छत्तीसगढ़ समाचार

DPI और शिक्षक संगठनों की अहम बैठक संपन्न : शालेय शिक्षक संघ ने शिक्षक हित मे रखी 21 सूत्रीय मांग, जानिए क्या है वो मांग..

वार्ता : DPI और शिक्षक संगठनों की अहम बैठक संपन्न : शालेय शिक्षक संघ ने शिक्षक हित मे रखी 21 सूत्रीय मांग, जानिए क्या है वो मांग..

ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनो तरह की ले सकेंगे अभी छुट्टी,ऑनलाइन प्रक्रिया अभी टेस्टिंग मोड पर…और पदोन्नति,युक्तयुक्तिकरण जैसे अन्य मुद्दों पर क्या हुई DPI से बात… जानिए

शालेय शिक्षक संघ छतीसगढ़ की प्रांतीय प्रतिनिधिमण्डल वीरेंद्र दुबे और प्रांतीय महासचिव धर्मेश शर्मा के नेतृत्व में लोक शिक्षण संचालनालय में हुई अहम बैठक में शिक्षकों के हितों से जुड़ा 21 समस्याओं को रखा गया। जिस पर विस्तृत चर्चा की गई।

जानिए वो 21 मुद्दे कौन से है जो आपसे जुड़े हुए हैं..

1- उच्चतर वेतनमान-* क्रमोन्नति/समयमान की पात्रता के लिए प्रथम नियुक्ति से सेवावधि की गणना कर उच्चतर वेतनमान का लाभ दिया जाना चाहिए।

2- पूर्ण पेंशन-पंचायत/नगरीय निकाय संवर्ग की कुल सेवावधि की गणना कर पुरानी पेंशन की पात्रता व पूर्ण पेंशन का लाभ सुनिश्चित किया जाए।

3- वेतन विसंगति का निराकरण-* शिक्षकीय पदों के सभी संवर्गो को केंद्रीय वेतनमान प्रदान कर वर्तमान वेतन विसंगतियों को दूर किया जावे।

4- पदोन्नति- भर्ती पदोन्नति नियम में अविलंब आवश्यक सुधार कर विभिन्न पदों में सँवर्गवार संख्या के अनुपात में पदोन्नति प्रतिवर्ष और समयसारणी बना कर दिया जाना चाहिए।

5-पृथक स्थानांतरण नीति स्कूल शिक्षा विभाग की पृथक व स्वतंत्र स्थानांतरण नीति बनाकर ज्यादा से ज्यादा लाभान्वित हो इसके लिए पारदर्शी ऑनलाइन सिस्टम बनाकर स्थानांतरण का अवसर दिया जावे।

6-सेवानिवृत्त आयु में वृद्धि-* सेवानिवृति की आयु 65 वर्ष किया जावे।

7-कैडर व्यवस्था सुधार- सभी कैडर व सभी पदों की संख्या के अनुपात में पदोन्नति संख्या की % का पुनः निर्धारण किया जाये, जिससे एल बी संवर्ग को उचित लाभ मिले।

8- संवर्ग में एल बी प्रत्यय के अनुचित प्रयोग को बंद करें।राजपत्र में केवल E या T संवर्ग का उल्लेख

9-सेटअप में सुधार- वर्तमान सेटअप अव्यवहारिक हो चुका है, राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरुप सेटअप निर्धारण करें।

10-ऑनलाइन अवकाश -* व्यवहारिक समस्याओं व अपरिहार्यता को दृष्टिगत रखते हुए छूट्टी हेतु ऑफलाइन का विकल्प भी होना चाहिए।

11- संविलियन आदेश- समयावधि पूर्ण होने के बावजूद प्रदेश में शिक्षाकर्मियों का संविलियन आदेश अब तक जारी नही किया गया है उनका शीघ्र संविलियन आदेश जारी किया जाए।

12-संपरीक्षा और कोष लेखा दोनो जगह सेवापुस्तिका सत्यापन के नाम पर हो रही वसूली पर रोक लगाया जाए।

*13-वरिष्ठता संबंधी समस्याओं को निराकरण:-* स्थानांतरण प्रभावित व बाद में संविलियन प्राप्त कर्मचारियों की वरिष्ठता संबंधी समस्याओं का अविलंब व समुचित निराकरण किया जावे ताकि कर्मचारियों के हितों का संरक्षण हो सके।

14-युक्तियुक्तकरण संबंधी:- विद्यालयों में शिक्षकों की कमी या अधिकता का कारण विभागीय निरंकुशता व लालफीताशाही है लेकिन इसका खामियाजा सदैव शिक्षकों को भुगतना पड़ता है। अतः युक्तियुक्तकरण केवल शिक्षक विहीन और एकल शिक्षकीय शालाओं में शिक्षक उपलब्ध कराने की सीमा तक किया जावे। सहमति से ही शिक्षकों को हटाया जावे।

15- प्रभारवाद की समाप्ति-* प्राचार्य और प्रधानपाठक के पदों पर पदोन्नति देकर प्रभारवाद से इन पदों को मुक्त किया जावे।

16-कार्य निष्पादन प्रपत्र का सरलीकरण व उचित संधारण किया जाए।

17-संकुल केंद्रों को आहरण संवितरण का अधिकार दिया जाय।

18-प्राचार्य पद पर राजपत्र में सीधी भर्ती के उल्लेखित अनुपात में सीधी भर्ती भी किया जावे।

19- स्कूलों में अनावश्यक प्रयोगों पर रोक लगाई जाए,जिससे अध्यापन कार्य बाधित न हो

20-आत्मानंद योजना की समीक्षा कर प्रतिनियुक्ति और संविदा व्यवस्था खत्म किया जाये।

21-केंद्र के समान देय तिथि से एरियर्स सहित मंहगाई भत्ता दिया जाए।

प्रांताध्यक्ष वीरेंद्र दुबे ने बताया कि उपरोक्त सभी विषयों को *शालेय शिक्षक संघ ने प्रमुखता से DPI के समक्ष उठाया,संचालक दिव्या उमेश मिश्रा ने इन मुद्दों को गम्भीरता से सुना और इनके उचित समाधान करने की बात कही। ऑनलाइन छूट्टी के संदर्भ में उन्होंने कहा कि अभी यह व्यवस्था टेस्टिंग मोड में है,ऑफलाइन आवेदन अभी स्वीकार्य होंगे तथा त्रुटिरहित पदोन्नति जल्द से जल्द हो इसके प्रयास किये जा रहे हैं।

प्रांतीय महासचिव धर्मेश शर्मा व प्रांतीय मीडिया प्रभारी जितेंद्र शर्मा ने कहा कि उपरोक्त समस्याओं का उचित समाधान कर 2 लाख शिक्षक एल बी संवर्ग की हो रही उपेक्षा और निराशा को दूर किया जा सकता है अतः इन विषयों पर अविलंब कार्यवाही आपेक्षित है।

शालेय शिक्षक संघ के प्रांतीय पदाधिकारी चन्द्रशेखर तिवारी, सुनील सिंह,विष्णु शर्मा,डॉ सांत्वना ठाकुर,सत्येंद्र सिंह,विवेक शर्मा,गजराज सिंह,राजेश शर्मा,शैलेन्द्र सिंह,प्रह्लाद जैन,सन्तोष मिश्रा,सन्तोष शुक्ला,शिवेंद्र चंद्रवंशी,दीपक वेंताल,यादवेंद्र दुबे,सर्वजीत पाठक,मंटू खैरवार,पवन दुबे,भोजराम पटेल,विनय सिंह,आशुतोष सिंह,भानु डहरिया,रवि मिश्रा,जितेंद्र गजेंद्र,अजय वर्मा,कृष्णराज पांडेय,घनश्याम पटेल,बुध्दहेश्वर शर्मा,प्रदीप पांडेय,कैलाश रामटेके,देवव्रत शर्मा,अब्दुल आसिफ खान,अमित सिन्हा, विक्रम राजपूत,द्वारिका भारद्वाज,सुशील शर्मा, विजय बेलचंदन, अशोक देशमुख,तिलक सेन आदि पदाधिकारियो ने सरकार से उपरोक्त मांगो पर जल्द से जल्द निर्णय लेने की मांग की है।

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