डॉ जानकी दादी की स्मृति दिवस:वैश्विक आध्यात्मिक जागृति दिवस
गरियाबंद
प्रेम, दया, ज्ञान और विनम्रता की प्रतिमूर्ति थी दादी जानकी। जिन्होंने विश्व भर में महिला सशक्तिकरण, आत्म संयम व आध्यात्मिक मूल्यों का पाठ पढ़ा लाखों लोगों का मनोबल बढ़ा सशक्त किया। ये उद्गार प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय छत्तीसगढ राज्य की गरियाबंद शाखा में ब्रह्माकुमारीज संस्थान के पूर्व मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी डॉ दादी जानकी जी की तृतीय पुण्य स्मृति दिवस पर सेवा केंद्र प्रमुख ब्रह्माकुमारी बिंदु बहन ने व्यक्त किए। उन्होंने कहा
दादी जी आध्यात्मिक मार्गदर्शक के रुप में ईश्वरीय ज्ञान और राजयोग को को विश्व के अनेक देशों में फैलाने का विशेष माध्यम बनी, इसलिए दादीजी की पुण्य तिथि 27 मार्च को सारे विश्व में वैश्विक आध्यात्मिक जागृति दिवस के रूप में भी मनाया जाता है । दादी जानकी लगभग 104 वर्ष की आयु तक 140 देशो में यात्रा कर लाखो आत्माओं के जीवन में आध्यात्मिकता का प्रकाश फैलाने वाली संसार की सबसे स्थितप्रज्ञ राजयोगिनी रही। दादी जी का जीवन समाज की सेवा में समर्पित था और एक महान आध्यात्मिक लीडर के रूप मे दादी ने विश्व के सभी राष्ट्रों और संस्कृति के लोगों को ईश्वरीय ज्ञान दिया। ब्रह्माकुमारी गीता ने कहा की विश्व की सबसे स्थिर मन की महिला का वर्ल्ड रिकॉर्ड भी दादी जानकी जी के नाम है। उन्होंने कहा कि आध्यात्मिक व मानवीय मूल्यों का जो पाठ दादी जानकी ने पढ़ाया व विश्व स्तर तक पहुंचाया है, यह हम सभी के जीवन में धारण करें तो उनके लिए सच्ची श्रद्धांजलि होगी। कार्यक्रम में उपस्थित सभी ब्रह्माकुमार भाई बहनों ने दादी जी को श्रद्धा सुमन अर्पित किए।
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