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राजनांदगांव जिले में भी पदोन्नति के बाद संशोधन में की गई भ्रष्टाचारी छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन ने मिला जिलाधीश से जांच की मांग पदोन्नति से संशोधन करने में जिला कार्यालय के लिपिकों की भूमिका संदिग्ध को जांच

 

राजनांदगांव जिले में भी पदोन्नति के बाद संशोधन में की गई भ्रष्टाचारी

छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन ने मिला जिलाधीश से जांच की मांग

पदोन्नति से संशोधन करने में जिला कार्यालय के लिपिकों की भूमिका संदिग्ध को जांच

*विकास शिक्षा अधिकारी की भूमिका की भी हो जांच*

राजनांदगांव :- अविभाजित राजनादगांव के जिले में शिक्षा विभाग व आदिम जाति कल्याण विभाग के सहायक शिक्षकों से प्रधान पाठक पद पर पदोन्नति उपरांत संशोधन में हुई भारी गड़बड़ी की जांच की मांग छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन ने की है।

छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन के जिला अध्यक्ष गोपी वर्मा जिला उपाध्यक्ष चंद्रिका यादव जिला मीडिया प्रभारी देवेंद्र साहू जिला महामंत्री महेश उईके नीलमणी साहू माननीय अपर कलेक्टर वर्मा सर से मुलाकात कर राजनांदगांव जिले के शिक्षा विभाग में माह अक्टूबर 2022 में लगभग 1000 सहायक शिक्षक (एल बी ई )सवर्गों व लगभग 500 सहायक शिक्षक (एल बी टी) संवर्ग की पदोन्नति प्राथमिक प्रधान पाठक के पद पर किया गया है ।पदोन्नति उपरांत सैकड़ों शिक्षकों का नियमों के विपरित संशोधन किया गया है ,जिसमें जिला शिक्षा अधिकारी राजनांदगांव के द्वारा अपने पद का दुरुपयोग करते हुए भ्रष्टाचार को जन्म दिया है जिसमें पदोन्नति व संशोधन को देख रहे हैं लिपिकों की भूमिका भी संदिग्ध है जांच की मांग कर इन पर उचित कार्रवाई की मांग किया गया। संघ ने बताया कि अक्टूबर 2022 में जिले में प्राथमिक प्रधान पाठक पदोन्नति किया गया था पदोन्नति उपरांत दूरस्थ क्षेत्र में पदस्थ किए गए सहायक शिक्षकों को जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा राजनांदगांव के शहरी क्षेत्र व शहर से लगे क्षेत्रो में संशोधन नियम विपरीत किया गया है बाद में
प्राथमिक प्रधान पाठक पदोन्नति के 10 माह बाद 50 से अधिक शिक्षको का संशोधन का खेल निरंतर जिला शिक्षा अधिकारी के माध्यम से जारी है। जबकि पद्मावती आदेश में 10 दिवस के भीतर कार्यभार ग्रहण नहीं करने पर उनका आदेश स्वामी निरस्त माना जाएगा ऐसा शर्त में लिखा गया है ।संशोधन आज सेवा निवृत्त वाले शिक्षकों के स्थान पर भी किया जा रहा हैजो कि नियमो के विपरित है। जो कि भ्रष्टाचार की संघ शंका को बढ़ा रहा है ‌ छत्तीसगढ़ टीचर एसोसिएशन के प्रांतीय महासचिव प्रांतीय महासचिव शैलेंद्र यदुजी प्रांतीय सचिव सह सचिव राकेश तिवारी जिला सचिव जीवन वर्मा जिला कोषाध्यक्ष हंस कुमार मेश्राम ब्लॉक अध्यक्ष गण गिरीश हिरवानी दिनेश कुरैटी मनीष पसीने अनिल शर्मा बृजेश वर्मा महेश ठाकुर ईश्वर लाल मंडावी पंचशीला सहारे राजकुमारी जैन विद्यानंद डोंगरे संतोष टेमरे कृष्णा यादव फ्लेश साहू राजेश साहू सुरेंद्र पांडे आदित्य तिवारी मनीष सोनी किसन देशमुख सहित सभी साथीयों ने बताया कि छत्तीसगढ़ शासन की नियमानुसार सहायक शिक्षकों के अंतर जिला स्थानांतरण पर उनकी वरिष्ठता वर्तमान स्थान में पदस्थापना से गणना होती है, परन्तु सांठगांठ से पात्रता नहीं रखने वालो को भी पदोन्ति उपरान्त संशोधन कर पदस्थापना किया गया है, जबकि अन्तर जिला स्थानांतरण वाले प्रकरणों पदोन्नति से वंचित किया गया है।यहां पर शाखा लिपिक द्वारा खास वर्ग को लाभ पहुंचाया गया।
डोंगरगढ़ के पात्र सहायक शिक्षक श्री खेम दास साखरे सहित 4 शिक्षक टी संवर्ग में कार्यरत है, जिनका संविलियन विभाग की लापरवाही से ई संवर्ग में 2018 में हो गया था, जिसे लेकर इन शिक्षकों व संघ के द्वारा लिखित में कई बार आपत्ति दर्ज करने के 5 वर्ष उपरांत भी सुधार नहीं किया गया, जबकि सुधार हेतु जनपद सीईओ और जिला पंचायत सीईओ की अनुशंसा भी जिला शिक्षा अधिकारी को भेजी जा चुकी है उनकी लापरवाही के कारण इन शिक्षकों को दो बार पदोन्नति से वंचित रहना पड़ा, गैर जिम्मेदारी कार्य के चलते शिक्षकों को भारी आर्थिक क्षति हो रहा है।ममता साहू उच्च वर्ग शिक्षिका (एलबीई)संवर्ग पूर्व माध्यमिक शाला मारगांव विकासखण्ड डोंगरगांव में 2009 से पदस्थ है जिनका आज पर्यंत तक शिक्षा विभाग में संविलियन नहीं किया गया है उक्त शिक्षिका का वेतन निर्धारण संविलियन नही होने के बाद भी सातवें वेतनमान के आधार पर वेतन भुगतान किया जा रहा है यह गंभीर मामला जांच का विषय है रोहित कुमार ताराम व्याख्याता को पूर्व विकासखंड नवागढ़ में पदस्थ है जिन्हें कुछ कारणों से जिला शिक्षा अधिकारी के अनुशंसा पर संचालक रायपुर से निलंबित किया गया है नियमानुसार 90 दिन के अंदर आरोप पत्र जारी किया जाना था 8 महीना बाद भी आरोप पत्र जारी नही किया,स्वमेव कल माना जाता है संबंधित कर्मचारियों के द्वारा अभय आवेदन प्रस्तुत करने के बाद भी उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा है, श्री राजेश सिंह जिला शिक्षा अधिकारी राजनांदगांव में शिक्षा अधिकारी के पद पर जब से पदस्थ हुए हैं तबसे शिक्षा विभाग में गड़बड़ चल रहा है, शिक्षा विभाग की गुणवत्ता पर प्रश्न चिन्ह है स्कूलों की मॉनिटरिंग व्यवस्था सुनने पड़ी हुई है अधिकारी आपने ऑफिस में बैठकर रंगदारी करने में जुटे हुए हैं,कार्यालय में पदस्थ लिपिकों की कार्यप्रणाली भी संतोषप्रद नहीं है यहां पर बगैर पैसे की कोई काम इन लिपिकों के द्वारा नहीं किया जाता इन विषयों को लेकर जिले के शिक्षकों के भारी असंतोष व्याप्त है।

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