Advertisement Carousel
    What's Hot
    0Shares

     

    कर्मचारी अधिकारी संयुक्त मोर्चा की बैठक 25 अगस्त को महंगाई भत्ता/राहत और एरियर के लिए होगी हड़ताल की घोषणा

    रायपुर। छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी संयुक्त मोर्चा द्वारा राज्य के कर्मचारियों एवं पेंशनरों को केंद्र के समान 1 जनवरी 2024 से लंबित चार प्रतिशत महंगाई भत्ता/राहत की आज पर्यंत घोषणा नही होने से प्रदेश के कर्मचारियों एवं पेंशनरों में व्याप्त आक्रोश को देखते हुए छत्तीसगढ़ शासन से मान्यता प्राप्त एवं गैर मान्यता प्राप्त पंजीकृत कर्मचारी संगठनों के प्रदेश अध्यक्षों की 25 अगस्त को दोपहर ढाई बजे स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के प्रांतीय कार्यालय, रायपुर में एक बड़ी बैठक आयोजित की गई है। बैठक में सभी संगठनों के प्रतिनिधि एक राय होकर आंदोलन के तिथि की घोषणा करेंगे। कर्मचारी अधिकारी संयुक्त मोर्चा के घटक संगठन कर्मचारी अधिकारी महासंघ के प्रांतीय संयोजक अनिल शुक्ला, मंत्रालयीन कर्मचारी संघ के अध्यक्ष महेन्द्र सिंह राजपूत, लिपिक वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ के प्रांताध्यक्ष संजय सिंह, प्रदेश स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के प्रांताध्यक्ष आलोक मिश्रा एवं मोर्चा के प्रांतीय प्रवक्ता संजय तिवारी ने कहा है की छत्तीसगढ़ राज्य में विगत पांच वर्षो से सरकार का रवैया कर्मचारियों एवं पेंशनरों के प्रति निरंकुश होने के कारण प्रदेश के सभी कर्मचारियों को एक जुट होकर महंगाई भत्ता जैसे मौलिक मांगो के लिए एक साथ संघर्ष करने की आवश्यकता है। मोर्चा द्वारा संगठन एवं सरकार के सक्षम स्तर पर अपनी माँग पहुंचाई जा चुकी है। वित्त मंत्रीजी के शीघ्र मांग पूरा करने के आश्वासन पर मोर्चा ने अपना आंदोलन कार्यक्रम कुछ दिन विलंबित रखा। लेकिन अब सरकार की बेरुखी से कर्मचारियों का धैर्य जवाब दे रहा है, इसलिए आंदोलन ही एकमात्र रास्ता है। उल्लेखनीय है कि भूपेश सरकार में कर्मचारियों की मांगो की अनदेखी एवं कर्मचारी संगठनों की उपेक्षा करने पर वर्ष 2023 जुलाई माह में प्रदेश के समस्त कर्मचारी अधिकारी कर्मचारी अधिकारी संयुक्त मोर्चा के बैनर पर लामबंद होकर एक मुश्त नौ प्रतिशत महंगाई भत्ता एवं नौ प्रतिशत गृह भाड़ा भत्ता एक साथ लेकर छत्तीसगढ़ शासन को कर्मचारी एकता का एहसास करा चुके हैं। अब चूंकि पुनः शासन का रवैया कर्मचारियों के प्रति उदासीन और उपेक्षात्मक दिखाई दे रहा है, ऐसे में कर्मचारी संगठन फिर अपने अधिकारों के लिए आंदोलन हेतु संगठित हो रहे हैं।