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“बुध प्रदोष” को ग्यारह हजार पार्थिव शिवलिंग निर्माण सहित रुद्राभिषेक पूजन – समग्र ब्राह्मण परिषद् छत्तीसगढ़ का आयोजन

रायपुर -: ब्राह्मण सामाजिक संगठन समग्र ब्राह्मण परिषद् छत्तीसगढ़ द्वारा आज 6 अगस्त को पुरानी बस्ती स्थित श्री महामाया देवी मंदिर के सत्संग भवन सभागार में सावन माह के शुक्ल पक्ष की “बुध प्रदोष” तिथि को सनातन धर्म संरक्षण एवं लोक कल्याण के पावन उद्देश्य से 11,000 पार्थिव शिवलिंग निर्माण एवं रुद्राभिषेक पूजन सहित महाआरती का आयोजन किया गया.

संगठन की प्रदेश सचिव श्रीमती अर्चना दीवान एवं कार्य.प्रदेशाध्यक्ष पं.शैलेन्द्र रिछारिया ने आयोजन के विषय में जानकारी प्रदान की है कि विगत तीन वर्षों से आयोजित इस आयोजन के लिये बुधवार सुबह 7 बजे से पार्थिव शिवलिंग बनाने हेतु
गाय का गोबर, गुड़ , मक्खन और भस्म आदि मिलाकर शोधित एवं तैयार की गयी मिट्टी से “ॐ नम: शिवाय” का उच्चारण करते हुए उपस्थित सभी श्रद्धालुओं ने ग्यारह हजार से अधिक शिवलिंग निर्माण किया गया. इसके बाद सभी निर्मित पार्थिव शिवलिंग को श्री सत्संग भवन के सभागार में रुद्राभिषेक पूजन के लिये स्थापित किया गया.

संगठन समाचार प्रभाग के‌ प्रदेश मिडिया प्रभारी पं.उमाकांत तिवारी एवं रायपुर युवा परिषद् के जिलाध्यक्ष पं.विजय पांडेय ने बताया कि पूजन का प्रारंभ श्री महामाया देवी मंदिर में प्रतिष्ठित सभी देवी देवताओं को नारियल, फूल, अक्षत आदि समर्पित कर किया गया तत्पश्चात सभागार मंच पर स्थापित गौरी-गणेश, कलश, षोडश मातृका, नवग्रह सहित वेदी आदि का आव्हान, प्रतिष्ठापन, षोडशोपचार पूजन संपन्न हुआ. पूजा के अगले क्रम में सभी श्रद्धालुओं ने आचार्य अभय शर्मा, आचार्य मृगांक तिवारी, आचार्य मृदुल तिवारी, आचार्य प्रहलाद मिश्रा, आचार्य सुरेंद्र शर्मा के मार्गदर्शन में पार्थिव शिवलिंगों की विधिपूर्वक पूजा सहित यजुर्वेद की शुक्लयजुर्वेद संहिता के ‘रुद्राष्टाध्यायी’ मंत्रों के सस्वर पाठ से दूध, दही, शर्करा, मधुरस, घी, गंगाजल मिश्रित जल से रुद्राभिषेक किया. रुद्राभिषेक के बाद भगवान भोलेनाथ का श्रृंगार आदि पूजन किया गया, इसके बाद भगवान भोलेनाथ एवं महामाया माता की महाआरती की गई.

संगठन के प्रदेशाध्यक्ष डा.भावेश शुक्ला “पराशर” ने इस आयोजन के विषय में विशेष जानकारी देते हुये बताया कि सनातन धर्म में बुध प्रदोष व्रत का विशेष महत्व है. त्रयोदशी तिथि भगवान शिव को समर्पित है और इस व्रत करने से संतान सुख प्राप्त होता है और जीवन के सभी संकट भी दूर होते हैं. धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक बुध प्रदोष व्रत करने से कुंडली में बुध ग्रह मजबूत होता है और बुद्ध के अशुभ प्रभाव भी दूर होते हैं. समग्र ब्राह्मण परिषद् छत्तीसगढ़ द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम का यह चौथा वर्ष है. इस आयोजन में सैकड़ों सनातनी श्रद्धालु भक्तों ने परिवार सहित अपनी सहभागिता दर्ज की. प्रत्येक वर्ष इस आयोजन के लिए संपूर्ण पूजन सामग्री संगठन द्वारा नि:शुल्क उपलब्ध ‌कराई जाती है.

सायंकाल 4 बजे बाजे गाजे एवं आतिशबाजी के साथ विसर्जन झांकी निकाली गई जिसमें सभी पार्थिव शिवलिंगों को दूधाधारी मंदिर स्थित महाराजबंद तालाब में विसर्जित किया गया, इसके बाद पारंपरिक रूप से सभी श्रद्धालुओं को बिठाकर भंडारा प्रसादी का वितरण भी किया गया. इस आयोजन में रायपुर जिला, शहर सहित दुर्ग, बालोद, बिलासपुर, छुईखदान के सनातन धर्मानुरागी श्रद्धालु सम्मिलित हुये.

इस कार्यक्रम में श्री महामाया देवी मंदिर सार्वजनिक न्यास के अध्यक्ष पं.व्यासनारायण तिवारी, सचिव पं.दुर्गा प्रसाद पाठक, मंदिर व्यवस्थापक पं.विजय कुमार झा, पं.उपेन्द्र शुक्ला, विजयशंकर अग्रवाल एवं न्यासी सदस्यों सहित श्रीमती प्रमिला तिवारी, पं.शैलेन्द्र शर्मा, पं.गौरव मिश्रा, पं.विवेक दुबे, पं.श्रीकांत तिवारी, क्रांति कुमार अग्रवाल, श्रीमती कालिंद्री उपाध्याय, श्रीमती राजेश्वरी शर्मा, श्रीमती सीमा दुबे, श्रीमती स्वाति मिश्रा, श्रीमती भारती शर्मा, श्रीमती प्रीति तिवारी, श्रीमती संध्या उपाध्याय, श्रीमती नमिता शर्मा, पं.संजय शर्मा, पं.रामानुज तिवारी, पं., पं. सजल तिवारी, पं.श्रीकांत तिवारी, पं. दीपक शुक्ला, पं.चक्रेश तिवारी, पं.अमित जोशी एवं श्रीमती डाली तिवारी, श्रीमती स्वाति शर्मा, श्रीमती उमा चौबे, श्रीमती कृतिका सजल तिवारी, पं.वैभव शर्मा, दिलीप अग्रवाल, मदन यदु, चेतन धीवर, कैलाश पटेल, वैदिक तिवारी का विशेष योगदान रहा.