युक्तियुक्तकरण मे भारी अनियमितता, संभागायुक्त से शिकायत
दोषी तीन बीईओ,पर कायर्वाही सिर्फ एक पर ही क्यों?
मैनपुर बीईओ महेश राम पटेल व फिंगेश्वर रामेंद्र कुमार जोशी बीईओ को निलंबित करने की उठी मांग।
कलेक्टर को गुमराह कर अपने चहेते बीईओ को बचाने का षडयंत्र ।
राजिम। गरियाबंद जिले में युक्तियुक्तकरण के तहत अतिशेष शिक्षकों की सूची ऐसी बनाई गई की चुनिंदा शिक्षकों को लाभ देने सीनियर शिक्षकों को अतिशेष बना दिया। अतिशेष शिक्षकों की गलत जानकारी देकर पदस्थापना और काउंसिलिंग में गड़बड़ी करने वाले जिले के तीन विकासखंड के बीईओ जिनमें छुरा किशन लाल मतावले, मैनपुर महेश राम पटेल, फिंगेश्वर से रामेन्द्र कुमार जोशी ने शासन के युक्तियुक्तकरण नीति की धज्जियां उड़ाने में कोई कसर नहीं छोड़ी।अपने चहेते बीआरसीसी को अतिशेष सूची से बचाने फिंगेश्वर बीईओ ने गलत सूची बना कर जिला स्तरीय युक्तियुक्तकरण समिति कों प्रेषित किया। बालक पूर्व मा. शा. राजिम मे दर्ज संख्या 110 है जिसमें शासन के युक्तियुक्तकरण नियमानुसार दो अतिशेष होने चाहिए। अपने चहते विकासखंड स्त्रोत समन्वयक को बचाने के लिये केवल एक शिक्षक को अतिशेष किया गया है। जबकि संलग्न शिक्षकों की गणना उनके मूल शाला में करने का लोक शिक्षण संचालनालय से स्पष्ट आदेश जारी किया गया था।उसके बाद भी फ़िंगेश्वर बी ई ओ ने व्यक्ति विशेष को लाभ पहुंचाने के लिए उच्च कार्यालय के दिशा निर्देश को नजरंदाज कर दिया।
उल्लेखनीय है कि विकासखंड स्तरीय युक्तियुक्तकरण समिति में विकास खंड स्त्रोत समन्वयक भी सदस्य हैं, जब खुद अतिशेष थे तो उन्हें समिति में नहीं रखा जाना था। परंतु यहां पर भी बी ई ओ फ़िंगेश्वर ने नियम से परे जाकर दरियादिली दिखाई। इसी प्रकार मैनपुर बीईओ महेश राम पटेल ने ब्लॉक के कई व्याख्याताओं कों अतिशेष की सूची में डाल दिया था जिसे कलेक्टर ने अतिशेष सूची से हटा कर इनके करतूत को मिटाया तो नहीं पर कम करने का प्रयास किया है। महेश पटेल ने मैनपुर ब्लॉक की रिक्त संस्थाओं की जानकारी मे तथ्यों को छुपाते हुए प्राथमिक शाला गोडयारी कों दो बार रिक्त दिखाया जिसके चलते छुरा ब्लॉक के दो सहायक शिक्षकों ने काउंसिलिंग मे उक्त शालाओं का चयन कर लिया।
जब चयनित शिक्षकों ने प्राथमिक शाला गोडयारी मे कार्यभार ग्रहण करने पहुंचे तो पाया की प्राथमिक शाला गोडयारी मे पूर्व से दो शिक्षक पदस्थ है जिनमें एक ने जॉइनिंग कर ली दूसरे ने जॉइनिंग ना कर वास्तविकता से उच्च कार्यालय को अवगत कराया। आनन फानन में अपने चहेते बी ई ओ महेश राम पटेल के कृत्यों पर पर्दा डाल कर बचाने उक्त शिक्षक गजेश्वर साहू की पदस्थापना आदेश संशोधित कर वापस छुरा ब्लॉक में पदस्थ कर दिया। वहीं उक्त शाला काउंसिलिंग में नहीं दिखाया गया था जिसे सेटिंग के तहत छुरा ब्लॉक में पदस्थ किया गया। इस प्रकार युक्तियुक्तकरण में जिले के तीन बी ई ओ ने अनियमितता की। सोचनीय तथ्य यह है की अतिशेष शिक्षकों की सूची में हेरफेर का आरोप तीन बीईओ छूरा, मैनपुर, फिंगेश्वर पर है तो कायर्वाही सिर्फ एक पर ही क्यों जितनी बड़ी गड़बड़ी छुरा बीईओ मतावले ने किया है उससे कहीं ज्यादा गड़बड़ मैनपुर के प्रभारी बीईओ महेश राम पटेल और फिंगेश्वर बीईओ रामेद्र कुमार जोशी ने किया है निलंबन कायर्वाही होनी है तो समान दोष पर तीनों कों निलंबित किया जाए।किंतु छुरा विकासखंड शिक्षा अधिकारी किशनलाल मतावाले को निलंबित करने का प्रस्ताव कलेक्टर ने सचिव स्कूल शिक्षा को भेजा है। इस प्रकरण में अब जिला शिक्षा अधिकारी की भूमिका भी आरोपों के घेरे मे आती दिख रही। इसी प्रकार कार्यालय विकासखंड शिक्षा अधिकारी द्वारा गंभीर लापरवाही करते हुए युक्ति युक्त करण प्रक्रिया में नियमों का अवहेलना करते हुए फिंगेश्वर विकासखंड में रिक्त पदों को छुपा कर देवभोग विकास खंड के शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला सीनापाली के लिए महिला शिक्षिका को अतिशेष शिक्षक बता कर आदेश प्रसारित किया गया है। उक्त महिला शिक्षिका गंभीर बीमारी हृदय रोग से पीड़ित है जिसकी सूचना शिक्षिका द्वारा विकासखंड शिक्षा अधिकारी फिंगेश्वर को दिया गया, इसके बावजूद भी उनके द्वारा एक महिला शिक्षक के लिए कोई सहानुभूति नहीं दिखाया गया। अतिशेष सूची जारी करने के पश्चात दावा आपत्ति का अवसर नहीं दिया गया जिसके कारण कई शिक्षक बेवजह ही अतिशेष शिक्षकों की सूची में शामिल हो गए। अतिशेष सूची जारी करने के पूर्व मूल शाला से अन्य शाला में संलग्न हुए शिक्षकों को लौटाने का आदेश प्रसारित नहीं किया गया जिसके कारण से उनकी गणना मूल शाला में नहीं किया गया। संपूर्ण काउंसलिंग प्रक्रिया करने एवं नवीन पद स्थापना जारी होने के पश्चात मूल शाला से अन्य शाला में संलग्न शिक्षक शिक्षिकाओं को अपने मूल शाला में लौटने का आदेश प्रसारित किया गया जो की गंभीर लापरवाही एवं त्रुटियो को उजागर करती है।
विकासखंड फिंगेश्वर में संस्कृत के रिक्त पद होने के पश्चात भी पद को जानबूझकर प्रदर्शित नहीं किया गया जिसके कारण महिला शिक्षिका को फिंगेश्वर विकासखंड से देवभोग विकासखंड के लिए कार्य मुक्त कर दिया गया।
शासकीय संस्कृत विद्यापीठ राजिम में केवल दो शिक्षक कार्यरत हैं एवं दर्ज संख्या 60 है उक्त विद्यालय में संस्कृत का कोई विषय शिक्षक कार्यरत नहीं है। एवं दो शिक्षकों की आवश्यकता दर्ज संख्या के आधार पर होगी। परंतु विकासखंड शिक्षा अधिकारी फिंगेश्वर के द्वारा संस्कृत विद्यापीठ विद्यालय में संस्कृत विषय के रिक्त पद होने के बावजूद जानबूझकर मानसिक रूप से परेशान करते हुए देवभोग के लिए मात्र एक पद रिक्त दिखाया गया । फिंगेश्वर विकासखंड में संस्कृत विषय का रिक्त पद होने के बावजूद जानबूझकर पद को छुपाया गया है।शासकीय माध्यमिक शाला बासिन विकासखंड फिंगेश्वर में कुल दर्ज संख्या 240 एवं कार्यरत शिक्षकों की संख्या 04 होने के बावजूद संस्कृत रिक्त पद होने पर भी रिक्त पद को छुपाया गया। इस प्रकार फिंगेश्वर बी ई ओ ने विकास खंड में संस्कृत का रिक्त पद होने के बावजूद युक्तियुक्तकरण के नियमों का उल्लंघन करते हुए जानबूझकर लापरवाही कर अपने जान पहचान को युक्तियुक्तकरण में लाभ देने के उद्देश्य से देवभोग विकासखंड के लिए कार्य मुक्त कर दिया गया है।
गरियाबंद कलेक्टर को गुमराह कर रहा शिक्षा विभाग
गरियाबंद में नवपदस्थ कलेक्टर भगवान सिंह उइके जो सीधे सरल सहज है उन्हें शिक्षा विभाग मे बैठे शातिर किस्म के लोग लगातार गुमराह कर रहे है। यहां यह उल्लेखनीय है कि जब युक्तियुक्तकरण के सारे आदेश जिला शिक्षा अधिकारी के हस्ताक्षर से जारी हो रहे तो गड़बड़ी पर पर्दा डालने वाले संशोधित आदेश को कलेक्टर साहब को गुमराह कर उनके हस्ताक्षर से जारी करवाया गया है। इस प्रकार जिला शिक्षा अधिकारी की कार्य प्रणाली भी संदेहास्पद प्रतीत होती है।


