बिलासपुर। राज्य सरकार ने प्रदेश के शिक्षा व्यवस्था क़ो दुरुस्त करने के लियॆ राज्य के अतिशेष शिक्षकों क़ो युक्ति युक्त करण करने की रूपरेखा क़ो अमलीजामा पहनाने कार्योंजना बना कर क्रियान्वयन शुरू कर दिया है इस हेतु किसी भी प्रकार के न्यायालयीन पचड़े मे आने के पूर्व सरकार के महाधिवक्ता के माध्यम से हाईकोर्ट मे एक केवियेट दायर कर किसी भी प्रकार की अपील क़ो सुनने से पहले सरकार का पक्ष लिया जावे।
केवियेट इस प्रकार है।
यह कि, छत्तीसगढ़ सरकार ने दिनांक 09/07/2024 को आयोजित अपने कैबिनेट में ऐसे स्कूलों और शिक्षकों का युक्तियुक्तकरण करने का निर्णय लिया है, जहां स्वीकृत पदों से अधिक शिक्षक पदस्थ हैं, ताकि राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 और शिक्षा का अधिकार अधिनियम, 2009 के अनुसार स्कूल में प्रवेशित छात्र/बच्चों के अनुपात में शिक्षकों की पदस्थापना सुनिश्चित की जा सके, जो छात्रों के व्यापक हित में उपयुक्त हो और आगे ऐसे स्कूलों में शिक्षकों की पदस्थापना सुनिश्चित की जा सके, जहां या तो एकल शिक्षक या कोई शिक्षक पदस्थ नहीं है और ऐसे युक्तियुक्तकरण के लिए, स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा दिनांक 02/08/2024 को एक व्यापक दिशा-निर्देश तैयार किया गया है, जो कि छत्तीसगढ़ राज्य के सभी जिला कलेक्टरों और सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को संबोधित है। ऐसी आशंका है कि अंतरिम राहत के लिए आवेदन के साथ एक रिट याचिका दायर की जा सकती है, जिसमें राज्य सरकार द्वारा जारी दिनांक 02/08/2024 के उक्त निर्णय और युक्तिकरण के दिशा-निर्देशों को चुनौती दी जा सकती है और उक्त निर्णय और दिशा-निर्देशों के खिलाफ अंतरिम आदेश की प्रार्थना की जा सकती है। ऐसी याचिका दायर करने की स्थिति में, न्याय के हित में यह आवश्यक होगा कि न्याय के उद्देश्य से कोई भी आदेश पारित करने से पहले कैवेटर/राज्य सरकार को सुनवाई का अवसर दिया जाए।
कैविएटर को नोटिस देने का पता नीचे दिया जा रहा है।


