक्ला को जांच कराकर कार्यवाही करने का आदेश दिया है, जिसके बाद बिलासपुर के कमिश्नर को जांच की जिम्मेदारी सौंपी गई है।

इस संबंध में मरवाही के वरिष्ठ कांग्रेस नेता डॉ नरेन्द्र राय ने मुख्यमंत्री से शिकायत किया था कि 400 से अधिक ट्रांसफर में चार से पांच करोड़ का खेल किया गया है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस मामले को गंभीरता से लिया और इसके बाद स्कूल शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव डॉ आलोक शुक्ला को जांच कराने का निर्देश दिया। प्रमुख सचिव ने बिलासपुर के कमिश्नर भीम सिंह को बिलासपुर के संयुक्त संचालक एसके प्रसाद के खिलाफ ट्रांसफर पोस्टिंग में गड़बड़ी के शिकायत की जांच करने को कहा है।

आरोप है कि बिलासपुर के संयुक्त संचालक एसके प्रसाद ने सहायक शिक्षक से शिक्षक के प्रमोशन में बड़ा खेल किया। सुनियोजित तौर पर पहले प्रमोशन के बाद पोस्टिंग के लिए काउंसिलिंग में दूर के स्कूल में रिक्त पद दिखाए गए जिससे शिक्षकों ने मजबूरी वश दूर के स्कूल चुने। उसके बाद 400 से अधिक शिक्षकों के पोस्टिंग को संशोधित करते हुए शहर के आसपास के स्कूलों में पोस्टिंग दे दी। इसके लिए डेढ़ से दो लाख रूपये एक शिक्षक से वसूला गया। मरवाही के कांग्रेस के पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ के नेता नरेंद्र राय ने मुख्यमंत्री से इस मामले की शिकायत की जिसके बाद अब जांच होगी।थी।

पोस्टिंग में कैसे खेला गया करोड़ों का खेल ?

दरअसल शासन ने सहायक शिक्षक से शिक्षक पद पर पदोन्नति हेतु पारदर्शिता बरतने के लिए काउंसिलिंग प्रक्रिया अपनाई। लेकिन बिलासपुर संभाग के संयुक्त संचालक एसके प्रसाद ने इसका भी तोड़ निकाल लिया। उन्होंने सीधी भर्ती वालों के लिए रिक्त पद रखने का बहाना बनाते हुए शहर के आसपास के सुविधाजनक स्कूलों के 50% रिक्त स्थानों के नाम सार्वजनिक नहीं किए। इसके कारण काउंसिलिंग दूरस्थ के स्कूलों को मजबूरी में शिक्षकों को चुनना पड़ा। उसके बाद दलालों के माध्यम से डेढ़ से दो लाख रुपए वसूलकर 400 से अधिक शिक्षकों के पोस्टिंग स्थल को संशोधित कर उनकी पोस्टिंग सुविधाजनक स्कूलों में कर दिया गया जिन स्कूलों के रिक्त पदों को काउंसिलिंग में छिपाकर रखा गया था। चूंकि यह पदोन्नति संभाग स्तरीय था इसलिए बड़े पैमाने पर संशोधन का खेल खेला गया।

संशोधन से पहले और बाद के रिक्त स्कूलों की सूची के मिलान से गड़बड़ी का खुलासा होगा

कमिश्नर के जांच में यदि काउंसिलिंग में सार्वजनिक किए गए रिक्त स्कूलों की सूची और संशोधन के बाद के पोस्टिंग किए गए स्कूलों की सूची का मिलान किया गया तो तत्काल घोटाला पकड़ में आ जायेगा।

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