शिक्षक अटैचमैंट

डीईओ DMC कार्यालय मे अटैचमेंट पर आधा दर्जन शिक्षक : गरियाबंद जिले मे शिक्षा का बुरा हाल कैसे आयेगी गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा….. प्रशासनिक चुप्पी सवालों के घेरे मे…….

गरियाबंद ब्रेकिंग : न्यायालय और शासनादेश को धता बता कर शिक्षकों का अटैचमेंट,प्रतिनियुक्ति,प्रभार का खेल स्कूल भगवान भरोसे शिक्षक कलेक्ट्रेट मे संलग्न

गैर शिक्षकीय कार्य कर रहे शिक्षकों को मूल शाला में वापस भेजने हेतु शासन द्वारा आदेश के बावजूद वापस नहीं भेजा गया।

 

गरियाबंद। गरियाबंद शिक्षा व्यवस्था को दुरुस्त कर शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने की कोशिश मे लगी सुशासन की विष्णुदेव सरकार शिक्षक समस्या से जूझते गरियाबंद वनांचल के स्कूल के शिक्षक पढ़ाने के बजाय गरियाबंद जिला कलेक्ट्रेट मे विभिन्न कार्यालयों मे संलग्न और प्रतिनियुक्ति पर काम कर अफसरों के दायें बायें कदम ताल कर रहे जिनमें कुछ दागी शिक्षक भी शामिल है जिन पर निलंबन की सजा  मिली कुछ दिन मे बहाल हों गये फिर अपनी प्रतिनियुक्ति जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय मे बिना किसी निर्धारित योग्यता के करा लियॆ।

इसी तरह गरियाबंद ब्लॉक के मैनपुर विकासखंड मे प्रभारी विकासखंड शिक्षा अधिकारी का काम देख रहे व्याख्याता जो अपने मूल पदस्थापना से 40-45किमी दूर अधिकारी बन बैठे है इनके ऊपर शिक्षकों के एरियर निकालने का आरोप था जिसकी जाँच और कार्यवाही ठंडे बस्ते मे पड़ा है वहीं BEO बनने के निर्धारित योग्यता नहीं रखने माननीय हाईकोर्ट के निर्णय की व्याख्याता को बीईओ नहीं बनाया जा सकता।

इस संबंध मे माननीय उच्च न्यायालय बिलासपुर के WPS 8244/2022 रमाकांत देवांगन विरुद्ध शासन पारित आदेश का उलंघन कर व्याख्याता महेश राम पटेल को मैनपुर विकासखंड का प्रभारी बीईओ बनाया गया है।

वहीं BEO प्रभार के संबंध मे अवर सचिव छत्तीसगढ़ शासन का आदेश 14/03/2024 को स्पष्ट आदेश कर व्याख्याता को किसी प्रकार का प्रभारी बीईओ नहीं बनाने का  आदेश किया है वहीं महेश राम पटेल के मामले मे उच्च कार्यालय व्याख्याता को बीईओ बना कर सीधा सीधा न्यायालय को चुनौती दे रहा और खुद के आदेश को झुठला रहा।

वहीं गरियाबंद जिला कार्यालय बना शिक्षकों के अटैचमेंट का अड्डा जाने कौन शिक्षक कहा पर अटैच होकर अपने मूल कार्य शिक्षकीय पेशे से नाइंसाफी कर रहा और जिला प्रशासन के प्रशासनिक अफसरों के दायें बायें कदम ताल कर रहे वहीं प्रदेश के मुखिया शिक्षा विभाग के भी मुखिया है जो शिक्षा मे आमूलचूल परिवर्तन कर इस वर्ष को मुख्यमंत्री शिक्षा गुणवत्ता वर्ष का नाम दे रहे वहीं इस आदिवासी जिले के शिक्षक आदिवासी बच्चों को शिक्षा से वंचित कर आफिसों मे चाकरी कर रहे इन शिक्षकों की स्कूल वापसी संलग्नकरण समाप्त करने के आदेश डीईओ कार्यालय मे धूल फांक रहे पर इनकी स्कूल वापसी नहीं हुई।

 

 

जिला कार्यालय गरियाबंद मे संलग्न ,प्रतिनियुक्ति पर कार्यरत शिक्षकों की जानकारी इस प्रकार है।

1-खेल सिंह नायक  मूल पद व्याख्याता वर्तमान पद जिला परियोजना समन्वयक रिटारयरमेंट  जुलाई 2025 परंतु वित्तीय प्रभार मे नियमतः किसी शासकीय सेवक को रिटायरमेंट के तीन महीना पहले सभी प्रकार के प्रभार मुक्त किया जाता है परंतु इन को वित्तीय गतिविधि करने दिया जा रहा जिससे भ्रष्टाचार की प्रबल आशंका बनी हुई है।

2-श्याम चंद्राकर :- मूल पद व्याख्याता संस्कृत परंतु बिना किसी वैध योग्यता के सांख्यिकी अधिकारी इनके ऊपर खेलगड़िया का भ्रष्टाचार का दोष सिद्ध पूर्व मे निलंबित वर्तमान मे विभागीय जाँच चल रहा दागी और अयोग्य होने के बाद भी इनको सांख्यिकी अधिकारी पद पर प्रतिनियुक्ति।

3-बुद्धविलास सिंह :- मूलपद व्याख्याता वर्तमान पद सहायक परियोजना अधिकारी माध्यमिक समग्र शिक्षा इन पर डीईओ के फर्जी हस्ताक्षर से चुनाव आयोग को जाँच प्रतिवेदन भेजने के आरोप जाँच कार्यवाही शून्य

4-महेश राम पटेल :- मूल पद व्याख्याता वर्तमान मे प्रभारी बीईओ मैनपुर ब्लॉक इन पर शिक्षकों के एरियर आहरण का आरोप जाँच जारी कार्यवाही शून्य।

वहीं बीईओ प्रभार के लियॆ अयोग्य उच्च न्यायालय और विभागीय आदेश के विपरीत मिला प्रभार।

5-मनोज कुमार केला :-मूल पद प्रधान पाठक वर्तमान मेAPC जिला परियोजना समग्र शिक्षा मूल कार्य से कोसों दूर।

6-भूपेंद्र कुमार सोनी:- मूल पद प्रधानपाठक वर्तमान पदAPC समग्र शिक्षा जिला गरियाबंद।अध्यापन से वर्षों से मिलों दूर

7- विल्सन पी थामसन:- मूल पद शिक्षक  वर्तमान मे APC जिला परियोजना समन्वयक कार्यालय गरियाबंद।

8-योगेश पटेल:-मूल पद शिक्षक वर्तमान मे परियोजना कार्यालय समग्र शिक्षा गरियाबंद मे संलग्न

उल्लेखित नाम शिक्षकों के है जिनका मूल काम शालाओं मे बच्चों को शिक्षा देकर आगे बढ़ाना और आदिवासी अंचल को शिक्षा के क्षेत्र मे ऊपर ले जाना है पर ये महाशय मूल कार्य छोड़ कर कार्यालयों मे अफसरों की चाकरी निर्माण कार्यों की फ़ाइल पकड़ कर अफसरों के दायें बायें कदम ताल कर रहे ये शिक्षक किसी भी प्रकार के अतिशेष के दायरे मे नहीं आते की इनकी सेवा अन्यत्र लिया जाए इनको शिक्षकीय कार्य का वेतन तो मिलता है परंतु ये शिक्षकीय कार्य करते ही नहीं ये नौ निहाल बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहे लोगो ने इनकी संलग्नीकरण प्रतिनियुक्ति और मिले नियम विरूध प्रभार से तत्काल हटा कर वापस स्कूल भेजा जाए ताकि गरियाबंद जैसे आदिवासी ब्लॉक के जनजातिया वर्ग के बच्चों शिक्षा गुणवत्ता की सुधार की महत्व पूर्ण कार्यक्रम कैसे सफल होगी सोचनीय वहीं इन दागी शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति संलग्नीकरण अटैच मैंट का खेल प्रशासन के खुला संरक्षण मे चल रहा शिक्षा का भगवान ही मालिक जहा शिक्षक स्कूल छोड़ कार्यालयों की कुर्सी तोड़ रहे।

लोगो ने इस मामले पर त्वरित संज्ञान और उचित कार्यवाही का भरोसा है की शिक्षा गुणवत्ता के लियॆ बाबूगिरी कर रहे शिक्षकों की स्कूल वापसी हों।

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