पूर्व मुख्यमंत्री स्व अजीत जोगी को श्रद्धांजलि देने जोगी कांग्रेस को बड़ी संख्या में वोट पड़ने की संभावना से कोटा और मरवाही विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस-भाजपा प्रत्याशियों का चुनावी समीकरण बिगड़ सकता है
रायपुर/बिलासपुर
कोटा और मरवाही विधानसभा क्षेत्र के चुनाव में पूर्व मुख्यमंत्री स्व अजीत जोगी को श्रद्धांजलि देने के लिए बड़े पैमाने पर जोगी कांग्रेस के प्रत्याशियों को वोट पड़ सकता है जिसके कारण दोनों विधानसभा के कांग्रेस और भाजपा प्रत्याशियों का चुनावी समीकरण बिगड़ने की संभावना दिख रही है। दोनों क्षेत्र के लोगों से स्व जोगी का पारिवारिक और भावनात्मक लगाव रहा है जिसका स्पष्ट प्रभाव चुनाव में भी दिख रहा है।
स्व अजीत जोगी स्थानीय निवासी थे। उनका निवास कोटा विधानसभा क्षेत्र के ग्राम सारबहरा (गौरेला) में होने के साथ ही उनके पूर्वज मरवाही विधानसभा क्षेत्र के ग्राम जोगीसार निवासी थे। अपनी कार्यप्रणाली से जनता में स्व अजीत जोगी का जबरजस्त पकड़ था। स्थानीय स्तर से लेकर राज्य और राष्ट्रीय स्तर के काम स्व जोगी फोन करके आसानी से करा दिया करते थे, जिसे दोनों विधानसभा क्षेत्र के लोग आज भी याद करते हैं।
स्व अजीत जोगी की पकड़ का इसी बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि वो मरवाही विधानसभा क्षेत्र में अपना चुनाव प्रचार करने नहीं आते थे, फिर भी रिकार्ड वोटों से जीतते थे वहीं कोटा विधानसभा क्षेत्र में भी दो या तीन सभा लेकर माहौल अपनी पत्नी डॉक्टर रेणु जोगी के पक्ष में बना दिया करते थे। यही कारण रहा कि कांग्रेस के अभेदगढ़ कहे जाने वाले कोटा विधानसभा को 2018 में जोगी कांग्रेस ने भेद दिया था।
स्व अजीत जोगी के निधन के बाद यह पहला विधानसभा चुनाव है। उनके द्वारा बनाई पार्टी जोगी कांग्रेस से कोटा से उनकी पत्नी डॉक्टर रेणु जोगी और मरवाही से गुलाब राज चुनाव लड़ रहे हैं। स्व अजीत जोगी इस दुनिया में नहीं हैं फिर भी जोगी कांग्रेस पार्टी का पूरा प्रचार स्व अजीत जोगी पर ही केंद्रित रहने के कारण सभाओं में स्व जोगी का जिक्र आने से बहुत से लोग भावुक हो जाते हैं, लोगों की आंखों में आंसू आ जाते हैं और स्व जोगी से अपने संबंधों को याद करने लगते हैं।
यही कारण है कि कोटा और मरवाही विधानसभा क्षेत्र के चुनाव में पूर्व मुख्यमंत्री स्व अजीत जोगी को श्रद्धांजलि के रुप में बड़े पैमाने पर वोट पड़ने की संभावना को देखते हुए दोनों विधानसभा क्षेत्र के कांग्रेस और भाजपा प्रत्याशियों को उनका चुनावी समीकरण बिगड़ने की संभावना दिख रही है।


