पेण्ड्रा/दिनांक 09 अगस्त 2023
मरवाही वन मंडल में सप्लायर ने अधिकारियों से सांठगांठ कर 3.50 करोड़ रॉयल्टी राशि का गबन किया
रॉयल्टी कटौती किए बिना नियम विरूद्ध 30 करोड़ रूपये का भुगतान सप्लायर को किया गया
कैंपा मद के निर्माण में पूर्व डीएफओ, कैंपा प्रभारी और सहायक व सप्लायर की सांठगांठ
पेण्ड्रा / मरवाही मंडल पेण्ड्रा रोड में रॉयल्टी राशि कटौती किए बगैर लगभग 30 करोड़ रुपए का भुगतान कर दिया गया, जिससे शासन को लगभग 3.50 करोड़ रुपए की क्षति हुई है। शिकायत के बाद जीपीएम कलेक्टर प्रियंका ऋषि महोबिया मामले में जांच का आदेश जिला खनिज अधिकारी को दिया है। वहीं रिटायर हो चुके तत्कालीन डीएफओ ने दैनिक भास्कर को बताया कि सप्लायर की अमानत राशि को उनके द्वारा राजसात किया गया था। लेकिन सवाल यह उठता है कि राशि राजसात की गई तो फिर 3.50 करोड़ रॉयल्टी राशि शासन के खजाने में कैसे नहीं पहुंचा ? अब कलेक्टर के जांच में खुलासा होगा कि पूर्व डीएफओ सच बोल रहे हैं या झूठ ? लेकिन एक बात तो स्पष्ट दिख रही है कि फिलहाल शासन के खजाने को 3.50 करोड़ रूपये की क्षति पहुंची है। वहीं वर्तमान डीएफओ का स्थानांतरण हो जाने के कारण उनके द्वारा फोन नहीं उठाने से उनसे बात नहीं हो पाई है।
बता दें वित्तीय वर्ष 2020- 21 में कैंपा मद से 40 करोड़ रूपए की लागत से लगभग 101 नग एनीकट का निर्माण मरवाही वन मण्डल में कराया गया था। शासन द्वारा स्वीकृति आदेश में स्पष्ट रूप से उल्लेख है कि रॉयल्टी राशि की कटौती करने के पश्चात ही संबंधित सप्लायर या ठेकेदार को भुगतान किया जाए। उसके बावजूद शासन के इस निर्देश का पालन मरवाही वन मंडल में तत्कालीन डीएफओ राकेश कुमार मिश्रा (रिटायर्ड) एवं संबंधित शाखा प्रभारी लेखापाल व कर्मचारी के द्वारा नहीं किया गया और सांठगांठ करके सप्लायर साहिल इंटरप्राइजेस बिलासपुर को रॉयल्टी राशि कटौती किए बगैर लगभग 30 करोड़ रुपए का भुगतान कर दिया गया, जिससे शासन को लगभग 3.50 करोड़ रुपए की क्षति पहुंची। जिसकी शिकायत जिला कांग्रेस के महामंत्री पुष्पराज सिंह ठाकुर के द्वारा किए जाने पर जीपीएम कलेक्टर प्रियंका ऋषि महोबिया ने जांच का निर्देश जिला खनिज अधिकारी को दिया है। शिकायतकर्ता ने मांग किया है कि शासन के नियमानुसार ठेकेदार की जमा राशि और टीडीआर को जब्त करके 3.50 करोड़ रूपए की वसूली करके शासन के खजाने में जमा किया जाना चाहिए।
54100 घन मीटर गिट्टी और 27000 घन मीटर रेत की रॉयल्टी वसूली बिना भुगतान किया गया
कुल 53 नग एनीकट निर्माण जिनकी लंबाई 29 मीटर एवं 48 नग एनीकट निर्माण जिसकी लंबाई 16 मीटर व 12 मीटर है। इस प्रकार कुल एनीकट निर्माण में गिट्टी 40 एमएम 13400 घन मीटर, गिट्टी 20 एमएम कुल 40700 घन मीटर, रेत 27000 घन मीटर की सप्लाई संबंधित फर्म के द्वारा किया गया, लेकिन एक भी अभिवहन पास (रॉयल्टी पर्ची) विभाग में जमा नहीं किया गया जिस पर नियमानुसार रॉयल्टी व बाजार मूल्य की राशि वसूली गिट्टी 531 रूपये प्रति घन मीटर, रेत 234 रूपये प्रति घन मीटर किया जाना था। जो कि संबंधित कैंपा प्रभारी व कैंपा सहायक भूपेंद्र साहू के द्वारा नहीं किया गया।
सरकारी निर्माण कार्यों में रॉयल्टी काटने का नियम है, जिसका पालन मरवाही वन मंडल में नही हुआ
लोक निर्माण विभाग, जल संसाधन विभाग या अन्य सरकारी निर्माण एजेंसियों के द्वारा रॉयल्टी पर्ची जमा नहीं करने पर नियमानुसार रॉयल्टी बाजार मूल्य पर कतौती की जाती है एवं कटौती की गई समस्त राशि शासन के खजाने में जमा किया जाता है परंतु इसका पालन मरवाही वन मंडल में नही किया जा रहा है।
ठेकेदार और सप्लायर की मिलीभगत से शासन के खजाने को क्षति पहुंचाया गया
संबंधित ठेकेदार साहिल इंटरप्राइजेस बिलासपुर के द्वारा अब तक एक भी घन मीटर गिट्टी या रेत का रॉयल्टी पर्ची जमा नहीं किया गया है। उसके बाद भी नियम विरुद्ध वन विभाग के द्वारा उक्त फर्म से वसूली की कार्यवाही नहीं की जा रही है। इस प्रकार कुल 3 करोड़ 50 लाख रुपए रॉयल्टी राशि की हेराफेरी संबंधित सप्लायर, कैंपा सहायक भूपेंद्र साहू पूर्व डीएफओ राकेश कुमार मिश्रा की मिलीभगत से किया गया है।
सप्लायर के जमा अमानत राशि से रॉयल्टी काटी जानी चाहिए
वर्तमान में साहिल इंटरप्राइजेज बिलासपुर का अमानत राशि लगभग 10 करोड़ रूपए मरवाही वन मंडल कार्यालय में जमा है, जिसमें से रॉयल्टी राशि 3.50 करोड़ रूपए कटौती की जा सकती है।
मास्टर माइंड भूपेंद्र साहू 5 वर्षो से मरवाही वन मण्डल में पदस्थ
कैंपा सहायक भूपेंद्र साहू 5 वर्षों से मरवाही वन मंडल में पदस्थ है और यह अनियमितता उसी के प्रभार वाले शाखा में हुआ है। इस शाखा में लाखों रुपए का अनियमितता लगातार किया जा रहा है। उक्त कर्मचारी भूपेंद्र साहू के द्वारा शासन को करोड़ों की क्षति पहुंचाई गई है।
भुगतान संबंधी कार्य डीएफओ कार्यालय से किया जाता है – रेंजर
निर्माण सामग्री का क्रय एवं भुगतान वन परिक्षेत्र अधिकारी के द्वारा नहीं किया जाता है। परिक्षेत्र अधिकारी को सप्लायर से प्राप्त सामग्री की जानकारी वन मंडल अधिकारी कार्यालय में देने के बाद वहीं से सप्लायर को भुगतान किया जाता है। – डीपीएस तंवर, वन परिक्षेत्र अधिकारी, मरवाही एवं पेण्ड्रा
सप्लायर की जमा राशि को राजसात किया गया था – तत्कालीन डीएफओ
इस मामले में तत्कालीन डीएफओ राकेश मिश्रा ने कहा है कि रायल्टी जमा करना सप्लायर की जिम्मेदारी थी। रायल्टी जमा नहीं करने पर उनके कार्यकाल में सप्लायर की जमा राशि को राजसात किया गया था।
कलेक्टर मैडम ने मामले में जांच का निर्देश दिया है – जिला खनिज अधिकारी
डिप्टी कलेक्टर एवं जीपीएम जिले के खनिज अधिकारी नीतिश वर्मा ने बताया कि कलेक्टर मैडम ने उन्हें रॉयल्टी संबंधी उपरोक्त मामले की जांच का निर्देश दिया है। जांच के बाद आगे की जानकारी दी जाएगी।
रॉयल्टी कटौती किए बिना सप्लायर को नियम विरूद्ध भुगतान किया गया – पुष्पराज सिंह
शिकायतकर्ता जिला कांग्रेस के महामंत्री पुष्पराज सिंह ने बताया कि मरवाही वन मंडल में सप्लायर और अधिकारियों ने सांठगांठ कर 3.50 करोड़ के रॉयल्टी राशि का गबन किया है, जिसकी शिकायत कलेक्टर से की गई है। रॉयल्टी कटौती किए बिना सप्लायर को नियम विरूद्ध 30 करोड़ रूपये का भुगतान कैंपा मद से पूर्व डीएफओ एवं कैंपा मद प्रभारी के द्वारा किया गया है।
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