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शिक्षकों को भी स्थानांतरण नीति का प्राप्त हो लाभ

रायपुर। छत्तीसगढ़ प्रदेश संयुक्त शिक्षक संघ ने प्रदेशभर के शिक्षकों को स्थानांतरण नीति से अलग किए जाने को अनुचित करार दिया है। संघ के जिलाध्यक्ष नीलेश रामटेके ने बताया कि छत्तीसगढ़ शासन सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा पांच जून 2025 को जारी स्थानांतरण नीति के अनुसार प्रदेश के शासकीय कर्मचारियों का स्थानांतरण किया जाना है, लेकिन यह स्थानांतरण नीति स्कूल शिक्षा विभाग के अंतर्गत शिक्षकीय कार्य में पदस्थ शिक्षकगणों पर लागू नहीं होगा अर्थात प्रदेश के शिक्षकों का इस नीति के तहत जिला व राज्य स्तर पर स्थानांतरण नहीं हो पायेगा। इससे लंबे समय से स्थानांतरण का बाट जोह रहे शिक्षकों को शासन ने एक बार फिर से निराश किया है। उन्होंने आगे कहा कि जिले सहित प्रदेश में ऐसे कई शिक्षक हैं, जिनमें *पति व पत्नी दोनों* ही शिक्षक के पद पर कार्यरत हैं और अलग-अलग जिला या ब्लॉक में कार्यरत होने के कारण पारिवारिक दायित्वों के निर्वहन में कठिनाईयो का सामना कर रहे हैं । ऐसे शिक्षक पति-पत्नी एक स्थान पर पदांकन के लिए स्थानांतरण की राह देख रहे थे लेकिन उन्हें निराश होना पड़ा है। इसके साथ ही कुछ शिक्षक स्वयं या अपने माता-पिता या पुत्र-पुत्री के गंभीर बीमारी से पीड़ित होने के कारण इलाज के लिए सुविधा वाले स्थान पर जाना चाह रहे थे। कई शिक्षक समान पद व विषय के आधार पर आपसी सहमति से सुविधादायक स्थान पर स्थानांतरण कराना चाह रहे थे, लेकिन इन सभी शिक्षकों को इसका लाभ नहीं मिल पायेगा। संघ के जिलाध्यक्ष नीलेश रामटेके, जिला सचिव ओगेश्वर साहू, कुमुदनी वैद्य, रेणु जामगड़े, सुशीला सोनी, तिलोत्तमा बढ़गे, लीना देवांगन, कविता चतुर्वेदी,रुकधन चुरेंद्र, जगदीश वर्मा, भुनेश्वर कोर्राम, डोमन साहू, कोमल ठाकुर आदि ने वर्तमान स्थानांतरण नीति में शिक्षकों को भी शामिल करने की मांग किया है।