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राज्योत्सव कार्यक्रम में करंट से शिक्षक की मौत : फेडरेशन ने शिक्षकों को गैर शिक्षकीय कार्य कराने का आरोप जिलाध्यक्ष रवींद्र राठौर ने शिक्षक के निधन पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए कहा कि गैर शिक्षकीय कार्य ने शिक्षक की जान ले ली…….जिम्मेदारी तय करते हुए दोषी अधिकारियों पर कड़ी कार्यवाही की जाए

सारंगढ़ बिलाईगढ़।  जिला में राज्योत्सव कार्यक्रम में फ्लैक्स बैनर लगाने के दौरान बिजली करेंट की चपेट में आने से भगत पटेल शिक्षक (संकुल समन्वयक घोटला छोटे )का असमयिक निधन हो गया। शिक्षक को गैर शिक्षकीय कार्य में ड्यूटी लगाया गया था, जो उसके जान गवाने का कारण बना। छत्तीसगढ़ सहायक शिक्षक समग्र शिक्षक फेडरेशन जांजगीर के जिला अध्यक्ष रविंद्र कुमार राठौर ने शिक्षक के निधन पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए कहा कि गैर शिक्षकीय कार्य ने शिक्षक की जान ले ली , हर बार शिक्षकों को विद्यालय में पढ़ने के अलावा अन्य कई प्रकार के गैर शिक्षक की कार्य करवाया जाता है, फ्लेक्स लगाना शिक्षक का काम नहीं था, इसकी जवाबदारी कौन तय करेगा, इस प्रकार की ड्यूटी लगाने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई होनी चाहिए, और प्रदेश में गैर शिक्षक की कार्य बंद होने चाहिए शिक्षक का काम पढ़ना है शिक्षक को विद्यालय में ही रहने दिया जाए और उनको पढ़ने लिखाने का कार्य ही करने दिया जाए, हम सरकार से मांग करते हैं कि जिम्मेदारी तय करते हुए दोषी अधिकारियों पर कड़ी कार्यवाही की जाए। क्योंकि यह कार्यक्रम राज्योत्सव का था, रविंद्र राठौर जी ने कहा है कि जब छत्तीसगढ़ बना तो यहां की सुख संबंधी खुशहाली में शिक्षकों का भी योगदान है जो लगातार यहां के सुख, समृद्धि, खुशहाली,अच्छी शिक्षा, प्रदेश के विकास के लिए लगातार कार्य करते हैं, शासन की हर योजनाओं को जन-जन तक पहुंचाते हैं,दिवंगत शिक्षक के आश्रित परिवार को करोड़ रुपए का मुआवजा सहित शिक्षक के पद पर शीघ्र अनुकम्पा नियुक्ति प्रदान किया जाए। तभी सही मायने में न्याय होगा,

रविंद्र राठौर ने कहा कि शिक्षकों को उनके मूल कार्य शिक्षकीय कार्य छोड़कर लगातार विभिन्न कार्यालय विभिन्न प्रकार के सर्वे, विभिन्न प्रकार के गैर शिक्षकीय कार्य लिया जाता हैं। इसकी प्रवृति लगातार बढ़ते जा रहा हैं। आज स्थिति ऐसी हो गई हैं कि किसी भी प्रकार का कोई भी कार्य हो शिक्षक ही सभी अधिकारी को दिखते है और उन्हें अन्य विकल्प होते हुए भी प्राथमिकता से गैर शिक्षकीय कार्य में ड्यूटी लगाया जाता हैं। इससे शिक्षा की गुणवत्ता गिरता है, तो उसका दोष भी शिक्षकों के ऊपर ही लगाया जाता हैं।इस पर तत्काल शासन को रोक लगाना चाहिए गैर शिक्षण की कार्य मे ड्यूटी शिक्षकों का बंद होना चाहिए,

रविंद्र राठौर ने कहा है कि दोषियों पर जल्द से जल्द कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए, शिक्षक की मौत की जिम्मेदारी तय होनी चाहिए, एवं प्रदेश के शिक्षकों से अपील किया है कि किसी भी प्रकार के गैर शिक्षक के कार्य जिसमें जान का खतरा हो तो आप उसे सावधानी से करें या फिर मना कर दे,

सरकार को जल्द ही शिक्षक परिवार को मुआवजा प्रदान कर शिक्षक के पद पर सरकारी नौकरी प्रदान करना चाहिए

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