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    विधालयी शिक्षा में हस्तकला कौशल का समावेश राष्ट्रीय कार्यशाला में राज्य के 06 शिक्षक शामिल हुए

    सांस्कृतिक स्रोत एवं प्रशिक्षण केन्द्र
    संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार 15ए, सेक्टर-7, द्वारका, नई दिल्ली-110075 15A, Sector-7, Dwarka, New Delhi-110075
    के द्वारा 15जनवरी से से 24 जनवरी, 2025 तक सीसीआरटी, क्षेत्रीय केन्द्र, दमोह मध्यप्रदेश में आयोजित “एनईपी-2020 के अनुरूप विधालीन शिक्षा में हस्तकला कौशल की भूमिका” कार्यशाला में भाग लिया है।

    सी सी आर टी दमोह प्रशिक्षण में शामिल हुए छत्तीसगढ़ के प्रतिभागी शिक्षक/शिक्षिका प्रशिक्षण प्राप्त करने के पश्चात वापस आ गए हैं “छत्तीसगढ़िया सबले बढ़िया” पूरे भारतवर्ष में गूंज रहा है। दमोह में आयोजित “विद्यालयी शिक्षा में हस्तकला कौशल का समावेश” इस विषय पर आयोजित प्रशिक्षण में भारतवर्ष से कुल 08 राज्य के 44 प्रतिभागी उपस्थित हुए।
    जिसमें छत्तीसगढ़ से कुल 6 प्रतिभागी शामिल हुए , जिनकी संस्कृति भारत के अन्य राज्यों की संस्कृति के महासंगम से ओत-प्रोत होकर आए हैं। राज्यों से कुल 45 प्रतिभागियों ने भाग लिया। जिसके अतर्गत दिनांक 24/01/25 को कार्यशाला पूर्ण होने के अवसर पर समारोह का सफल आयोजन किया गया | जिसमें क्षेत्रिय अधिकारी श्री देवनारायण रजत जी द्वारा समापन उद्बोधन में प्रतिभागियों का
    उत्साहवर्धन किया गया एवं उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएं दी गई व विद्यालयों में उत्कृष्ट कार्य करने हेतु प्रेरित किया गया | समारोह में प्रतिभागियों द्वारा हस्तकला का प्रदर्शनी एवं किया गया | निदेशक महोदय के करकमलों से सभी प्रतिभागियों को कार्यशाला के समापन पर प्रमाण पत्र वितरित किया गया | कहानी गीत कविता को हम किस तरह बच्चों के सामने मनोरंज तरीके से क्षेत्रीय उपलब्ध वाद्य यंत्रों का प्रयोग कर बच्चों को सीखा सकते है ।कक्षा में हम हस्तकला का प्रदर्शन कैसे करे । इस कार्यशाला में हम सभी ने सीखा की हस्तकला शिक्षा में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है । साहित्य, चित्रकला, मूर्तिकला, संगीत, छत्तीसगढ़ की श्रीमती मनीषा तिवारी गरियाबंद , उमेश कुमार ठाकुर कबीरधाम, संदीप पाण्डेय कबीरधाम, अशोक कुमार विनायक कबीर धाम, कुलदीप सिंह तोमर राजनांदगांव, नवनीत कुमार वैष्णव राजनांदगांव से शामिल हूए।