बिलासपुर। जनहित याचिका लगाने के बाद अपीलीय अधिकरण में हुई पीठासीन अधिकारी की नियुक्ति लंबे समय तक राज्य परिवहन अपीलीय अधिकरण रायपुर ने पीठासीन अधिकारी नहीं होने से ट्रांसपोर्ट मामले की सुनवाई नहीं हो पा रही थी, जिस पर
जनहित याचिका लगाई गयी थी, जिसके पश्चात् श्री ओंकार प्रसाद गुप्ता न्यायाधीश कुटुम्ब न्यायालय बेमेतरा पीठासीन अधिकारी राज्य परिवहन अपीलीय अधिकरण रायपुर में पदस्थ करने का आदेश जारी कर दिया गया एवं जनहित याचिका
निराकृत कर दी गयी।
छ0ग0 यातायात संघ के प्रमुख सलाहकार शिवेश सिंह ने हाई कोर्ट में अधिवक्ता अजय श्रीवास्तव के माध्यम से जनहित याचिका पेश कर बताया कि ट्रांसपोर्ट मामलों के अपील एवं पुनरीक्षण याचिका की सुनवाई के लिए राज्य परिवहन प्रशासनिक अधिकरण का गठन किया गया है जिसमें सत्र न्यायाधीश के समक्ष पीठासीन अधिकारी अधिकरण के अध्यक्ष के रूप में पीठासीन होते है। 31 मई 2022 को पीठासीन अधिकारी के सेवानिवृत्त होने के बाद माननीय उच्च न्यायालय के अनुशंसा पर श्री ओंकार प्रसाद गुप्ता न्यायाधीश कुटुम्ब न्यायालय बेमेतरा को प्रतिनियुक्ति पर अधिकरण में नियुक्त करने का आदेश राजपत्र में 1 जुलाई 2022
को प्रकाशित किया गया किंतु उसके बाद उन्हें औपचारिक नियुक्त आदेश नहीं दिया गया, जिससे लंबे समय तक अधिकरण में पद खाली रहा एवं मामले की सुनवाई
नहीं हो पा रही थी, जिसके कारण याचिकाकर्ता शिवेश सिंह ने जनहित याचिका प्रस्तुत कर शीघ्र पीठासीन अधिकारी नियुक्त करने का निर्देश देने की मांग की जवाब में शासन की ओर से बताया गया कि उन्होंने न्यायिक सेवा अधिकारी का पेनल उपलब्ध कराने हेतु पत्र लिखा है, जिस पर याचिकाकर्ता की ओर से बताया कि 1 जुलाई 2022 को राज्य शासन की अधिसूचना के बाद इस प्रकार का पेनल नहीं मंगाया जा सकता, आज दिनांक 28.11.2022 को प्रकरण की पुनः सुनवाई हुई जिस पर राज्य शासन की ओर से बताया गया कि उन्होंने श्री ओंकार प्रसाद गुप्ता न्यायाधीश कुटुम्ब न्यायालय बेमेतरा पीठासीन अधिकारी राज्य परिवहन अपीलीय अधिकरण रायपुर में पदस्थ करने का आदेश जारी कर दिया गया, जिसके बाद मुख्य न्यायाधीश एवं न्यायामूर्ति श्री संजय एस. अग्रवाल की युगलपीठ ने जनहित याचिका निराकृत कर दिया गया एवं जनहित याचिका में जमा सुरक्षा निधि वापस करने का निर्देश दिया।


