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योगी सरकार की बड़ी कार्यवाही : एक आईएएस और तीन पीसीएस अधिकारियों को किया निलंबित

लखीमपुर खीरी में खेत की पैमाइश लटकाए रखने पर एक आईएएस और तीन पीसीएस अधिकारियों को निलंबित कर दिया है।

RSS से जुड़े एक सीनियर लीडर की जमीन नापने में टालमटोल करने का आरोप है। ये प्रकरण 6 वर्षों से लंबित था। उस अवधि में जितने भी अधिकारी तैनात थे सबके विरुद्ध कार्रवाई हुई है।

वर्तमान में वे अलग-अलग जिलों में तैनात थे। इन तीनों अधिकारियों को राजस्व परिषद से संबद्ध कर दिया गया है।

शासन ने आईएएस अधिकारी व अपर आयुक्त लखनऊ मंडल धनश्याम सिंह को निलंबित कर दिया है। पीसीएस अधिकारियों में बाराबंकी के एडीएम (वित्त एवं राजस्व) अरुण कुमार सिंह, झांसी के नगर मजिस्ट्रेट विधेश सिंह, बुलंदशहर की एसडीएम रेनु को निलंबित किया गया है।

इन चारों अधिकारियों ने लखीमपुर खीरी में अपनी तैनाती के दौरान RSS नेता की जमीन पैमाइश के मामलों में टालमटोल की।

लखीमपुर प्रकरण-

IAS और PCS अफ़सर सस्पेंड

IAS धनश्याम सिंह,अपर आयुक्त लखनऊ मंडल निलबिंत

PCS अरुण कुमार सिंह,ADM FR बाराबंकी निलंबित

PCS विधेश सिंह,नगर मजिस्ट्रेट,झांसी निलंबित

PCS रेणु SDM बुलन्दशहर निलंबित

उत्तर प्रदेश में योगी सरकार ने भूमि पैमाइश को लेकर हो रही लापरवाही पर बहुत ही सख्त फैसला लेते हुए इस मामले में 1 आईएएस और 3 पीसीएस अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया। जबकि अभी कई अफ़सर कार्यवाही की जद में है वैसे इन चारों अफ़सरो ने लखीमपुर खीरी में अपनी तैनाती के दौरान पैमाइश के मामलों में टालमटोल किया था

प्रदेश सरकार ने लखीमपुर खीरी में खेत की पैमाइश लटकाए रखने के मामले 1 आईएएस और 3 पीसीएस अधिकारियों को निलंबित कर दिया है। वर्तमान में वे अलग-अलग जिलों में तैनात थे। इन अधिकारियों को राजस्व परिषद से संबद्ध कर दिया गया है।

लखीमपुर खीरी के सदर भाजपा विधायक योगेश वर्मा का 24 अक्तूबर को सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ था। इसमें वह स्कूटी पर बैठकर कलक्ट्रेट परिसर गए और बीच सड़क पर एसडीएम से लेकर कानूनगो की शिकायत करते हुए नजर आए। इस वीडियो में विधायक कह रहे थे कि सेवानिवृत्त शिक्षक विश्वेश्वर दयाल की भूमि की पैमाइश के लिए घूस में 5000 रुपये लिए गए। इस घूस की रकम को वापस किया जाए।

इस मामले में तत्काल उच्चस्तर से जांच के आदेश दिए गए। IAS देवराज एम प्रमुख सचिव नियुक्ति ने लखीमपुर खीरी की डीएम IAS दुर्गा शक्ति नागपाल से इसकी पूरी रिपोर्ट मांगी थी। इसमें यह पूछा कि छह साल पहले यानी वर्ष 2019 के बाद कौन-कौन उप जिलाधिकारी, तसीलदार और नायब तहसील वहां तैनात रहे। उन्होंने पैमाइश के मामले में क्या कार्रवाई की। डीएम से मिली रिपोर्ट के आधार पर अब इन चारों अफसरों को दोषी पाया गया है और उसी आधार पर निलंबित कर दिया गया है ।

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