शिक्षा

शिक्षक पोस्टिंग संशोधन घोटाला – मरवाही के कांग्रेस नेता की शिकायत पर बिलासपुर से शुरु हुई कार्यवाही के बाद 3 जेडी सहित 10 और अधिकारी सस्पेंड किए गए

पेण्ड्रा/दिनांक 01 अगस्त 2023

शिक्षक पोस्टिंग संशोधन घोटाला –
मरवाही के कांग्रेस नेता की शिकायत पर बिलासपुर से शुरु हुई कार्यवाही के बाद 3 जेडी सहित 10 और अधिकारी सस्पेंड किए गए

मरवाही के वरिष्ठ कांग्रेस नेता डॉ नरेन्द्र राय की शिकायत पर हुआ है पोस्टिंग संशोधन घोटाले का खुलासा

पेण्ड्रा / शिक्षकों के पोस्टिंग संशोधन घोटाले में मरवाही के कांग्रेस नेता की शिकायत पर बिलासपुर से शुरु हुई कार्यवाही की चपेट में प्रदेश के 3 संभाग के जेडी भी आ गए हैं। मंगलवार को शिक्षा विभाग ने रायपुर, सरगुजा और दुर्ग संभाग के 3 जेडी सहित 10 अधिकारियों कर्मचारियों को सस्पेंड कर दिया है। बता दें कि मरवाही के वरिष्ठ कांग्रेस नेता डॉ नरेन्द्र राय द्वारा की शिकायत के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देश के बाद हुए जांच में पोस्टिंग संशोधन घोटाले का खुलासा हुआ था, जिसके बाद बिलासपुर के जेडी एसके प्रसाद और क्लर्क विकास तिवारी को पहले ही सस्पेंड कर दिया गया था।

बता दें कि एलबी संवर्ग के सहायक शिक्षक से शिक्षक और शिक्षक से प्रधान पाठक पद पर पदोन्नति के बाद पोस्टिंग में पारदर्शिता बरतने के लिए शासन ने काउंसिलिंग का नियम बनाया था लेकिन भ्रष्टाचार में लिप्त प्रदेश के सभी संभाग के संयुक्त संचालकों ने काउंसिलिंग में शहर के आसपास के रिक्त स्कूलों को छिपा लिए जिसके कारण मजबूरी वश शिक्षकों को दूर के स्कूलों को चुनना पड़ा। उसके बाद दलालों के माध्यम से डेढ़ लाख से लेकर साढ़े तीन लाख रूपये तक की उगाही करके संशोधन आदेश जारी कर छिपाए गए स्कूलों में पोस्टिंग कर दिया गया।

ऐसा करने से जहां एक ओर शासन की खूब किरकिरी हुई वहीं दूसरी ओर पूरी की पूरी काउंसिलिंग प्रक्रिया भी अवैध हो गई। मरवाही के कांग्रेस नेता डॉ नरेन्द्र राय ने जब इस भ्रष्टाचार की जानकारी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को दी तो मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद सभी संभागों के कमिश्नर की जांच में खुलासा हुआ कि प्रदेश में लगभग चार से पांच हजार पोस्टिंग संशोधन घोटाले हुए हैं। यही कारण है कि बिलासपुर जेडी एसके प्रसाद, क्लर्क विकास तिवारी के बाद मंगलवार को रायपुर जेडी के कुमार, सरगुजा जेडी हेमंत उपाध्याय, दुर्ग जेडी जीएस मरकाम सहित 10 अधिकारियों कर्मचारियों को मंत्रालय द्वारा सस्पेंड कर दिया है।

रिक्त स्कूलों के नाम छिपाने के कारण पूरी काउंसिलिंग प्रक्रिया अवैध हो गई है

जिन स्कूलों में पोस्टिंग आदेश में संशोधन किया गया है उनमें से अधिकतर स्कूलों के नाम काउंसिलिंग के दौरान सार्वजनिक नहीं किए गए थे इसलिए पूरी की पूरी काउंसिलिंग प्रक्रिया ही अवैध हो गई है। इसलिए अब यह देखना होगा कि अवैध काउंसिलिंग और अवैध संशोधन आदेश को शासन निरस्त करती है या नहीं करती है।

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