
सूत सारथी समाज को न आज तक पर्याप्त आरक्षण मिला और न ही संख्यात्मक अधिकार – शिव सारथी
रायपुर -आज के हलात में छत्तीसगढ़ प्रदेश में आरक्षण एक गंभीर मुद्दा बना हुआ है जो कि राज्य शासन और राज भवन के बीच तकरार का विषय हो गया है इस बीच शासन और राज भवन में व्याप्त खिचतान के बीच गतिरोध दूर करने के मुद्दे और पर्याप्त प्रतिनिधित्व की मांग को लेकर राज्य के सभी अनुसूचित जाति जनजाति जाति,अन्य पिछड़े वर्ग और आर्थिक रूप से पिछड़े सामान्य जाति अपने अधिकार बहाली को लेकर मुख्यमंत्री से लेकर राज भवन तक लगातार दौड़ लगा रहे है इसी कड़ी में शनिवार 22 जनवरी को राज भवन के बुलावे पर प्रदेश के बहुत से अनुसूचित जाति वर्ग अपने 16% आरक्षण को लेकर मुलाकात करने पहुंचे जिसमें सूत सारथी समाज की ओर से प्रदेश महासचिव श्री शिव सारथी भी शामिल हुए उन्होंने भी महामहिम राज्यपाल मैडम को अपने जाति सारथी,सूत सारथी,सहीस, सईस, थनवार को 2016 में अनुसूचित जाति का दर्जा मिलने के बाद भी आरक्षण अधिनियम 2022 लागू करते समय उन्हें संख्यात्मक रूप से शामिल नहीं किए जाने तथा इस संबध में माननीय मुख्यमंत्री,प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष माननीय मोहन मरकाम और राज्यपाल महोदया को समस्त पेपर साक्ष्य के साथ हैड काउंटिंग कराकर अनुसूचित जाति आरक्षण प्रतिशत बढ़ाने की मांग किए हैं।
ज्ञात हो कि राज्य के मुख्यमंत्री माननीय श्री भूपेश बघेल जी के सरकार ने विगत दिवस विधान सभा में राज्य आरक्षण अधिनियम 2022 पारित करके महामहिम राज्यपाल के पास हस्ताक्षर के लिए भेजे है जिसमे अनुसूचित जाति वर्ग का 2011 जनगणना के आधार पर 13% का प्रावधान किया है जो पर्याप्त नहीं है क्योंकि
उक्त जानकारी सूत सारथी समाज छत्तीसगढ़ प्रदेश के प्रदेश महासचिव श्री शिव सारथी ने दिया।


