सोना साहू क्रमोन्नती मामला : केस लड़ने सहयोग ले रहे पर नहीं बता रहे हिसाब ….शिक्षकों ने खींचा अपना हाथ पारदर्शिता की माँग
रायपुर। दस वर्ष तक एक ही पद पर काम करने वाली सहायक शिक्षिका सोना साहू बनाम राज्य सरकार के मामले में हाईकोर्ट डिवीजन बैंच ने पंचायत अवधि की सेवा गणना कर देय तिथि से क्रमोन्नत वेतनमान देते हुये रिवाइज्ड एल पी सी जारी करने आदेश पारित किया था जिसमें पंचायत विभाग ने तकरीबन 2.88 लाख रुपये अपने विभाग का एरियर्स दे दिया है बाकी सेवा अवधि का एरियर्स शिक्षा विभाग देगा लगभग 12 लाख रुपये की राशि बतौर एरियर्स मिलनी है पिछली सुनवाई में सरकार की तरफ से उक्त मामले में एस एल पी दायर करने सुप्रीम कोर्ट जाने का निर्णय लिया और समय की माँग की गई जिस पर माननीय हाईकोर्ट ने अगली सुनवाई
श्रीमती सोना साहू को सहयोग फरसगांव,-1
17अक्टूबर तय की है।
एस एल पी दायर होने के खबर पर लोगो को केस लड़ने सहयोग की अपील अपीलार्थी पक्ष ने किया भावनात्मक रूप से इस केस में प्रदेश के लाखों शिक्षकों का हित जुड़े होने के चलते सैकड़ों हजारों की सँख्या में शिक्षकों ने जारी QR कोड पर अपना सहयोग दिया जैसे जैसे सहयोग बढ़ता गया सहयोग मांगने वालों का आंकडा़ बढ़ता गया कभी सब मिल कर 10लाख सहयोग माँग रहे कभी 15लाख का सहयोग वहीं उक्त मामले में सरकार ने किसी प्रकार का एस एल पी अभी दायर नहीं किया है ना ही सुप्रीम कोर्ट ने कोई सरकार की याचिका ग्रहण नहीं की है सिर्फ कोर्ट में SLP दायर करने समय मांगा है वहीं सहयोग प्राप्त करने वाले से कुछ जागरूक शिक्षक अब तक मिले सहयोग की जानकारी माँगी तो किसी प्रकार की जानकारी नहीं दी वहीं कितना खर्च आयेगा इसकी जानकारी नहीं दी जिससे प्रदेश के शिक्षकों ने अपना सहयोग देना बंद कर दिया जब तक पारदर्शी तरीके से नहीं होने तक और एस एल पी दायर ना हों कोई सहयोग ना करने का फैसला किया है वहीं सहयोग के नाम पर कही और इरादा का आशंका में शिक्षक अपना हाथ खींच रहे।
वहीं लोगो को सहयोग के नाम पर अपीलार्थी के नाम पर इमोशनल अपील कर तीसरा पक्ष अपना जेब तो नहीं भर रहा वहीं इस मामले में अपीलार्थी सोना साहू ने आज़ तक किसी प्रकार की अपील या बयान नहीं दिया है अपीलार्थी के नाम पर लाखों शिक्षकों से करोड़ों की उगाही का खेल तो नहीं ऐसी आशंका जताया जा रहा वहीं यह मामला तुल पकड़ा तो ये पुलिस प्रकरण भी बन सकता है।


