डीए में कांटामारी अब और बर्दास्त नहीं…. वक्त आने पर, राज्य सरकार को भुगतने होंगे इसके भयंकर गंभीर परिणाम – जाकेश साहू

रायपुर //-
केंद्र सरकार द्वारा महंगाई भत्ता में पुनः चार प्रतिशत की वृद्धि पश्चात राज्य एवं केंद्रीय कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में अंतर का फैसला 10% का हो गया है। अब एक ओर जहां केंद्रीय कर्मचारियों को 38% महंगाई भत्ता दिया जा रहा है, वहीं दूसरी ओर राज्य कर्मचारियों का महंगाई भत्ता अब भी मात्र 28% ही रह गया है।
“शिक्षक एलबी संवर्ग छत्तीसगढ़” के प्रदेश अध्यक्ष एवं राज्य के तेजतर्रार कर्मचारी नेता जाकेश साहू ने लंबित महंगाई भत्ता के मुद्दे पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहां है कि महंगाई भत्ता के मामले में और कांटामारी बिलकुल भी बर्दाश्त नहीं। लंबित डीए को लेकर ऐसे भी हम पहले से ही केंद्र से 6% पीछे चल रहे थे।
केंद्र सरकार द्वारा वर्तमान में 4% महंगाई भत्ता बढ़ाए जाने के बाद राज्य एवं केंद्रीय कर्मचारियों के बीच महंगाई भत्ते के अंतर का प्रतिशत अब दस हो गया है। ऐसे में राज्य सरकार को चाहिए कि बिना किसी ना-नुकुर के या किसी प्रकार का बहाना बनाएं बगैर तत्काल 10% की लंबित मंहगाई भत्ता की किस्त जारी करें।
साथ ही लंबित महंगाई भत्ता की एरियर्स राशि भी प्रदान करें। कर्मचारी नेता जाकेश साहू ने कहा कि राज्य में लगभग पौने चार लाख कर्मचारी अधिकारियों को महंगाई भत्ता से सीधे सीधे लाभ होता है। विगत 40 वर्षों में कभी भी ऐसी स्थिति नहीं आई थी कि मूल मांगों को तो छोड़ो….. बल्कि सिर्फ डीए जैसे महत्वपूर्ण चीज के लिए भी राज्य के लाखो कर्मचारियों को तरसना पड़े।
पूर्व से ही यह नियम प्रचलित है कि केंद्र द्वारा कर्मचारियों के महंगाई भत्ता बढ़ाने के उपरांत राज्य सरकार द्वारा भी महंगाई भत्ता की घोषणा की जाती है। राजस्थान में भी कांग्रेस की सरकार है, वहां पर कांग्रेस की ही सरकार द्वारा राज्य कर्मचारियों को 38 प्रतिशत डीए दिया जा रहा है।
परंतु छत्तीसगढ़ में जब जब केंद्र सरकार द्वारा डीए बढ़ाया जाता है तब तब छत्तीसगढ़ प्रदेश में डीए बढ़ाने के नाम पर सरकार द्वारा सिर्फ तल्ख बयानबाजी भर की जाती है। जिससे राज्य के पौने चार लाख कर्मचारी एवं उनके बीस लाख आश्रित परिवार में राज्य सरकार के प्रति घोर निराशा एवं भयंकर नाराजगी है। जिसका परिणाम भविष्य में देखने को मिल सकता है। कर्मचारियों की उक्त नाराजगी और हताशा का शिकार राज्य सरकार को भविष्य में होना पड़ सकता है। कर्मचारी नेता जाकेश साहू ने राज्य सरकार को आगाह करते हुए कहा कि समय रहते सरकार अपनी गलती सुधार ले, अन्यथा वक्त आने पर सरकार को इसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।


