गांव में हुक्का पानी बंद होने से बैगा (ध्रुव )परिवार परेशान, एसडीएम से लगाई न्याय की गुहार
मैनपुर l जिले के ब्लाॅक मुख्यालय के एक गांव जाड़ापदर जो मुख्यालय से तीन किलोमीटर पर बसा हैं जहाँ कि आबादी लगभग 2000 की जनसख्या हैं जिसमे सभी जातियों कि बाहुल्यता के साथ आदिवासियों लोग अधिकतर बसाहत हैं गांव के लोग हर सुख दुख आपस मे मिल जुल बाटते हैंl लेकिन सोमवार को सैकड़ो लोगों की भीड़ एसडीएम और मैनपुर थाने पहुंचकर न्याय की गुहार लगाते दिखे मामला बता दे कि एक महीने पहले जाड़ापदर ग्राम के लोगों राईस मिल के लिए निर्माणाधीन भवन व राईस मिल नहीं खोलने के विरोध मे एक जुट होकर एसडीएम को ज्ञापन सौपा था उसके पश्चात ग्राम सरपंच पंच और सचिव ने शासकीय कार्य मे बाधा डालने और पंचायत प्रतिनिधियों को बदनाम और प्रताड़ित करने का आरोप समाज प्रमुखों पर हुक्का पानी बंद करने का आरोप लगाते हुए एसडीएम और थाना पहुंचकर थानेदार को ज्ञापन सौपा है और न्याय की गुहार लगाई हैl साथ ही इन परिवार का हुक्का पानी बंद करने के साथ उनके घर जाना और बात करने पर जुर्माना लगा कर उपेक्षित किया किये जाने की पीड़ित परिवार ने आज मैनपुर पहुंचकर एसडीएम कार्यालय मे कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक के नाम पर ज्ञापन सौंप कर न्याय की गुहार लगाई l पीड़ित परिवार में सैकड़ो लोग रहते हैं l परिवार के सदस्य हरचंद ध्रुव ने बताया कि बिना किसी कारण से हमारे पूरे परिवार को गांव से अलग कर दिया गया है और हमारा गांव से हुक्का पानी बंद कर दिया गया है जिसके चलते समस्त ध्रुव बैगा परिवार मानसिक रूप से परेशान है इस तरह हम लोगों पर ग्राम प्रमुखो द्वारा हुक्का पानी बंद कर दिया गया हैl उन्होंने बताया कि यदि हमें न्याय नहीं मिला तो थाना मैनपुर से लेकर कलेक्ट्रेट तक पदयात्रा एवं धरना प्रदर्शन करने को मजबूर होंगे जिसकी जवाबदारी प्रशासन की होगी l जहां आवेदक हरचंद ध्रुव निहाल नेताम रेवती गैद ध्रुव ध्रुव हीरालाल गेंदलाल ध्रुव प्रकाश नारायण फूलबाई हरगोविंद प्रदीप गोपाल भागवत बृजलाल अजय वेदिका पूनम जमुना बिरजा धनेश्वरी कमली राधिका बैसाखी सुशीला मनीर भाई रामलाल टीकम ध्रुव मुनि बाई श्रीकांत मिथिला केवल नवल आदि बड़ी सख्या मे महिला और पुरुष शामिल रहे l
“मामले की सारांश निजी जमीन विवाद से जुडी हैं ”
( निजी जमीन जहाँ पर राईस मिल निर्माण हो रहा हैं जो जमीन ग्राम जाड़ापदर निवासी पदमन पिता जबर सिंह से सन् 2000 से 2005 मे खसरा नंबर 70/2 जो कि बच्चन यादव पिता राजगुनी यादव ने खरीदा था उसके बाद 70/3 को श्रीराम त्रिवेणी राम द्वारा खरीदा गया और सन् 2023 में मो. गुलाम मेमन पिता मो. इकबाल मेमन द्वारा 70/1 को खरीदा गया। खरीदी बिकी के संबंध मे ईश्तहार भी जारी किया गया था जिसमे स्पष्ट उल्लेख किया गया है कि उक्त जमीन बिकी पर किसी को भी कोई आपत्ति हो तो वे तहसील कार्यालय मे आपत्ति दर्ज करा सकते है लेकिन किसी भी व्यक्तियों के द्वारा इस पर आपत्ति दर्ज नही कराया गया।
उक्त निजी जमीन अगर किसी समाज की होती तो समाज द्वारा 2005 से 2023 तक जब जब यह जमीन बिकी तो किसी भी ग्रामीण व समाज जनो द्वारा विरोध नही किया गया क्योंकि यह जमीन निजी जमीन है। राईस मिलर सरफराज मेमन को ग्राम पंचायत से डायवर्सन के लिए प्रस्ताव दिया गया तब भी किसी भी ग्रामीण द्वारा विरोध नही किया गया जब पंचो की सहमति से अनापत्ति प्रमाण पत्र, ग्राम पंचायत प्रस्ताव जारी किया गया तब भी किसी प्रकार का विरोध नही किया। जब राईस मिलर के द्वारा काम
चालू किया गया और निर्माण कार्य आधा से ज्यादा प्रगतिरत होने की स्थिति मे तब उक्त व्यक्यिों द्वारा विरोध चालू किया गया l जिसका मूल कारण बताया जा रहा हैं l )


