सोना साहू प्रकरण में चल रही चंदा उगाही का प्रधानपाठक संघ ने किया विरोध
रायपुर। छत्तीसगढ़ की साहसी शिक्षिका सोना साहू जो आज पूरे राज्य में संघर्ष की मिशाल बन चुकी है।2016 से 2024तक अकेले अपने दम पर उच्च न्यायालय बिलासपुर में क्रमोन्नति का केस जीत चुकी।उच्च न्यायालय में केस जीतने के बाद पूरे राज्य में शिक्षकों में उत्साह पैदा हो गया और इनके केस का संदर्भ लेकर हजारों शिक्षकों ने उच्च न्यायालय की शरण ली। शासन को जब समझ में आया कि यह मामला गले की फांस बन चुका है। शिक्षकों को क्रमोन्नत वेतनमान देने और एरियर्स राशि का भुगतान करने में राज्य की वित्तीय स्थिति बेहाल हो जाएगी।सरकार ने मामले को टालने और स्थिति से बचने के लिए सुप्रीम कोर्ट में एस एल पी याचिका दायर करने का विकल्प चुना।अब मामला सुप्रीम कोर्ट के दहलीज पर पहुंच चुका है।इस बीच प्रदेश के प्राथमिक शिक्षकों के बड़े संगठन के दलाल प्रवृत्ति के नेता आपदा में अवसर खोज लिए।इनके द्वारा प्रदेश स्तर पर पहले वाट्सअप ग्रुप बनाकर क्रमोन्नति में संघर्ष करने के नाम पर लोगो को जोड़ा गया।जब मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा तब इन्होंने सोना साहू को सहायता करके लड़ाई में साथ देने के नाम पर पूरे प्रदेश में शिक्षकों से चंदा उगाही का काम समिति बनाकर जोरो पर है।इन मौकापरस्त गिद्ध प्रवृत्ति के शिक्षक नेताओं का नाम पूर्व में पदोन्नति पदस्थापना और संशोधन में दलाली में चर्चा में रहा है।बड़े संगठन से जुड़े ये प्रदेश स्तर के पदाधिकारी बाकायदा ब्लॉक,जिला स्तर पर संगठन से जुड़े प्राथमिक शिक्षकों और प्रधान पाठकों से 500 रुपए प्रति शिक्षक वसूली की जा रही है।प्रदेश में कार्यरत लगभग एक लाख बीस हजार प्राथमिक शिक्षकों से करोड़ों रुपए वसूलने का का कार्य जोरो पर है।गौरतलब है कि याचिकाकर्ता सोना साहू और उनके वकील पति रामनिवास साहू द्वारा अभी तक की लड़ाई स्वयं के खर्च पर किया गया है और आगे सुप्रीम कोर्ट के लिए भी आम शिक्षक से या शिक्षक संगठनों से किसी प्रकार का कोई अपील या निवेदन नहीं किया गया है।उसके बाद भी इन नेताओं द्वारा” पराई शादी में अब्दुल्ला दीवाना” की तर्ज पर लाखों करोड़ों की वसूली अनेक संदेह को जन्म दे रहा है।शिक्षको को सुप्रीम कोर्ट में लगने वाला भारी भरकम खर्च का भय और केस जीतने पर मिलने वाली लाखों की एरियर्स का सब्जबाग दिखाकर अपनी जेब भरने का जुगाड इन दलाल नुमा नेताओं द्वारा जोर शोर से किया जा रहा है।भोले भाले शिक्षक इनके दिखाए मुंगेरी लाल के सपने में खोकर अपनी गाढ़ी कमाई इनके जेब भरने में लगा रहे है।संगठन के प्रदेश अध्यक्ष मनीष मिश्रा द्वारा इस मामले में संगठन के द्वारा वित्तीय और विधिक सहायता देने का खुला पत्र जारी किया गया था।इसके बाद भी इनके ही संगठन के प्रदेश स्तर के बड़े नेताओं द्वारा व्यय समिति और प्रस्ताव समिति बनाकर सहायता के नाम पर चंदा उगाही सवालों के घेरे में है।प्रदेश अध्यक्ष मनीष मिश्रा को तत्काल इस विषय पर संज्ञान लेकर चंदा उगाही में शामिल लोगों को बाहर का रास्ता दिखाए।अन्यथा वह दिन दूर नहीं जब सबसे बड़े संगठन से आम शिक्षकों का विश्वास खत्म हो जाएगा।सहायक शिक्षकों की वेतन विसंगति दूर करने के नाम पर बने संगठन का नाम पर इनके ही नेता कभी ट्रांसफर,कभी पदोन्नति तो कभी संशोधन के नाम पर कालिख पोतने पर उतारू है। छत्तीसगढ़ प्राथमिक प्रधानपाठक संघ शिक्षकों से कोर्ट केस के नाम पर हो रही अवैध वसूली का विरोध करता है तथा सभी शिक्षकों से अपील करता है कि ऐसे दलाल प्रवृत्ति के लोगों से सतर्क रहे।किसी को इस मामले में राशि न दे।सहायता करने के इच्छुक साथी सीधे याचिका कर्ता को आर्थिक सहायता दे सकते है।
×
Subscribe to Updates
Get the latest creative news from FooBar about art, design and business.