फिंगेश्वर से शुरू हुआ बवाल अब पूरे जिले में उबाल – अभय साहू पर कार्रवाई नहीं तो मनरेगा विभाग ठप, पंचायतों में भी असर तय
महिला व अनुसूचित जन जाति कर्मचारी से गाली-गलौज, धमकी और अश्लील टिप्पणी – गरियाबंद जिले के सभी मनरेगा कार्यालयों में ताले, कामकाज ठप
गरियाबंद/फिंगेश्वर – जनपद पंचायत फिंगेश्वर के संकाय सदस्य अभय प्रकाश साहू द्वारा महिला और अनुसूचित जाति वर्ग के कर्मचारियों के साथ की गई कथित अभद्रता और मानसिक प्रताड़ना के विरोध में पूरे गरियाबंद जिले के मनरेगा कार्यालयों में ताले जड़ दिए गए हैं। यह मामला अब केवल एक जनपद का नहीं रह गया – जिला स्तर पर प्रदर्शन, काम बंद और आंदोलन की तैयारी ने प्रशासन की नींद उड़ा दी है।
20 मई को ग्राम पंचायत भवन में आयोजित सुशासन तिहार समाधान शिविर में यह मामला उस समय तूल पकड़ गया जब साहू ने तकनीकी सहायक से गाली-गलौज कर जातिसूचक टिप्पणी की। मौके पर मौजूद कर्मचारियों ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि साहू का यह व्यवहार नया नहीं है, बल्कि लगातार चलता आ रहा है।
पीड़ित महिला कर्मचारी रीना ध्रुवे बोलीं – “न्याय नहीं मिला तो आयोग में होगी शिकायत”
अनुसूचित जन जाति वर्ग से आने वाली महिला कर्मचारी रीना ध्रुवे ने साहू पर व्यक्तिगत टिप्पणी, धमकी और जातिगत अपमान के आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा, “अगर मुझे न्याय नहीं मिला, तो मैं महिला आयोग और अनुसूचित जन जाति आयोग तक जाऊंगी।”
संभावित धाराएं – मामला बेहद गंभीर
IPC 354A: महिला के साथ अभद्र व्यवहार
IPC 504: जानबूझकर अपमान
IPC 509: महिला की गरिमा का अपमान
SC/ST Act की धारा 3(1)(r), 3(1)(s), 3(2)(va): जातिगत अपमान और उत्पीड़न
कर्मचारियों की चेतावनी – “साहू को हटाओ वरना कोई भी कार्य नहीं होगा”
मनरेगा स्टाफ ने दो टूक कहा है कि जब तक अभय साहू को हटाया नहीं जाता, वे किसी भी प्रकार के कार्यालयीन कार्य में भाग नहीं लेंगे। उन्होंने प्रशासन को चेतावनी दी है कि यदि अब भी कार्रवाई नहीं हुई, तो आगे की कोई भी अप्रिय घटना के लिए वे जिम्मेदार नहीं होंगे।
प्रशासन के सामने सवाल – क्या अब भी होगी अनदेखी?
प्रशासनिक नियमों के अनुसार शासकीय कर्मचारी द्वारा ऐसी भाषा और व्यवहार न केवल सेवा आचरण नियमों का उल्लंघन है, बल्कि यह समाज के कमजोर वर्गों के साथ सीधा अन्याय भी है। सवाल यह है – क्या अब भी यह मामला फाइलों में दबेगा, या दोषी पर होगी कड़ी कार्रवाई?


