रायपुर। कोल स्कैम मामले में रायपुर सेंट्रल जेल के महिला सेल में बंद निलंबित आइएएस रानू साहू और डिप्टी कलेक्टर सौम्या चौरसिया से पूछताछ दूसरे दिन शुक्रवार को भी जारी है। एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम रानू साहू और सौम्या चौरसिया से पूछताछ करने के लिए सुबह रायपुर सेंट्रल जेल पहुंची। बतादें कि कोर्ट ने रानू और सौम्या से पूछताछ के लिए कोर्ट ने एसीबी और इओडब्ल्यू को तीन दिन का समय दिया है। इससे पहले गुरुवार को एंटी करप्शन ब्यूरो के अधिकारियों ने सात घंटे पूछताछ की। दोनों को आमने-सामने बैठाकर अधिकारियों ने पूछा कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में कोयले के परिवहन के एवज में किन-किन अधिकारियों, रसूखदार कारोबारियों, नेताओं, मंत्रियों ने पैसों का लेन-देन कर करोड़ों का भ्रष्टाचार किया? जानकार सूत्रों ने बताया कि एसीबी की टीम ने दोनों निलंबित महिला अधिकारियों से करीब 30-30 सवाल पूछे, लेकिन एक का भी संतोषजनक जवाब नहीं मिला। उल्टे यह कहकर बचने की कोशिश की उन्हें झूठे केस में फंसाया गया है। सारा खेल ऊपर ही ऊपर हुआ है। ईडी को भी पूरी जानकारी दे चुके हैं। फिर भी जांच सही तरीके से नहीं की गई। एसीबी की टीम ने उनके बयान साथ लाए लैपटाप में दर्ज किया। गौरतलब है कि इससे पहले कोर्ट के आदेश के बाद 29 मार्च से एक अप्रैल तक एसीबी, ईओडब्ल्यू की टीम ने कोयला, शराब घोटाले के साथ महादेव एप सट्टेबाजी केस में जेल में बंद 12 से अधिक आरोपितों से पूछताछ की थी। वहीं अब कोर्ट के आदेश पर दूसरी बार सात अप्रैल (तीन दिन) तक रानू साहू और सौम्या सौरसिया से पूछताछ करेगी। एसीबी ने कोयला घोटाले के मास्टर माइंड सूर्यकांत तिवारी, निलंबित आइएएस समीर बिश्नोई, सुनील अग्रवाल, शराब घोटाले केस में अरविंद सिंह, महादेव एप सट्टेबाजी केस में निलंबित एएसआइ चंद्रभूषण वर्मा, सतीश चंद्राकर, निलंबित कांस्टेबल भीम सिंह, असीम दास समेत अन्य से पूछताछ कर चुकी है। वहीं कोयला कारोबार से जुड़े 50 से अधिक कारोबारियों को नोटिस जारी कर तलब किया जा रहा है। ईडी ने मामले में अब तक 11 आरोपितों को गिरफ्तार किया है। ईडी के प्रतिवेदन के बाद केस दर्ज कर अब एसीबी ने जांच शुरू की है।
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