छत्तीसगढ़ समाचार

शिक्षित व संगठित समाज ही प्रगति करता है- सतीश चौहान

शिक्षि

शिक्षीत व संगठित समाज ही प्रगति करता है- सतीश चौहान

लैलूंगा चौहान समाज विकास समिति के सक्रिय सदस्य ऊर्जावान युवा सतीश चौहान का कहना शिक्षित संगठित समाज प्रगति कर सकता है जो समाज शिक्षित और संगठित होगा उस समाज की उन्नति होना सुनिश्चित है यदि समाज को आगे बढ़ाना है तो हर समाज को अपने समाज में व्याप्त कुरीतियों को दुर करना होगा युवाओं को शिक्षित और संगठित होकर जिम्मेदारी अपने कंधों पर लेनी होगी समाज में हर व्यक्ति की मदद कर परस्पर सम्मान की भावना सुनिश्चित करना होगी मेरा मानना है कि कीसी भी समाज की उन्नति के लिए शिक्षित होना बेहद जरुरी है क्योंकि शिक्षित होंगे तभी अपने अधिकार के प्रति जागरूक होंगे समाज में हो रहे शोषण और उत्पीड़न के खिलाफ आवाज बुलंद करने में सक्षम हो सकेंगे और समाज के लिए क्या बेहतर है ये तर्कपूर्ण विवेक के साथ समाज को दिशा दे सकेंगे और इन सब में शिक्षित और संगठित युवाओं की भूमिका महती होगी हमें अपने समाज के बच्चों को बेहतर और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दिलाने का प्रयास करना होगा युवाओं को सही और सकारात्मक सोच देकर उनके रोजगार व स्वालंबन की दिशा में प्रयास करना होगा और समाज के लोगो के प्रति सेवा सहयोग और समर्पण का भाव जरूरी है इसके अभाव के बिना समाज संगठित नहीं हो सकता शिक्षित रहो संगठित रहो यही एक सुदृढ़ समाज के अस्तित्व को जीवीत रखने का मुल मंत्र है

व संगठित समाज ही प्रगति करता है- सतीश 

लैलूंगाशिक्षित चौहान समाज विकास समिति के सक्रिय सदस्य ऊर्जावान युवा सतीश चौहान का कहना शिक्षित संगठित समाज प्रगति कर सकता है जो समाज शिक्षित और संगठित होगा उस समाज की उन्नति होना सुनिश्चित है यदि समाज को आगे बढ़ाना है तो हर समाज को अपने समाज में व्याप्त कुरीतियों को दुर करना होगा युवाओं को शिक्षित और संगठित होकर जिम्मेदारी अपने कंधों पर लेनी होगी समाज में हर व्यक्ति की मदद कर परस्पर सम्मान की भावना सुनिश्चित करना होगी मेरा मानना है कि कीसी भी समाज की उन्नति के लिए शिक्षित होना बेहद जरुरी है क्योंकि शिक्षित होंगे तभी अपने अधिकार के प्रति जागरूक होंगे समाज में हो रहे शोषण और उत्पीड़न के खिलाफ आवाज बुलंद करने में सक्षम हो सकेंगे और समाज के लिए क्या बेहतर है ये तर्कपूर्ण विवेक के साथ समाज को दिशा दे सकेंगे और इन सब में शिक्षित और संगठित युवाओं की भूमिका महती होगी हमें अपने समाज के बच्चों को बेहतर और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दिलाने का प्रयास करना होगा युवाओं को सही और सकारात्मक सोच देकर उनके रोजगार व स्वालंबन की दिशा में प्रयास करना होगा और समाज के लोगो के प्रति सेवा सहयोग और समर्पण का भाव जरूरी है इसके अभाव के बिना समाज संगठित नहीं हो सकता शिक्षित रहो संगठित रहो यही एक सुदृढ़ समाज के अस्तित्व को जीवीत रखने का मुल मंत्र है

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