
गरियाबंद 19 मई 2023/ राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली एवं छ.ग. राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण बिलासपुर के आदेशानुसार जिला विधिक सेवा प्राधिकरण रायपुर के अध्यक्ष तथा जिला एवं सत्र न्यायाधीश रायपुर श्री संतोष शर्मा के निर्देश पर अपर जिला एवं सत्र न्यायालय गरियाबंद, किशोर न्याय बोर्ड गरियाबंद तथा राजस्व जिला गरियाबंद के राजस्व न्यायालयों एवं राजिम के न्यायालयों में 13 मई 2023 को नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया गया। उक्त लोक अदालत हेतु तालुका विधिक सेवा समिति गरियाबंद द्वारा 04 खण्डपीठों का गठन किया गया था वहीं राजस्व न्यायालयों में भी 12 खण्डपीठों का गठन किया गया था। तालुका विधिक सेवा समिति गरियाबंद के अध्यक्ष श्री राजभान सिंह ने बताया कि उक्त लोक अदालत हेतु अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश गरियाबंद श्रीमती तजेश्वरी देवी देवांगन की गठित खण्डपीठ मेें कुल 78 लंबित एवं 673 प्रिलिटिगेशन प्रकरण रखे गये थे जिनमें 11 लंबित मामलों का निराकरण करते हुए 55 लाख 67 हजार 800 रूपये का एवार्ड पारित किया गया वही 47 प्रिलिटिगेशन प्रकरणों का निराकरण करते हुए 9 लाख 3 हजार 520 रूपये का एवार्ड पारित किया गया, इस प्रकार उक्त खण्डपीठ में कुल 58 प्रकरणों का निराकरण करते हुए कुल 64 लाख 71 हजार 320 रूपये का एवार्ड पारित किया गया। वहीं मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट एवं व्यवहार न्यायाधीश श्रीमती छाया सिंह की गठित खण्डपीठ में 508 प्रिलिटिगेशन प्रकरण रखे गये थे, जिनमें 03 प्रकरणों का निराकरण करते हुए 35 हजार रूपये का एवार्ड पारित किया गया तथा समरी मामले सहित 165 लंबित प्रकरण रखे गये थे, जिनमें 50 लंबित मामलांे, 01 पराक्रम्य लिखत अधिनियम मामला का निराकरण करते हुए 52 हजार 500 रूपये की राशि अदा करायी गयी तथा 115 समरी मामलों का निराकरण करते हुए 1 लाख 15 हजार 300 रूपये की राशि अदा करायी गयी। इस प्रकार कुल 128 प्रकरणों का निराकरण किया गया। श्री निलेश जगदल्ला न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी एवं व्यवहार न्यायाधीश की गठित खण्डपीठ में 308 प्रिलिटिगेशन प्रकरण रखे गये थे। जिनमें 04 प्रकरणों का निराकरण करते हुए 15 लाख 541 रूपये का एवार्ड पारित किया गया तथा समरी मामले सहित 16 लंबित दाण्डिक मामलों तथा 01 भरण-पोषण मामला तथा 01 समरी मामला का निराकरण करते हुए एक हजार रूपये की राशि अदा करायी गयी इस प्रकार कुल 22 प्रकरणों का निराकरण किया गया तथा श्रीमती किरण पन्ना न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी एवं व्यवहार न्यायधीश वर्ग-दो देवभोग के अवकाश में होने के कारण उक्त न्यायालय के मामलें न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी गरियाबंद श्री निलेश जगदल्ला की गठित खण्डपीठ में निराकरण हेतु रखे गये थे और उक्त खण्डपीठ में देवभोग से संबंधित 461 प्रिलिटीगेशन प्रकरण रखे गये थे, जिनमें 04 प्रकरण का निराकरण करते हुए 8,500 (अक्षरी आठ हजार पांच सौ) नही हो सका किन्तु समरी मामले सहित 251 लंबित प्रकरण रखे गये थे जिनमें 36 लंबित मामलांे, घरेलू हिंसा का 01 मामला तथा 70 समरी मामलों का निराकरण करते हुए 76 हजार 300 रूपये की राशि अदा करायी गयी, इस प्रकार कुल 36 प्रकरणों का निराकरण किया गया। इसी प्रकार श्री अविनाश टोप्पो न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी एवं व्यवहार न्यायाधीश वर्ग-दो राजिम की गठित खण्डपीठ में 1216 प्रिलिटीगेशन प्रकरण रखे गये थे, जिनमें 87 प्रकरणों का निराकरण करते हुए 6 लाख 81 हजार 166 रूपये का एवार्ड पारित किया गया तथा समरी मामले सहित 213लंबित प्रकरण रखे गये थे जिनमें 116 लंबित मामलांे तथा 51 समरी मामलों का निराकरण करते हुए 50 हजार 900 रूपये की राशि अदा करायी गयी। इस प्रकार कुल 116 प्रकरणों का निराकरण किया गया। तालुका अध्यक्ष श्री राजभान सिंह ने यह भी बताया कि जिला विधिक सेवा प्राधिकरण रायपुर के अध्यक्ष श्री संतोष शर्मा एवं सचिव श्री प्रवीण कुमार मिश्रा के द्वारा समय-समय पर दिये गये निर्देशानुसार गठित खण्डपीठों के सभी पीठासीन अधिकारियों तथा राजस्व न्यायालयों में गठित खण्डपीठों के पीठासीन अधिकारियों के द्वारा लोक अदालत के पूर्व से ही संबंधित पक्षकारों एवं अधिवक्तागण से प्री-सिटिंग कर इस लोक अदालत में अधिक से अधिक प्रकरणों के निराकरण हेतु काफी प्रयास किये गये। इस लोक अदालत को सफल बनाने में खण्डपीठों के पीठासीन अधिकारीगण, अधिवक्ता सदस्यगण और प्रकरणों से संबंधित अधिवक्तागण, न्यायालयीन कर्मचारियों, राजस्व अधिकारियों तथा प्रीलिटिगेशन प्रस्तुत करने वाले अन्य विभाग के अधिकारियों तथा कर्मचारियों एवं संबंधित पक्षकारों का योगदान रहा।


